महीनों से जारी अटकलों को विराम देते हुए 29 सितंबर को उदयनिधि स्टालिन को लनाडु का उ बना दिया गया. यह इस बात का संकेत है कि मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन 2026 की गर्मियों में होने वाले तमिलनाडु विधानसभा चुनाव के लिए अभी से पुख्ता रणनीति बनाने में जुट गए हैं. 2019 से द्रविड़ मुनेत्र कलगम (डीएमके) की युवा इकाई के नेता, 2021 से विधायक और 2022 से युवा कल्याण एवं खेल विकास मंत्री का पद संभाल रहे उदयनिधि शासन की बारीकियों से वाकिफ हैं. हालांकि, पिता स्टालिन के साथ रहकर सीखने का दौर काफी छोटा रहा. उनकी तुलना में 70 के दशक में राजनैतिक जीवन शुरू करने वाले स्टालिन को उनके पिता और पांच बार के मुख्यमंत्री एम. करुणानिधि ने 2006 में जाकर मंत्री बनाया था और फिर 2009 में वे उपमुख्यमंत्री बने.
डीएमके अब करुणानिधि परिवार की एक 'कंपनी' की तरह चल रही है, जिसमें सांगठनिक स्तर पर दूसरे क्रम में निष्ठावान नेताओं की कोई कमी नहीं. पार्टी के ये समर्पित कार्यकर्ता और पदाधिकारी दो-तीन पीढ़ियों से लगातार करुणानिधि परिवार के साथ जुड़े हैं. यही वजह है कि शीर्ष पद पर बदलाव सहज और निर्विवाद रहा. उदयनिधि को योजना और विकास का अतिरिक्त प्रभार भी सौंपा गया है.
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