ओडिशा में पांच महीने पहले सत्ता मिलने पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को भी एक बार अचंभा हुआ होगा. पर उसके बाद से वह एक खास मकसद पर काम कर रही है : सुशासन का ऐसा मानदंड स्थापित करना, जो उसे उसकी पूर्ववर्ती सरकार से अलग और बेहतर साबित करे. पर अब उसके सामने चुनौती है: नितांत गरीबी की पृष्ठभूमि से उठकर आए और मुख्यमंत्री बने जमीनी नेता मोहन चरण माझी की लगातार नवीन पटनायक जैसे दिग्गज से तुलना, जिनके शासनकाल में राज्य में ऐसे कई महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए, जिन्हें नकारा नहीं जा सकता. अब इस तरह के विरोधाभासों के बीच सकारात्मक माहौल किस तरह से बनाया जाए ?
भाजपा ने उस वादे को पूरा करने की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं, जो उसने चुनाव से पहले किया था, "ओडिशा को बाबुओं के पंजे से निकालना. "नवीन पटनायक के शासनकाल को अक्सर 'अमलातंत्र' यानी नौकरशाही के दबदबे के दौर के रूप में देखा जाता था. यह तंत्र कितना प्रभावशाली था, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पूर्व आइएएस अफसर वी. के. पांडियन को '5टी (5 परिवर्तनकारी पहल)' अध्यक्ष के रूप में एक कैबिनेट रैंक वाला पद दिया गया था.
भाजपा का पहला मकसद तो यह पक्का करना था कि उसके शासनकाल में जनप्रतिनिधियों का दबदबा हो और बाबुओं की मनमानी न चले. टीम माझी का दावा है कि उसने यह लक्ष्य किसी नौकरशाह को नाराज किए बगैर पूरा किया है. एक कैबिनेट मंत्री का कहना है कि नई सरकार मंत्रियों और उनके सचिवों के बीच आपसी विश्वास और तालमेल के साथ काम कर रही है. उनका आरोप है कि बीजू जनता दल (बीजेडी) की पूर्ववर्ती सरकार में यह संतुलन कहीं नजर नहीं आता था.
इसके साथ ही भाजपा के पास दो और अहम मकसद हैं- विकेंद्रीकरण और आसान पहुंच. दोनों का इरादा नवीन शासन और मौजूदा सरकार के के फर्क को और स्पष्ट करना है. सरकार तक बेहतर ' पहुंच' की सोच के तहत मुख्यमंत्री माझी नागरिकों को सीधे शिकायत कक्ष के माध्यम से प्रशासनिक संपर्क का मौका दे रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लगातार यात्राओं से जाहिर है कि माझी सरकार का नई दिल्ली के साथ उम्दा तालमेल है. मोदी ने 17 सितंबर को भुवनेश्वर सुभद्रा योजना की शुरुआत की, जिसके तहत लाखों गरीब महिलाओं को पहले ही दो किस्तों में सीधी आर्थिक सहायता दी जा चुकी है. मोदी कई अन्य योजनाओं को भी हरी झंडी दिखाने वाले हैं.
هذه القصة مأخوذة من طبعة December 04, 2024 من India Today Hindi.
ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 9,000 مجلة وصحيفة.
بالفعل مشترك ? تسجيل الدخول
هذه القصة مأخوذة من طبعة December 04, 2024 من India Today Hindi.
ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 9,000 مجلة وصحيفة.
بالفعل مشترك? تسجيل الدخول
फिर उसी बुलंदी पर
वनडे विश्व कप के फाइनल में चौंकाने वाली हार के महज सात महीने बाद भारत ने जबरदस्त वापसी की और जून 2024 में टी20 विश्व कप जीतकर क्रिकेट की बुलंदियों एक को छुआ
आखिरकार आया अस्तित्व में
यह एक भूभाग पर हिंदू समाज के स्वामित्व का प्रतीक था. इसके निर्माण से भक्तों को एक तरह की परिपूर्णता और उल्लास की अनुभूति हुई. अलग-अलग लोगों के लिए राम मंदिर के अलग-अलग अर्थ रहे हैं और उसमें आधुनिक भारत की सभी तरह की जटिलताओं- पेचीदगियों की झलक देखी जा सकती है
बंगाल विजयनी
केवल आर. जी. कर और संदेशखाली घटनाक्रमों को गिनेंगे तो लगेगा कि 2024 ममता बनर्जी के लिए सबसे मुश्किल साल था, मगर चुनावी नतीजों का संदेश तो कुछ और ही
सत्ता पर काबिज रहने की कला
सियासी माहौल कब किस करवट बैठने के लिए मुफीद है, यह नीतीश कुमार से बेहतर शायद ही कोई जानता हो. इसी क्षमता ने उन्हें मोदी 3.0 में एक मजबूत स्तंभ के तौर पर स्थापित किया
शेरदिल सियासतदां
विधानसभा चुनाव में शानदार जीत ने न केवल उनकी पार्टी बल्कि कश्मीर का भी लंबा सियासी इंतजार खत्म कराया. मगर उमर अब्दुल्ला को कई कड़ी परीक्षाओं से गुजरना पड़ रहा—उन्हें व की बड़ी उम्मीदों पर खरा उतरना है, तो जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा वापस मिलने तक केंद्र से जूझना भी है
शूटिंग क्वीन
मनु भाकर ने पेरिस 2024 ओलंपिक में बदलाव की शानदार पटकथा लिखी. अटूट इच्छाशक्ति से अतीत की निराशा को पीछे छोड़कर उन्होंने अपना भाग्य गढ़ा
नया सितारा पॉप का
दुनियाभर के विभिन्न मंचों पर धूम मचाने से लेकर भाषाई बंधन तोड़ने और पंजाबी गौरव का परचम फिर बुलंद करने तक, दिलजीत दोसांझ ने साबित कर दिया कि एक सच्चा कलाकार किसी भी सीमा और शैली से परे होता है
बातें दिल्ली के व्यंजनों की
एकेडमिक, इतिहासकार और देश के सबसे पसंदीदा खानपान लेखकों में से एक पुष्पेश पंत की ताजा किताब फ्रॉम द किंग्ज टेबल टु स्ट्रीट फूड: अ फूड हिस्ट्री ऑफ देहली में है राजधानी के स्वाद के धरोहर की गहरी पड़ताल
दो ने मिलकर बदला खेल
हेमंत और कल्पना सोरेन ने झारखंड के राजनैतिक खेल को पलटते हुए अपनी लगभग हार की स्थिति को एक असाधारण वापसी में बदल डाला
बवंडर के बीच बगूला
आप के मुखिया के लिए यह खासे नाटकीय घटनाक्रम वाला साल रहा, जिसमें उनका जेल जाना भी शामिल था. अब जब पार्टी लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए दिल्ली पर राज करने की निर्णायक लड़ाई लड़ रही, सारी नजरें उन्हीं पर टिकीं