
थीं कई दुश्वारियां
सरकारी अफसरों को स घूस, जमीन से जुड़े फर्जीवाड़े, देरी, विवाद, किसानों को बैंकों से कर्ज न मिल पाना - जमीन के मालिकाना हक के अभिलेखों के मैन्युअल रखरखाव में ढेरों परेशानियां थीं. इससे निबटने के लिए केंद्र सरकार ने 1989 में भू अभिलेखों को कंप्यूटरीकृत करने का पायलट कार्यक्रम शुरू किया. यह बेहद अहम लेकिन विशालकाय काम चुनौतियों से भरा था. वजह यह थी कि जमीनी हकीकतें हर राज्य में अलग-अलग थीं. यहां तक कि अब भी भारत भर के 24,084 गांवों में भू अभिलेखों के कंप्यूटरीकरण का काम लटका हुआ है. डिजिटल इंडिया भूमि अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम (डीआइएलआरएमपी) के आंकड़ों के मुताबिक अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, नागालैंड सरीखे राज्य और लक्षद्वीप और अंडमान व निकोबार द्वीप समूह सरीखे केंद्र शासित प्रदेश सबसे निचले पांच में आते हैं.
यूं आसान हुआ जीवन
कर्नाटक का राजस्व विभाग 2002 तक पहले-पहल शुरू 'भूमि' किरायेदारी और फसल (आरटीसी) अभिलेख को डिजिटाइज करने वाला भारत का पहला राज्य बन गया था. आरटीसी मास्टर दस्तावेज है जिसमें संपत्ति के सारे ब्योरे-स्वामित्व, स्वत्वाधिकार में बदलाव, मिट्टी का प्रकार और फसलों की जानकारी होते हैं, जो बेचने, गिरवी रखने सरीखे लेनदेन या कृषि योजनाओं का फायदा लेने के लिए बेहद जरूरी हैं. डिजिटाइज होने के साथ आरटीसी ऑनलाइन सुलभ हो गया, जिससे भूमि अभिलेखों के प्रबंधन में क्रांति आ गई.
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ऐशो-आराम की उभरती दुनिया
भारत का लग्जरी बाजार 17 अरब डॉलर (1.48 लाख करोड़ रुपए) का है जिसकी सालाना वृद्धि दर 30 फीसद है.

भारत की प्राचीन बौद्धिक ताकत
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में इस सत्र का बेसब्री का इंतजार किया जा रहा था और विलियम डेलरिम्पिल ने निराश भी नहीं किया.

असीम आकाश का सूरज
गए साल गर्मियों में सूर्यकुमार यादव ने बारबाडोस के केंसिंग्टन ओवल मैदान की सीमारेखा पर ऐसा करतब दिखाया जिसने फतह और मायूसी के बीच की बारीक-सी लकीर को बेध दिया.

मौन क्रांति की नींव
भारत लगातार आगे बढ़ रहा है लेकिन यह यात्रा देश के दूरदराज इलाकों बन रहे बुनियादे ढांचे के बिना मुमकिन नहीं हो सकती.

सबके लिए एआइ
टोबी वाल्श आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) को समझाने के लिए जिसे मिसाल बनाना पसंद करते हैं, वह है बिजली. यह सब जगह है, दूरदराज के कोनों में भी.

उथल-पुथल के दौर में व्यापार
बराबरी का टैरिफ लगाने की तलवार सिर पर लटकी होने से भारत ने अमेरिका के साथ व्यापार समझौते को पक्का करने में कोई वक्त नहीं गंवाया, जिसका लक्ष्य द्विपक्षीय व्यापार को मौजूदा 200 अरब डॉलर (17.4 लाख करोड़ रुपए) से बढ़ाकर दशक के अंत तक 500 अरब डॉलर (43.6 लाख करोड़ रुपए) तक ले जाने का है.

चर्बी से यूं जीतें जंग
चिकित्सा अनुसंधानों से लगातार पता चल रहा है कि मोटापा केवल खूबसूरती का मसला नहीं.

रोबॉट के रास्ते आ रही क्रांति
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव एआइ की शक्ति से संचालित मानवाकार रोबॉट-स्पेसियो-और गार्डियो नाम के साइबर हाउंड्स के लाइव प्रदर्शन का गवाह बना.

देखभाल और विकल्प के बीच संतुलन की दरकार
हाल के सालों में सरगर्म बहस होती रही है कि स्वास्थ्य सेवाओं का ध्यान जिंदगियां बचाने पर होना चाहिए या जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने पर.

रूस की पाती
भारत में रूसी राजदूत डेनिस अलीपोव ने इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2025 में कहा कि रूस यूक्रेन के साथ जारी युद्ध में नई दिल्ली के कूटनीतिक संतुलन की सराहना करता है.