भारत में आर्थिक प्रदर्शन के मामले में हरियाणा सबसे सफल राज्यों में से एक है। 2022-23 में इसकी प्रति व्यक्ति आय 2.97 लाख रुपये या 14,469 डॉलर क्रय-शक्ति के अनुपात में थी। क्रय शक्ति अनुपात विभिन्न देशों की अर्थव्यवस्था की तुलना करने के लिए व्यापक रूप से स्वीकृत विधि है। प्रमुख भारतीय अर्थशास्त्री सुरजीत भल्ला के अनुसार उच्च आय वाली अर्थव्यवस्था का अर्थ है जहां प्रति व्यक्ति आय 20,000 डॉलर से अधिक हो। हरियाणा ने चार दशक से अधिक समय से सात प्रतिशत की औसत विकास दर को बनाए रखा है। इस गति से यह संभावना है कि 2027-28 तक यह राज्य उच्च आय वाली अर्थव्यवस्था बन जाएगा!
हरियाणा की कहानी का सबसे अच्छा पक्ष यह है कि यहां चौतरफा विकास हुआ है। वर्तमान में कृषि क्षेत्र राज्य जीएसडीपी का लगभग 17 प्रतिशत है, जिसमें लगभग 30 प्रतिशत श्रमबल रोजगाररत है। हरियाणा की अर्थव्यवस्था अब कृषि पर निर्भर नहीं रह गई है। उसने उद्योग और सेवा केंद्रित अर्थव्यवस्था में अपना रूपांतरण कर लिया है। अर्थव्यवस्था की नई वास्तविकताएं नई चुनौतियां लेकर आई हैं। ग्रामीण और कृषि अर्थव्यवस्था से आधुनिक उद्योग और सेवा आधारित अर्थव्यवस्था में रूपांतरण जटिल और महीन प्रक्रिया है और इसीलिए इससे बहुत सावधानी से निपटने की जरूरत है।
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