क्या संत समाज ने बना लिया है सनातनी संविधान?
Sarita|May Second 2024
भाजपा सवर्णों को यह डर दिखा कर उन के वोट हासिल कर रही थी कि कांग्रेस सत्ता में आई तो तुम्हारे मंदिर मुसलमान लूट लेंगे, आरक्षण छिन जाएगा पर वहीं भगवा समाज समर्थक साधुसंत एक तथाकथित हिंदू राष्ट्र का संविधान बना रहे हैं. यह खयालीपुलाव है या भविष्य की ठोस योजना?
क्या संत समाज ने बना लिया है सनातनी संविधान?

2024 के आम चुनाव जिस दुर्लभ बात के लिए याद किए जाएंगे उन में से एक यह भी होगा कि राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सार्वजनिक मंच से संविधान की दुहाइयां देने और आरक्षण खत्म न करने का भरोसा देने को मजबूर कर दिया. 4 जून के नतीजे जो आएंगे सो आएंगे, ऊंट किसी भी करवट बैठे लेकिन भाजपा का कोर वोटर यानी सवर्ण तबका सकते और सदमे में है जो यह आस लगाए बैठा था कि भाजपा 400 पार पहुंची तो यह झंझट भी खत्म कर देगी; ठीक वैसे ही जैसे उस ने अयोध्या में राम मंदिर बनाया है और जम्मूकश्मीर से अनुच्छेद 370 बेअसर किया है.

राहुल गांधी और नरेंद्र मोदी दोनों ही एकदूसरे पर आरक्षण खत्म कर देने का आरोप लगाते अपनी तरफ से यह आश्वासन दे रहे हैं कि संविधान और आरक्षण सलामत रहेंगे लेकिन उसी सूरत में जब हम सत्ता में आएंगे.

इस रामायण का उत्तरकांड बहुत संक्षिप्त है कि दलित तबके, जिसे धर्मग्रंथों में बारबार शूद्र कहते प्रताड़ित करने के निर्देश और आदेश दिए गए हैं, की ताकत का एहसास दोनों दलों और उन के दिग्गजों को है.

चुनावी मैदान में इस बार कोई दलित हिमायती दल दमदारी से नहीं है. उत्तर प्रदेश में बसपा नाममात्र को है जिसे सियासी पंडित लड़ाई में गिन ही नहीं रहे. इस बार तो वह किसी का खेल बिगाड़ने की स्थिति में भी नही दिख रही.

क्या अब कोई जीते कोई हारे, दलित, आदिवासी, पिछड़ा पहले से ही जीत गया है क्योंकि संविधान सुरक्षित है. शायद नहीं क्योंकि देश के सनातनी धर्मगुरुओं ने इस पचड़े से दूर हिंदू राष्ट्र के संविधान का मसौदा ही तैयार कर लिया है.

मुमकिन है बात 'सूत न कपास जुलाहों में लट्ठमलट्ठा' जैसी लगे लेकिन साधुसंतों की यह उम्मीद अभी जिंदा है कि भाजपा 4 जून को सरकार बनाएगी और 1950 का संविधान 370 की तरह निष्प्रभावी कर नया संविधान लागू करेगी जो मूलतया मनुस्मृति पर आधारित होगा.

आधुनिक काल के हिसाब से उस में से दलितों को ठोंकने व कूटने के निर्देश तो नहीं दिए गए हैं। क्योंकि उन की नजर में अब शायद इसे दोहराने की जरूरत खत्म हो गई है. यह बात हिंदू संविधान लागू करने वाले खुद समझ जाएंगे.

ऐसा हो सकता है हिंदू राष्ट्र का संविधान

هذه القصة مأخوذة من طبعة May Second 2024 من Sarita.

ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 9,000 مجلة وصحيفة.

هذه القصة مأخوذة من طبعة May Second 2024 من Sarita.

ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 9,000 مجلة وصحيفة.

المزيد من القصص من SARITA مشاهدة الكل
एक गलती ले डूबी इन ऐक्टर्स को
Sarita

एक गलती ले डूबी इन ऐक्टर्स को

फिल्म कलाकारों का पूरा कैरियर उन की इमेज पर टिका होता है. दर्शक उन्हें इसलिए पसंद करते हैं क्योंकि उन्हें वे अपना आइकन मानने लग जाते हैं मगर जहां रियल लाइफ में इस इमेज पर डैंट पड़ता है वहां वे अपने कैरियर से हाथ धो बैठते हैं.

time-read
7 mins  |
October Second 2024
शादी से पहले खुल कर करें बात
Sarita

शादी से पहले खुल कर करें बात

पतिपत्नी में किसी तरह का झगड़ा हो हीन, इस के लिए शादी के बंधन में बंधने से पहले दोनों पार्टनर्स हर विषय पर खुल कर बात करें चाहे अरेंज मैरिज हो रही हो या हो लव मैरिज. वे विषय क्या हैं और बातें कैसे व कहां करें, जानें आप भी.

time-read
6 mins  |
October Second 2024
सुनें दिल की धड़कन
Sarita

सुनें दिल की धड़कन

सांस लेने में मुश्किल, छाती में दर्द या बेचैनी महसूस हो, तो फौरन कार्डियोलोजिस्ट से हृदय की जांच करानी चाहिए क्योंकि शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज करने से स्थिति गंभीर हो सकती है.

time-read
5 mins  |
October Second 2024
जब ससुर लेता हो बहू का पक्ष
Sarita

जब ससुर लेता हो बहू का पक्ष

जिन मातापिता के पास सिर्फ बेटे ही होते हैं वे घर में बहू के आने के बाद बहुत खुश होते हैं. बहू में वे बेटी की कमी को पूरा करना चाहते हैं. ऐसे में ससुर के साथ बहू के रिश्ते बहुत अच्छे हो जाते हैं क्योंकि लड़कियां बाप की ज्यादा लाड़ली होती हैं.

time-read
7 mins  |
October Second 2024
डिंक कपल्स जीवन के अंतिम पड़ाव में अकेलेपन की खाई
Sarita

डिंक कपल्स जीवन के अंतिम पड़ाव में अकेलेपन की खाई

आजकल शादीशुदा युवाओं की लाइफस्टाइल में डिंक कपल्स का चलन बढ़ गया है. इस में दोनों कमा कर आज में जीते हैं पर बच्चे, परिवार और बिना जिम्मेदारियों के साथ. यह चलन खतरनाक भी हो सकता है.

time-read
3 mins  |
October Second 2024
प्रसाद पर फसाद
Sarita

प्रसाद पर फसाद

प्रसाद में मांसमछली वगैरह की मिलावट की अफवाह के के बाद भी तिरुपति के मंदिर में भक्त लड्डू धड़ल्ले से चढ़ा रहे हैं. इस से जाहिर होता है कि यह आस्था का नहीं बल्कि धार्मिक और राजनीतिक दुकानदारी का मसला है.

time-read
7 mins  |
October Second 2024
आरक्षण के अंदर आरक्षण कितना भयावह?
Sarita

आरक्षण के अंदर आरक्षण कितना भयावह?

सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण में वर्गीकरण को मंजूरी दे दी है, जिस के तहत सरकारों को अब एससी और एसटी आरक्षण के भीतर भी आरक्षण देने की छूट होगी. इस फैसले ने आरक्षण की राजनीति में एक नया मोड़ ला दिया है. इस से जाति आधारित आरक्षण की मांग और भी जटिल हो जाएगी, जिस से देश में नई राजनीतिक बहस शुरू हो सकती है.

time-read
10 mins  |
October Second 2024
1947 के बाद कानूनों से बदलाव की हवा
Sarita

1947 के बाद कानूनों से बदलाव की हवा

इंदिरा गांधी के बाद राजीव गांधी के नेतृत्व वाली केंद्रीय सरकार के कार्यकाल के दौरान बनाए गए कानूनों में 2-3 ने ही सामाजिक परिदृश्य को बदला. राजीव गांधी को सामाजिक मामलों की ज्यादा चिंता नहीं थी, यह साफ है.

time-read
8 mins  |
October Second 2024
सांपसीढ़ी की तरह है धर्म और धर्मनिरपेक्षता की जंग
Sarita

सांपसीढ़ी की तरह है धर्म और धर्मनिरपेक्षता की जंग

हरियाणा और जम्मूकश्मीर विधानसभा चुनावों के नतीजे बताते हैं कि धर्म और धर्मनिरपेक्षता के बीच जंग आसान नहीं है. दोनों के बीच सांपसीढ़ी का खेल चलता रहता है.

time-read
8 mins  |
October Second 2024
क्यों फीकी हो रही फिल्मी और आम लोगों की दीवाली
Sarita

क्यों फीकी हो रही फिल्मी और आम लोगों की दीवाली

फिल्मों की दीवाली अब पहले जैसी नहीं रही. दीवाली का त्योहार अब बड़े बजट की फिल्मों के लिए कलैक्शन का दिन भी नहीं रहा. इस मौके पर फिल्में आती तो हैं लेकिन बुरी तरह पिट जाती हैं. फिल्मी हस्तियों व आम लोगों के लिए दीवाली फीकी होती जा रही है.

time-read
8 mins  |
October Second 2024