![हरियाणा के नए नायब हरियाणा के नए नायब](https://cdn.magzter.com/India Today Hindi/1710742464/articles/9kIFCls3j1710762650201/1710762885292.jpg)
जिसकी उम्मीद नहीं होती, वही होता है. यह अब भाजपा की रणनीति का सूत्र वाक्य बन गया है. लेकिन इसमें हमेशा अनंत संभावनाएं होती हैं. राजनीति के खेल का पांसा किसकी तरफ गिरेगा, कोई भष्यवाणी नहीं कर सकता. 12 मार्च को यह पांसा गिरा लंबी काया और घनी दाढ़ी वाले नायब सिंह सैनी के नाम के आगे. भाषण और तौर-तरीकों से मृदु, संभवतः महत्वांकाक्ष से भी परे, कुरुक्षेत्र के 54 वर्षीय सांसद के लिए भी यह उतना ही अचरज भरा था जितना 2014 में मनोहर लाल खट्टर के लिए, जब उन्हें हरियाणा का मुख्यमंत्री चुना गया था. खट्टर के लिए भी यह उतना ही अनपेक्षित और आश्चर्यजनक था जब 10 साल के कार्यकाल से 6 महीने पहले उन्हें जाना पड़ा. ठीक एक दिन पहले ही शानदार नए द्वारका एक्सप्रेसवे पर जब वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ चल रहे थे तो 69 वर्षीय खट्टर उनके साथ एकदम सुरक्षित महसूस कर रहे थे. पिछड़े वर्ग से आने वाले सैनी को उनके वफादारों में गिना जाता है लेकिन उन्हें भी वास्तव में कभी भी विरासत संभालने के लिए तैयार नहीं किया गया. और न ही उन्होंने पीढ़ीगत परिवर्तन के लिए अपने आप को अग्रणी विकल्प के रूप में पेश किया. इसी के साथ हरियाणा में भी वही कहानी दोहराई गई जो भाजपा ने पहले गुजरात, उत्तराखंड और कर्नाटक में मतदाताओं का सामना करने के लिए नए मुख्यमंत्री के रूप में रची. इस खेल का एक मोहरा भी इसी के साथ परे कर दिया गया, शायद बाद में जिसे दोबारा फिट किया जाए. दुष्यंत चौटाला के नेतृत्व वाली जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) बाहर हो गई. इस सहयोगी दल ने 2019 में बहुमत का आंकड़ा पाने में मदद की थी.
इस बड़े बदलाव के क्या मायने हैं, जमी - जमाई चीजों को हटाने का क्या मतलब है? यह अप्रासंगिक नहीं है कि हरियाणा में भाजपा को मतदाताओं का दो मोर्चों पर सामना करना पड़ेगा: सितंबर में नई विधानसभा के लिए राज्य में चुनाव से पहले गर्मियों में आम चुनाव में लोकसभा की 10 सीटों पर उसके लिए बड़े दांव लगे हैं. लिहाजा सत्ता के केंद्रों में परिवर्तन और विधायक गणित में फेरबदल करके, जिससे जातीय समीकरण भी साधने की कोशिश की गई है, एक ही बार में दोनों खेलों की व्यूह रचना की गई है.
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![लीक से हटकर लीक से हटकर](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1939311/Ehcv5sh7X1735211609339/1735211811422.jpg)
लीक से हटकर
मध्य प्रदेश में जंगली सैर से लेकर लद्दाख में पश्मीना के इतिहास को जानने तक, हमने कुछ खास यात्रा अनुभवों की सूची तैयार की है जो आपको एक अनदेखे भारत के करीब ले जाएंगे
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खूबसूरत काया का जलवा
भारत की खूबसूरत बालाएं और वैश्विक सौंदर्य प्रतियोगिताएं, लगता है नब्बे के दशक से एक-दूसरे के लिए ही बनी हैं. और यह सिर्फ किस्मत की बात नहीं. खिताब जीतने वाली कई सुंदरियों ने बाद में इसके सहारे अपने करियर को बुलंदियों पर पहुंचाया
![खरीदारी का मॉडर्न ठिकाना खरीदारी का मॉडर्न ठिकाना](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1939311/biMEmSvWB1735211334108/1735211447467.jpg)
खरीदारी का मॉडर्न ठिकाना
शॉपिंग मॉल भारत में '90 के दशक की ऐसी अनूठी घटना है जिसने भारतीय मध्य वर्ग की खरीद के तौर-तरीकों को बदल दिया. 'खरीदारी के साथ-साथ मनोरंजन' केंद्र होने की वजह से वे अब कामयाब हैं. वहां हर किसी के लिए कुछ न कुछ है
![छलकने लगे मस्ती भरे दिन छलकने लगे मस्ती भरे दिन](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1939311/JGqcFsAK51735211211620/1735211328460.jpg)
छलकने लगे मस्ती भरे दिन
यूबी की किंगफिशर ने 1990 के दशक में बीयर को कूल बना दिया. तब से घरेलू अल्कोहल उद्योग के जोशीले दिन कभी थमे नहीं
![डिस्को का देसी अंदाज डिस्को का देसी अंदाज](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1939311/OK2Mfcjpj1735211012942/1735211204802.jpg)
डिस्को का देसी अंदाज
घर हो या कोई भी नुक्कड़-चौराहा, हर तरफ फिल्मी गानों की बादशाहत कायम थी. उसके अलावा जैसे कुछ सुनाई ही नहीं पड़ता था. तभी भारतीय ब्रिटिश गायकसंगीतकार बिट्टू ने हमें नाजिया से रू-ब-रू कराया, जिनकी आवाज ने भारतीयों को दीवाना बना दिया. सच में लोग डिस्को के दीवाने हो गए. इसके साथ एक पूरी शैली ने जन्म लिया
![जिस लीग ने बनाई नई लीक जिस लीग ने बनाई नई लीक](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1939311/MBR7TyIDD1735210885662/1735211003314.jpg)
जिस लीग ने बनाई नई लीक
लगातार पड़ते छक्के, स्टैंड में बॉलीवुड सितारों और नामी कॉर्पोरेट हस्तियों और सत्ता- रसूखदारों की चकाचौंध, खूबसूरत बालाओं के दुमके - आइपीएल ने भद्रलोक के इस खेल को रेव पार्टी सरीखा बना डाला, जहां हर किसी की चांदी ही चांदी है
![आनंद की विरासत आनंद की विरासत](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1939311/YQ8hxoWiw1735210617135/1735210876632.jpg)
आनंद की विरासत
विश्वनाथन आनंद अचानक ही सामने आए और दुनिया फतह कर ली. गुकेश के साथ 2024 में भारत को मिली उपलब्धि उसी विरासत का हिस्सा है
![जब स्वच्छता बन गया एक आंदोलन जब स्वच्छता बन गया एक आंदोलन](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1939311/FB71dS2VU1735210347169/1735210609474.jpg)
जब स्वच्छता बन गया एक आंदोलन
सामूहिक शर्म से लेकर राष्ट्रीय गौरव तक, खुले में शौच का चलन खत्म करने के देश के सफर में मजबूत सियासी इच्छाशक्ति और नेतृत्व के साथ-साथ समुदाय, कॉर्पोरेट और सेलेब्रिटी के मिलकर काम करने की दास्तान शामिल
![जब मौन बन गया उद्घोष जब मौन बन गया उद्घोष](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1939311/bAojnOxaA1735210163866/1735210312474.jpg)
जब मौन बन गया उद्घोष
एक पनबिजली परियोजना के विरोध में पर्यावरणविदों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, कवियों और पत्रकारों ने मिलकर जन जागरुकता अभियान चलाया और भारत के अब बचीखुची उष्णकटिबंधीय वर्षावनों में से एक, केरल की साइलेंट वैली को बचाने में कामयाब रहे।
![बताने को मजबूर हुए बाबू बताने को मजबूर हुए बाबू](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1939311/ixwvMfK3D1735209710988/1735210152283.jpg)
बताने को मजबूर हुए बाबू
जमीनी स्तर पर संघर्ष से जन्मे इस ऐतिहासिक कानून ने भारत में लाखों लोगों के हाथों में सूचना का हथियार थमाकर गवर्नेस को न सिर्फ बदल दिया, बल्कि अधिकारों की जवाबदेही भी तय करने में बड़ी भूमिका निभाई