अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह देश के लिए महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और धार्मिक पल है। इसके कई निहितार्थ हो सकते हैं। सबसे पहला तो यही कि यह मंदिर महत्वपूर्ण तीर्थस्थल के रूप में उभरेगा, जो भारत और विदेश में हिंदू समुदाय पर स्थायी सांस्कृतिक और सभ्यतागत प्रभाव डालने वाला होगा। दूसरा, विभिन्न धार्मिक आस्थाओं से जुड़े लोगों के लिए यह प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में विकसित हो सकता है। तीसरा, यह दुनिया भर के हिंदुओं के लिए गौरव का प्रतीक बनकर उभर सकता है। गौरव के इस एहसास का प्रभाव लोगों को संगठित या लामबंद करने के लिए भी हो सकता है जिसका आने वाले वर्षों में सामाजिक और राजनीतिक प्रभाव दिखने की संभावना है।
मेरी विशेषज्ञता का क्षेत्र राजनीतिक मानवविज्ञान आधारित विश्लेषण है, इसलिए लोग मुझसे पूछते रहते हैं कि अयोध्या में राम मंदिर उद्घाटन के राजनीतिक निहितार्थ क्या होंगे। इसमें संदेह नहीं कि यह घटना भारतीय राजनीति पर वाकई असर डालेगी । निश्चित रूप से यह घटना आगामी आम चुनावों की प्रक्रिया और परिणाम को प्रभावित कर सकती है। मंदिर के उद्घाटन का प्रभाव सत्तारूढ़ दल और विपक्ष दोनों को ही को प्रभावित करेगा।
هذه القصة مأخوذة من طبعة February 19, 2024 من Outlook Hindi.
ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 9,000 مجلة وصحيفة.
بالفعل مشترك ? تسجيل الدخول
هذه القصة مأخوذة من طبعة February 19, 2024 من Outlook Hindi.
ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 9,000 مجلة وصحيفة.
بالفعل مشترك? تسجيل الدخول
'वाह उस्ताद' बोलिए!
पहला ग्रैमी पुरस्कार उन्हें विश्व प्रसिद्ध संगीतकार मिकी हार्ट के साथ काम करके संगीत अलबम के लिए मिला था। उसके बाद उन्होंने कुल चार ग्रैमी जीते
सिने प्रेमियों का महाकुंभ
विविध संस्कृतियों पर आधारित फिल्मों की शैली और फिल्म निर्माण का सबसे बड़ा उत्सव
विश्व चैंपियन गुकेश
18वें साल में काले-सफेद चौखानों का बादशाह बन जाने वाला युवा
सिनेमा, समाज और राजनीति का बाइस्कोप
भारतीय और विश्व सिनेमा पर विद्यार्थी चटर्जी के किए लेखन का तीन खंडों में छपना गंभीर सिने प्रेमियों के लिए एक संग्रहणीय सौगात
रफी-किशोर का सुरीला दोस्ताना
एक की आवाज में मिठास भरी गहराई थी, तो दूसरे की आवाज में खिलंदड़ापन, पर दोनों की तुलना बेमानी
हरफनमौला गायक, नेकदिल इंसान
मोहम्मद रफी का गायन और जीवन समर्पण, प्यार और अनुशासन की एक अभूतपूर्व कहानी
तुम मुझे यूं भुला ना पाओगे
रफी जैसा बनने में केवल हुनर काम नहीं आता, मेहनत, समर्पण और शख्सियत भी
'इंसानी भावनाओं को पर्दे पर उतारने में बेजोड़ थे राज साहब'
लव स्टोरी (1981), बेताब (1983), अर्जुन (1985), डकैत (1987), अंजाम (1994), और अर्जुन पंडित (1999) जैसी हिट फिल्मों के निर्देशन के लिए चर्चित राहुल रवैल दो बार सर्वश्रेष्ठ निर्देशक के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार के लिए नामांकित हो चुके हैं।
आधी हकीकत, आधा फसाना
राज कपूर की निजी और सार्वजनिक अभिव्यक्ति का एक होना और नेहरूवादी दौर की सिनेमाई छवियां
संभल की चीखती चुप्पियां
संभल में मस्जिद के नीचे मंदिर होने का दावा करने वाली याचिका के बाद हुई सांप्रदायिकता में एक और कड़ी