दस साल से हरियाणा में काबिज ‘डबल इंजन’ सरकार लोकसभा की अगली चढ़ाई के लिए हांफ रही है। भाजपा के ‘400 पार’ लक्ष्य में हरियाणा की 10 लोकसभा सीटें भले यूपी, महाराष्ट्र और बिहार जैसे बड़े राज्यों की तुलना में अधिक महत्व न रखती हों पर यहां जिस तरह एक-एक सीट के लिए तमाम समीकरण साधे जा रहे हैं, वह प्रचलित नैरेटिव का दूसरा पहलू दिखाता है। इस बार भाजपा ने छह सीटों पर कांग्रेस से आए बागियों को प्रत्याशी बनाया है। सिरसा लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद सुनीता दुग्गल के बदले भाजपा ने हरियाणा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अशोक तंवर को मैदान में उतारा है। पार्टी ने कुरुक्षेत्र से 2004 और 2009 में कांग्रेस के सांसद रहे उद्योगपति नवीन जिंदल को अपने टिकट पर उतारा है। वे 2014 में कांग्रेस की टिकट पर यहां से चुनाव हार गए थे। 2019 से इस सीट से सांसद रहे नायब सैनी के मुख्यमंत्री बनने के बाद भाजपा को ऐसा कोई नेता नहीं मिला, जो कुरुक्षेत्र में सैनी का स्थान ले सके। हिसार संसदीय सीट से भाजपा उम्मीदवार रणजीत सिंह चौटाला कांग्रेस की दो दशक की पृष्ठभूमि से हाल ही में भाजपा में शामिल हुए हैं। हालांकि 2019 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का टिकट कटने पर निर्दलीय विधायक के तौर पर भाजपा सरकार में मंत्री भी रहे। हिसार सीट पर दावेदारी जता चुके कुलदीप बिश्नोई भी कांग्रेस छोड़ भाजपा में आ गए हैं।
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