गणेश कुंवर के राजा राम
प्रसिद्ध ओरछा, जहां भगवान श्रीराम राजा के रूप में प्रतिष्ठित हैं, निवाड़ी जिला बन जाने से पहले टीकमगढ़ जिले में आता था। ओरछा- हरदौल, कवि केशवदास और नर्तकी रायप्रवीन के कारण भी जाना जाता है। छठी शताब्दी में टीकमगढ़ और इसका इलाका चेदी साम्राज्य के तहत आता था। यह क्षेत्र दसरना नदी के नाम पर दसरना या देसा नाम से भी जाना जाता था। अब यह नदी धसान नाम से जानी जाती है। यहां मौर्य, शुंग और गुप्त वंश का भी शासन रहा। नौवीं सदी में चंदेला साम्राज्य स्थापित हुआ जो टीकमगढ़, खजुराहो और महोबा तक फैला हुआ था। चंदेला साम्राज्य में निर्मित किले, महल, मंदिर, तालाब, कुएं और बावड़ियां आज भी इस क्षेत्र के ओरछा, गढ़कुंडार, पृथ्वीपुर, बराना, लिधौरा, दिगौड़ा, मोहनगढ़, बल्देवगढ़ और टीकमगढ़ में मौजूद हैं। चंदेला साम्राज्य कमजोर होने पर बुंदेला साम्राज्य का उदय हुआ, जिसमें अनेक प्रतापी राजा हुए। इन्हीं लोगों ने ओरछा को अपनी राजधानी बनाया। महाराजा मधुकर शाह प्रसिद्ध राजा थे। यह कहा जाता है कि उनकी पत्नी गणेश कुंवर भगवान राम की अनन्य भक्त थीं। वही अयोध्या से राम राजा की प्रतिमा ओरछा लाईं थीं। मधुकर शाह के आठ पुत्र थे, जिनमें बीर सिंह जूदेव सबसे ज्यादा जाने जाते हैं। 1783 में विक्रमजीत सिंह ने ओरछा के स्थान पर टेहरी को राजधानी बनाया और 1785 में इसका नाम टीकमगढ़ रखा। यह भगवान श्रीकृष्ण के नाम त्रिकम या टीकमजी पर आधारित है।
هذه القصة مأخوذة من طبعة November 13, 2023 من Outlook Hindi.
ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 9,000 مجلة وصحيفة.
بالفعل مشترك ? تسجيل الدخول
هذه القصة مأخوذة من طبعة November 13, 2023 من Outlook Hindi.
ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 9,000 مجلة وصحيفة.
بالفعل مشترك? تسجيل الدخول
हमेशा गूंजेगी आवाज
लोककला के एक मजबूत स्तंभ का अवसान, अपनी आवाज में जिंदा रहेंगी शारदा
क्या है अमिताभ फिनामिना
एक फ्रांसिसी फिल्मकार की डॉक्यूमेंट्री बच्चन की सितारा बनने के सफर और उनके प्रति दीवानगी का खोलती है राज
'एक टीस-सी है, नया रोल इसलिए'
भारतीय महिला हॉकी की स्टार रानी रामपाल की 28 नंबर की जर्सी को हॉकी इंडिया ने सम्मान के तौर पर रिटायर कर दिया। अब वे गुरु की टोपी पहनने को तैयार हैं। 16 साल तक मैदान पर भारतीय हॉकी के उतार-चढ़ाव को करीब से देखने वाली 'हॉकी की रानी' अपने संन्यास की घोषणा के बाद अगली चुनौती को लेकर उत्सुक हैं।
सस्ती जान पर भारी पराली
पराली पर कसे फंदे, खाद न मिलने और लागत बेहिसाब बढ़ने से हरियाणा-पंजाब में किसान अपनी जान लेने पर मजबूर, हुक्मरान बेफिक्र, दोबारा दिल्ली कूच की तैयारी
विशेष दर्जे की आवाज
विधानसभा के पहले सत्र में विशेष दर्जे की बहाली का प्रस्ताव पास कर एनसी का वादा निभाने का दावा, मगर पीडीपी ने आधा-अधूरा बताया
महान बनाने की कीमत
नाल्ड ट्रम्प की जीत लोगों के अनिश्चय और राजनीतिक पहचान के आपस में नत्थी हो जाने का नतीजा
पश्चिम एशिया में क्या करेंगे ट्रम्प ?
ट्रम्प की जीत से नेतन्याहू को थोड़ी राहत मिली होगी, लेकिन फलस्तीन पर दोनों की योजनाएं अस्पष्ट
स्त्री-सम्मान पर उठे गहरे सवाल
ट्रम्प के चुनाव ने महिला अधिकारों पर पश्चिम की दावेदारी का खोखलापन उजागर कर दिया
जलवायु नीतियों का भविष्य
राष्ट्रपति के चुनाव में डोनाल्ड ट्रम्प की जीत रिपब्लिकन पार्टी के समर्थकों के लिए जश्न का कारण हो सकती है लेकिन पर्यावरण पर काम करने वाले लोग इससे चिंतित हैं।
दोस्ती बनी रहे, धंधा भी
ट्रम्प अपने विदेश, रक्षा, वाणिज्य, न्याय, सुरक्षा का जिम्मा किसे सौंपते हैं, भारत के लिए यह अहम