पाकिस्तान से क्रिकेट के बड़े-बड़े दिग्गज खिलाड़ी निकले हैं। इमरान खान, वसीम अकरम, जावेद मियांदाद, वकार यूनिस, जहीर अब्बास, इंजमाम उल हक। अगर हम पाकिस्तान के धुरंधर खिलाड़ियों पर गौर करें तो फेहरिस्त काफी लंबी है। कभी प्रतिभा खजाना रहा पाकिस्तानी क्रिकेट की मौजूदा हालत काफी गंभीर है। हाल में अपनी सरजमीं पर बांग्लादेश से टेस्ट श्रृंखला में हार से पाकिस्तानी क्रिकेट के वजूद को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। पाकिस्तानी टीम घरेलू मैदान में लगातार 11 टेस्ट मुकाबले हार चुकी है। 2023 एकदिवसीय विश्व कप और 2024 टी20 विश्व कप में बदतर प्रदर्शन के बाद टीम बवंडर में फंसी हुई है। क्रिकेट बोर्ड, सिलेक्शन पैनल, कोचिंग स्टाफ में बदलाव तो पाकिस्तान की फितरत-सी बनी हुई है। हाल में बाबर आजम, शाहीन शाह अफरीदी जैसे खिलाड़ियों को बाहर करने के फैसले से रायता फैल गया है। क्या बार-बार कप्तान बदलना पाकिस्तान क्रिकेट की दुखती रग है? क्या चयन में पक्षपात पाकिस्तान को पीछे धकेल रहा है? क्या बाबर आजम दो साल के लीन पैच के कारण किंग का टैग और शाहीन चोट के बाद आत्मविश्वास और स्विंग खो चुके हैं?
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