![नहरें: थीं तो बेशक ये पानी के ही लिए नहरें: थीं तो बेशक ये पानी के ही लिए](https://cdn.magzter.com/India Today Hindi/1726482005/articles/BFgxROpBH1726487284654/1726487522838.jpg)
कृष्ण कुमार अपने गांव के राशन डीलर हैं. जब 1976 में गंडक परियोजना के तहत टेढ़ीघाट से उनके गांव तक नहर की खुदाई हो रही थी तब वे बीस साल के थे. वे बताते हैं, "गयासुद्दीन ठेकेदार को नहर खुदवाने का ठेका मिला था. उस वक्त हमारे खेतों में गेहूं पकने ही वाला था. लेकिन गेहूं काटकर फेंक दिया गया. कहा गया सरकारी काम है. फिर कुदाली से नहर खुदी. मशीनें भी आईं. नहर खुदी तो कहा गया कि अब दो सीजन अच्छी खेती होगी. लेकिन तब नहर तो खुद गई, पानी कभी नहीं आया. गांव के लोग इंतजार ही करते रह गए."
यह कहानी गंडक नदी से निकली उन नहरों की है, जो सीवान शहर से बिल्कुल सटे जुड़कन, मड़कन, पैगंबरपुर और आसपास के कई गांवों से होकर निकलती हैं. गंडक परियोजना से निकली नहरों की तीन लघु उप नहर जिसे स्थानीय भाषा में जलवाहा भी कहते हैं, के बारे में स्थानीय किसान कहते हैं कि इनमें कभी पानी नहीं आया. ये तीनों लघु उप नहरें टेढ़ीघाट मुख्य नहर के पास से निकली हैं. टेढ़ीघाट नहर के पास आज भी लोहे का एक गेट बना है, जिसे उठाने पर पानी इन लघु उप नहरों में जा सकता है. मगर किसान बताते हैं कि उस गेट को आज तक उठाया ही नहीं गया.
जुड़कन गांव के किसान जीतन चौधरी सीवान शहर से उनके गांव की तरफ आने वाली मुख्य सड़क के किनारे टेढ़ीघाट-जुड़कन लघु उप नहर की शाखा के अवशेषों को दिखाते हैं. सड़क के किनारे छोटी-सी पुलिया है और उसके दोनों तरफ तीन-चार फुट गहरा गड्ढा है, जिसमें दोनों तरफ झाड़ियां उगी हैं. देखकर बिल्कुल नहीं लगता कि यहां कोई नहर होगी. मगर जब वे उस नहर के किनारे बनी ईंट की सड़क से हमें थोड़ा अंदर ले जाते हैं, तो समझ आता है कि यह छोटी और पतली-सी नहर है, जहां झाड़ियां उग गई हैं.
هذه القصة مأخوذة من طبعة September 25, 2024 من India Today Hindi.
ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 9,000 مجلة وصحيفة.
بالفعل مشترك ? تسجيل الدخول
هذه القصة مأخوذة من طبعة September 25, 2024 من India Today Hindi.
ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 9,000 مجلة وصحيفة.
بالفعل مشترك? تسجيل الدخول
![तन्हाई में तारों से बातें तन्हाई में तारों से बातें](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1997604/KkYi-s4Uf1739799502351/1739799613388.jpg)
तन्हाई में तारों से बातें
पूर्वा नरेश ने दोस्तोएव्स्की की कहानी व्हाइट नाइट्स के अपने म्यूजिकल रूपांतरण चांदनी रातें में नौटंकी शैली का उपयोग किया
![धुरंधरों के साथ नए चेहरे भी धुरंधरों के साथ नए चेहरे भी](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1997604/qNiEvMoj_1739798778622/1739799025940.jpg)
धुरंधरों के साथ नए चेहरे भी
विश्व शतरंज चैंपियन डी. गुकेश और पैरालंपिक में शानदार प्रदर्शन करने वालीं तीरअंदाज शीतल देवी लोगों की नई पसंद हैं. पुरुष-महिला क्रिकेटर तो खैर शीर्ष पर हैं ही. सिंधु और नीरज भी अपनी सूची में दूसरों से काफी आगे रहते हुए चोटी पर
![पक्ष में सबसे ज्यादा योग पक्ष में सबसे ज्यादा योग](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1997604/1KjgoeYER1739797917636/1739798047739.jpg)
पक्ष में सबसे ज्यादा योग
आठ साल से उत्तर प्रदेश की सत्ता पर काबिज योगी आदित्यनाथ ने लगातार 10वीं बार सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्री का दर्जा हासिल कर दर्शा दिया है कि देशभर में उनकी लोकप्रियता का कोई सानी नहीं
![कुछ तो पक रहा है कुछ तो पक रहा है](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1997604/LTVA_wBh-1739799397242/1739799499364.jpg)
कुछ तो पक रहा है
अभिनेत्री सान्या मल्होत्रा ने फिल्म मिसेज में दमदार काम किया है, जो 2021 की मलयालम फिल्म द ग्रेट इंडियन किचन की हिंदी रीमेक है
![अब पंजाब की पहरेदारी अब पंजाब की पहरेदारी](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1997604/8XJdjA3wB1739796311485/1739796457045.jpg)
अब पंजाब की पहरेदारी
अरविंद केजरीवाल के लिए सवाल यह नहीं है कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) का भविष्य है या नहीं. उनके लिए प्रश्न यह है कि पार्टी राष्ट्रीय राजनीति में एक आइडिया के रूप में प्रासंगिक रहेगी या नहीं. दिल्ली में पार्टी की हार के तीन दिन बाद 11 फरवरी को मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में पंजाब के 95 में से 86 आप विधायकों के साथ उनकी आधे घंटे बैठक हुई. माना जाता है कि इसमें केजरीवाल ने बताया कि पार्टी के भविष्य को लेकर उनके मन में क्या है.
![चौकन्ना रहने की जरूरत चौकन्ना रहने की जरूरत](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1997604/EZZRCWmXZ1739798370280/1739798495822.jpg)
चौकन्ना रहने की जरूरत
आम तौर पर मोदी सरकार की विदेश नीति लोगों को पसंद आती है लेकिन कई लोगों का मानना है कि पड़ोसी देशों के साथ रिश्ते खराब हुए हैं. बांग्लादेश में हिंदुओं की दुर्दशा पर भारत की प्रतिक्रिया को लेकर भी लोग फिक्रमंद
![हमारे गेहुंएपन का स्वीकार हमारे गेहुंएपन का स्वीकार](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1997604/LlGFceKe51739799217629/1739799396270.jpg)
हमारे गेहुंएपन का स्वीकार
एक मजहब का धर्म रु चुनने की प्रक्रिया के बहाने हमें सहिष्णुता और स्वीकार के सार्वभौमिक धर्म की सीख दे जाती है एडवर्ड बर्गर की कॉन्क्लेव
![भाजपा ने ऐसे जीता दिल्ली का दुर्ग भाजपा ने ऐसे जीता दिल्ली का दुर्ग](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1997604/3573rr2xc1739796211678/1739796309010.jpg)
भाजपा ने ऐसे जीता दिल्ली का दुर्ग
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 8 फरवरी को जब भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे तो उनका उत्साह हमेशा के मुकाबले एक अलग ही मुकाम पर था.
![विकास की कशमकश विकास की कशमकश](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1997604/NSBwWnhnm1739797282517/1739797660783.jpg)
विकास की कशमकश
एक ओर जहां कमजोर मांग, कम निवेश और दुनियाभर में अनिश्चितता की वजह से भारत की वृद्धि पर असर पड़ रहा है, वहीं आसमान छूती महंगाई और बढ़ती बेरोजगारी कर में मिली राहत को ढक रही है. इन सबकी वजह से आम आदमी का संघर्ष और आर्थिक परेशानियां बढ़ रहीं
![उथल-पुथल का आलम उथल-पुथल का आलम](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1997604/R77_jKKQS1739798498314/1739798692561.jpg)
उथल-पुथल का आलम
सामाजिक-राजनैतिक सुधारों के लिए सरकार को मजबूत समर्थन मिल रहा मगर लोकतंत्र, धार्मिक ध्रुवीकरण और महिला सुरक्षा को लेकर चल रही खदबदाहट से इससे जुड़ी चिंताएं उजागर