| अजित पवार | 64 वर्ष | उपमुख्यमंत्री, महाराष्ट्र |
अजित अनंतराव पवार ने 2 जुलाई, 2023 को तब इस उक्ति को फिर साबित किया कि राजनीति संभावना की कला है, जब उन्होंने पवार नाम के मूल स्रोत से अलग होकर अलग पहचान बनाई. उन्होंने न केवल शरद पवार की बनाई नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) को दो-फाड़ किया बल्कि इस उथल-पुथल के बीच चाचा को साथ आने का प्रस्ताव देकर इस विघटन को टालने की जिम्मेदारी उन पर ही डालने की कोशिश भी की. महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार में शामिल होते ही एक झटके में उनका दर्जा नेता विपक्ष से बदलकर उपमुख्यमंत्री हो गया. इसके साथ, विभिन्न महत्वपूर्ण मंत्रालय भी उनके हाथ आ गए. यही नहीं, बगावत में साथी बने सभी आठ विधायक भी कैबिनेट मंत्री का रुतबा पाने में सफल रहे. यह सब ऐसे समय हुआ जबकि कुछ दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 70,000 करोड़ रुपए के कथित घोटालों को लेकर एनसीपी को घेरा था. ऐसे में अटकलों का बाजार गर्म रहा कि क्या इस बगावत के पीछे केंद्रीय एजेंसियों का डर बड़ा कारण था या उनके तरफ से बताई गई महाराष्ट्र के विकास की चिंता.
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फिर उसी बुलंदी पर
वनडे विश्व कप के फाइनल में चौंकाने वाली हार के महज सात महीने बाद भारत ने जबरदस्त वापसी की और जून 2024 में टी20 विश्व कप जीतकर क्रिकेट की बुलंदियों एक को छुआ
आखिरकार आया अस्तित्व में
यह एक भूभाग पर हिंदू समाज के स्वामित्व का प्रतीक था. इसके निर्माण से भक्तों को एक तरह की परिपूर्णता और उल्लास की अनुभूति हुई. अलग-अलग लोगों के लिए राम मंदिर के अलग-अलग अर्थ रहे हैं और उसमें आधुनिक भारत की सभी तरह की जटिलताओं- पेचीदगियों की झलक देखी जा सकती है
बंगाल विजयनी
केवल आर. जी. कर और संदेशखाली घटनाक्रमों को गिनेंगे तो लगेगा कि 2024 ममता बनर्जी के लिए सबसे मुश्किल साल था, मगर चुनावी नतीजों का संदेश तो कुछ और ही
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सियासी माहौल कब किस करवट बैठने के लिए मुफीद है, यह नीतीश कुमार से बेहतर शायद ही कोई जानता हो. इसी क्षमता ने उन्हें मोदी 3.0 में एक मजबूत स्तंभ के तौर पर स्थापित किया
शेरदिल सियासतदां
विधानसभा चुनाव में शानदार जीत ने न केवल उनकी पार्टी बल्कि कश्मीर का भी लंबा सियासी इंतजार खत्म कराया. मगर उमर अब्दुल्ला को कई कड़ी परीक्षाओं से गुजरना पड़ रहा—उन्हें व की बड़ी उम्मीदों पर खरा उतरना है, तो जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा वापस मिलने तक केंद्र से जूझना भी है
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मनु भाकर ने पेरिस 2024 ओलंपिक में बदलाव की शानदार पटकथा लिखी. अटूट इच्छाशक्ति से अतीत की निराशा को पीछे छोड़कर उन्होंने अपना भाग्य गढ़ा
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बातें दिल्ली के व्यंजनों की
एकेडमिक, इतिहासकार और देश के सबसे पसंदीदा खानपान लेखकों में से एक पुष्पेश पंत की ताजा किताब फ्रॉम द किंग्ज टेबल टु स्ट्रीट फूड: अ फूड हिस्ट्री ऑफ देहली में है राजधानी के स्वाद के धरोहर की गहरी पड़ताल
दो ने मिलकर बदला खेल
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