प्रदेश के इतिहास में पहली बार किसी विधायक को 15 मिनट के अंदर दो बार मंत्री पद की शपथ दिलाई गई। रामनिवास रावत ने पहली बार राज्यमंत्री पद की शपथ ली, 15 मिनट बाद उन्हें कैबिनेट मंत्री की शपथ दिलाई गई। हालांकि वे विधायक कांग्रेस के टिकट पर बने हैं। उनके साथ एक और महिला विधायक के मामले में कांग्रेस ने सदस्यता खत्म करने की नोटिस दी । खबर है कि वे विधायकी से इस्तीफा दे चुके हैं।
कहते हैं, विजयपुर से छह बार के विधायक रावत का 2018 में विधानसभा चुनाव हारने के बाद से कांग्रेस से मोहभंग शुरू हो गया था। 2018 में वे सबलगढ़ विधानसभा क्षेत्र से लड़ना चाहते थे। उन्होंने इसकी तैयारी भी कर ली थी। धीरे-धीरे उन्होंने विजयपुर में सक्रियता कम कर दी थी मगर पार्टी ने उन्हें विजयपुर से ही टिकट दिया और वे हार गए। 15 वर्ष बाद 2018 में जब कांग्रेस की सरकार बनी, तो उन्हें न कोई पद दिया गया, न बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई। 2023 के विधानसभा चुनाव में वे फिर विधायक बनने में तो कामयाब रहे लेकिन छठवीं बार की जीत भी उनका भाग्य नहीं खोल पाई। नेता प्रतिपक्ष के पद के लिए सबसे उपयुक्त दावेदार के बावजूद पार्टी ने उमंग सिंघार के नाम की घोषणा कर दी।
هذه القصة مأخوذة من طبعة August 05, 2024 من Outlook Hindi.
ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 9,000 مجلة وصحيفة.
بالفعل مشترك ? تسجيل الدخول
هذه القصة مأخوذة من طبعة August 05, 2024 من Outlook Hindi.
ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 9,000 مجلة وصحيفة.
بالفعل مشترك? تسجيل الدخول
शहरनामा - हुगली
यूं तो पश्चिम बंगाल में गंगा नदी के किनारे बसा जिला हुगली 1350 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है, लेकिन यहां हुगली नाम का एक छोटा-सा शहर भी है।
इन्फ्लुएंसरों के भरोसे बॉलीवुड
स्क्रीन पर सोशल मीडिया और इन्फ्लुएंसरों का बॉलीवुड कर रहा अच्छा, बुरा और बदसूरत चित्रण
घर के शेर, घर में ढेर
लंबे दौर बाद घरेलू मैदान पर न्यूजीलैंड से एकतरफा हार से सितारों और कोच पर उठे सवाल
'तलापति' का सियासी दांव
दक्षिण की सियासत में एक नए सितारे और उसकी पार्टी के प्रवेश ने पुराने सवालों को जिंदा कर दिया है
उलझन सुलझे ना
विधानसभा में हार के बाद कांग्रेस के लिए अब नेता प्रतिपक्ष चुनना भी बना भारी चुनौती
आधा देश जद में
पचास सीटों पर विधानसभा और संसदीय उपचुनाव केंद्र की सत्ताधारी पार्टी और विपक्षी दलों की बेचैनी के कारण आम चुनाव जितने अहम
दोतरफा जंग के कई रूप
सीधी लड़ाई भले भाजपा और झामुमो के बीच, लेकिन निर्दलीय उम्मीदवारों और छोटे दलों की भूमिका नतीजों को तय करने में अहम
मराठी महाभारत
यह चुनाव उद्धव ठाकरे और शरद पवार की अगुआई वाली क्षेत्रीय पार्टियों के लिए अपनी पहचान और राजनैतिक अस्तित्व बचाने की लड़ाई, तो सत्तारूढ़ भाजपा के लिए भी उसकी राजनीति की अग्निपरीक्षा
पहचान बचाओ
मराठा अस्मिता से लेकर आदिवासी अस्मिता तक चले अतीत के संघर्ष अब वजूद बचाने के कगार पर आ चुके
आखिर खुल गया मोर्चा
जम्मू-कश्मीर के उप-राज्यपाल और निर्वाचित सरकार के बीच बढ़ने लगा तनाव, यूटी दिवस पर शीत युद्ध गरमाया