इस वर्ष क्यूबा क्रांति की 65वीं वर्षगांठ दुनिया भर में मनाई जा रही है। अमेरिका ने 7 फरवरी 1962 को क्यूबा पर, जो आर्थिक प्रतिबंध थोपा था, वह आज तक जारी है। वह फ्लोरिडा के अपने तट से महज नब्बे मील दूर 'कम्युनिस्ट बवाल' से बहुत क्षुब्ध था और उसने छोटे-से कैरिबियाई देश को नेस्तनाबूद कर डालने के खयाल से बंदिशें लगा दीं। यकीनन, बंदिशों की वजह से क्यूबा को खाद्य-पदार्थों और दवाइयों से लेकर भारी वाहनों और कई तरह की मशीनों की बेइंतहा किल्लत झेलनी पड़ी, मगर उसने घुटने टेकने से इनकार कर दिया। इन बंदिशों के खिलाफ दुनिया भर में उठी आवाजों से क्यूबा का संकल्प और मजबूत हुआ। एक ब्रितानी टिप्पणीकार ने लिखा, "हर वसंत में, जैसे घड़ी की सूई घूमती है, बड़ी संख्या में देश बंदिशों के निंदा प्रस्ताव पर पुरजोर समर्थन जताते हैं। नवंबर 2011 में 186 देशों ने प्रतिबंधों का विरोध किया जबकि अमेरिका के पक्ष में सिर्फ इजरायल था।"
هذه القصة مأخوذة من طبعة April 15, 2024 من Outlook Hindi.
ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 9,000 مجلة وصحيفة.
بالفعل مشترك ? تسجيل الدخول
هذه القصة مأخوذة من طبعة April 15, 2024 من Outlook Hindi.
ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 9,000 مجلة وصحيفة.
بالفعل مشترك? تسجيل الدخول
'वाह उस्ताद' बोलिए!
पहला ग्रैमी पुरस्कार उन्हें विश्व प्रसिद्ध संगीतकार मिकी हार्ट के साथ काम करके संगीत अलबम के लिए मिला था। उसके बाद उन्होंने कुल चार ग्रैमी जीते
सिने प्रेमियों का महाकुंभ
विविध संस्कृतियों पर आधारित फिल्मों की शैली और फिल्म निर्माण का सबसे बड़ा उत्सव
विश्व चैंपियन गुकेश
18वें साल में काले-सफेद चौखानों का बादशाह बन जाने वाला युवा
सिनेमा, समाज और राजनीति का बाइस्कोप
भारतीय और विश्व सिनेमा पर विद्यार्थी चटर्जी के किए लेखन का तीन खंडों में छपना गंभीर सिने प्रेमियों के लिए एक संग्रहणीय सौगात
रफी-किशोर का सुरीला दोस्ताना
एक की आवाज में मिठास भरी गहराई थी, तो दूसरे की आवाज में खिलंदड़ापन, पर दोनों की तुलना बेमानी
हरफनमौला गायक, नेकदिल इंसान
मोहम्मद रफी का गायन और जीवन समर्पण, प्यार और अनुशासन की एक अभूतपूर्व कहानी
तुम मुझे यूं भुला ना पाओगे
रफी जैसा बनने में केवल हुनर काम नहीं आता, मेहनत, समर्पण और शख्सियत भी
'इंसानी भावनाओं को पर्दे पर उतारने में बेजोड़ थे राज साहब'
लव स्टोरी (1981), बेताब (1983), अर्जुन (1985), डकैत (1987), अंजाम (1994), और अर्जुन पंडित (1999) जैसी हिट फिल्मों के निर्देशन के लिए चर्चित राहुल रवैल दो बार सर्वश्रेष्ठ निर्देशक के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार के लिए नामांकित हो चुके हैं।
आधी हकीकत, आधा फसाना
राज कपूर की निजी और सार्वजनिक अभिव्यक्ति का एक होना और नेहरूवादी दौर की सिनेमाई छवियां
संभल की चीखती चुप्पियां
संभल में मस्जिद के नीचे मंदिर होने का दावा करने वाली याचिका के बाद हुई सांप्रदायिकता में एक और कड़ी