अनेकता से भरे भारत के बारे में कहा जाता है, ‘कोस-कोस पर पानी बदले, चार कोस पर बानी।’ इस विविधता का अलग ही रूप किसान आंदोलन में सामने आया। दिल्ली के लिए निकले किसानों को पंजाब से चार कोस से भी कम दूरी पर हरियाणा के अंबाला से सटी शंभू बॉर्डर पर ऐसे मंजर से गुजरना पड़ा मानो वे पंजाब से नहीं बल्कि सीमा पार पाकिस्तान से भारत में घुसपैठ की कोशिश कर रहे हों। सभी फसलों पर एमएसपी की कानूनी गारंटी जैसी प्रमुख मांगों के लिए सवा दो साल इंतजार के बाद एक बार फिर वे दिल्ली की सीमाओं में प्रवेश के लिए आंदोलन कर रहे हैं। किसानों के कूच को रोकने के लिए पंजाब से सटी हरियाणा की तमाम सीमाओं को सील कर दिया गया है। दिल्ली से सटी हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश की सीमाओं पर पुलिस ने कड़ी घेराबंदी कर दी है। पंजाब के किसानों को रोकने के लिए शंभू से लेकर दिल्ली से सटी सिंघु और टिकरी बॉर्डर तक बीएसएफ, सीआरपीएफ और हरियाणा पुलिस की सैंकड़ों टुकड़ियों की तैनाती अत्यधिक तनाव का दृश्य दोहरा रही हैं। कंटीले तारों और सीमेंट के भारी स्लैब से पटी सड़कों पर युद्ध जैसे हालात में हथियारों से लैस जवान और निहत्थे किसान आमने-सामने डटे हुए हैं।
हालात पर काबू पाने के लिए केंद्र सरकार ने बीएसएफ और सीआरपीएफ की 64 कंपनियां हरियाणा में तैनात की हैं जबकि पंजाब में ऐसी नौबत नहीं आई। 13 फरवरी को पंजाब-हरियाणा हाइकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेकर हरियाणा से पूछा है कि ऐसे सड़कें क्यों रोकी गईं।
इधर चंडीगढ़ में केंद्रीय मंत्रियों की आंदोलनरत किसान संगठनों के नेताओं से बातचीत जारी थी, वहीं शंभू बॉर्डर पर पुलिस फोर्स ड्रोन से किसानों के बीच आंसू गैस के गोले बरसा रही थी। 13 फरवरी को दिल्ली कूच से पहले चंडीगढ़ में 12 फरवरी की देर रात तक किसान नेताओं की केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, पीयूष गोयल और नित्यानंद राय से पांच घंटे तक चली बातचीत बेनतीजा रही, जिसके चलते किसानों का केंद्र सरकार को दिया अल्टीमेटम 13 फरवरी की सुबह 10 बजे समाप्त हो गया।
बैठक पर केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा, “बातचीत के जरिये सभी समस्याओं का हल निकलना चाहिए। कुछ ऐसे मामले हैं जिन्हें सुलझाने के लिए कमेटी बनाने की जरूरत है।”
هذه القصة مأخوذة من طبعة March 04, 2024 من Outlook Hindi.
ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 9,000 مجلة وصحيفة.
بالفعل مشترك ? تسجيل الدخول
هذه القصة مأخوذة من طبعة March 04, 2024 من Outlook Hindi.
ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 9,000 مجلة وصحيفة.
بالفعل مشترك? تسجيل الدخول
ट्रम्प के साये में दुनिया
असमानताएं सामाजिक असंतोष को पैदा करती हैं और ऐसे नेताओं को जन्म देती हैं जो बदले में असमानताओं को बढ़ाते हैं, ट्रम्प का उदय इस ऐतिहासिक सामाजिक प्रक्रिया का कोई अपवाद नहीं, उनसे भारत कैसे निपटेगा यह अनिश्चित
महिला मतदाता की मुहर
एनडीए और इंडिया में कांटे की टक्कर में ग्रामीण इलाकों, खासकर स्त्री वोटरों का ज्यादा मतदान निर्णायक
कब मुद्दा बनेगी किसानों की आत्महत्या
चुनाव दर चुनाव होते जा रहे हैं, किसान फांसी पर चढ़ते जा रहे हैं या जहर खा रहे हैं, कृषि संकट से कट चुकी है चुनावी राजनीति
चुनावी दलित राजनीति का दुष्काल
महाराष्ट्र के चुनावी अखाड़े में दलितों की सच्ची नुमाइंदगी करने वाला नहीं बचा कोई, विभाजनों ने तोड़ दी आंबेडकरी आंदोलन की ताकत
राष्ट्रीय दिशा को तय करने वाले नतीजे
हरियाणा चुनाव के नतीजों के बाद अब महाराष्ट्र के नतीजे तय करने वाले हैं कि भाजपा अपनी सियासत और एजेंडे को देश में जारी रख सकेगी या उसे विपक्ष से कोई चुनौती मिलेगी
शहरनामा - हुगली
यूं तो पश्चिम बंगाल में गंगा नदी के किनारे बसा जिला हुगली 1350 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है, लेकिन यहां हुगली नाम का एक छोटा-सा शहर भी है।
इन्फ्लुएंसरों के भरोसे बॉलीवुड
स्क्रीन पर सोशल मीडिया और इन्फ्लुएंसरों का बॉलीवुड कर रहा अच्छा, बुरा और बदसूरत चित्रण
घर के शेर, घर में ढेर
लंबे दौर बाद घरेलू मैदान पर न्यूजीलैंड से एकतरफा हार से सितारों और कोच पर उठे सवाल
'तलापति' का सियासी दांव
दक्षिण की सियासत में एक नए सितारे और उसकी पार्टी के प्रवेश ने पुराने सवालों को जिंदा कर दिया है
उलझन सुलझे ना
विधानसभा में हार के बाद कांग्रेस के लिए अब नेता प्रतिपक्ष चुनना भी बना भारी चुनौती