सितंबर माह के अंत तक भारत में 10 करोड़ से ज्यादा टीके बरबाद होने का अनुमान है। ऐसा इसलिए हो रहा है कि टीके अपनी मियादी तारीख को पार कर चुके हैं। अगर कोविशील्ड और कोवैक्सीन के प्रति टीके का औसतन मूल्य 225 रुपये माना जाए तो इस हिसाब से लगभग 2,250 करोड़ रुपये के टीके अब तक बरबाद हो चुके हैं। एक सूत्र ने बताया कि कंपनियों के पास कोविड-19 टीके को ज्यादा समय तक सुरक्षित रखने के लिए कोई योजना नहीं है। एक टीका फर्म के वरिष्ठ कार्याधिकारी ने बताया कि पहले इन टीकों को इस प्रकार बनाया गया था कि इन्हें 9 से 12 महीनों तक सुरक्षित रखा जा सके। इसलिए, पहले फर्मे कुछ समय तक इनकी स्थिरता डेटा को जमा कर रही थी, लेकिन अब ऐसी कोई योजना नहीं है। आम तौर पर कोविड-19 के अलावा अन्य टीकों की औसत आयु तीन साल की होती है। कार्याधिकारी ने कहा कि इंट्रानेजल या ओमिक्रोन आधारित जो भी टीके आ रहे हैं, उनकी मांग भी बाजार में बढ़ेगी और वे शायद लंबी अवधि तक चलने वाले टीके भी रहें।
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म्युचुअल फंडों के पास है बड़ी नकदी
अक्टूबर के अंत में इक्विटी योजनाओं के पास करीब 1.7 लाख करोड़ रुपये थे, नकदी के संदर्भ में पीपीएफएएस, क्वांट और एसबीआई तीन प्रमुख फंड हाउस रहे
मजबूत हों स्थानीय निकाय
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने स्थानीय निकायों की राजकोषीय स्थिति पर अध्ययन की शुरुआत करके तथा उसके निष्कर्षो को प्रकाशित करके अच्छी शुरुआत की है।
पूंजीगत व्यय में कमी का क्या है अर्थ?
व्यय लक्ष्यों को हासिल करने की प्रक्रिया में मानकों में परिवर्तन करने के बजाय वृद्धि के गणित को समझना कहीं अधिक आवश्यक है। बता रहे हैं ए के भट्टाचार्य
देश में नीति-निर्माण को बनाया जाए आसान
दो दशक से अधिक समय तक विभिन्न राजनीतिक दलों की सरकारों की विभिन्न राजनीतिक समितियों ने 200 वर्ष पुराने आयुध कारखाना बोर्ड (ओएफबी) को निजी कंपनी में बदलने की सिफारिश की थी ताकि इसके परिचालन को आधुनिक बनाया जा सके।
जमा और उधारी वृद्धि तकरीबन समान हुई
इस पखवाड़े में उधारी वृद्धि सालाना आधार पर 11.9 प्रतिशत व जमा वृद्धि सालाना आधार पर 11.83 प्रतिशत थी
एनएचबी ने जुटाए 3,830 करोड़ रुपये
सरकारी नैशनल हाउसिंग बैंक (एनएचबी) ने घरेलू ऋण पूंजी बाजार से 10 साल के बॉन्ड के जरिये 7.14 फीसदी की कूपन दर पर 3,830 करोड़ रुपये जुटाए । यह जानकारी जुड़े सूत्रों ने दी।
'बढ़ते रहेंगे अमेरिका से व्यापारिक संबंध'
वाणिज्य सचिव सुनील बड़थ्वाल ने कहा कि अमेरिका में सरकार बदलने का नहीं होगा भारत और अमेरिका के कारोबारी संबंधों पर विपरीत असर
उछाल के बावजूद नरम रहेगी महंगाई : रिजर्व बैंक
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि विदेशी मुद्रा विनिमय दर बाजार निर्धारित करता है। रिजर्व बैंक विनिमय दर का कोई लक्ष्य निर्धारित नहीं करता है।
थोक महंगाई 4 माह के शीर्ष पर
डब्ल्यूपीआई आधारित महंगाई अक्टूबर में बढ़कर चार माह के उच्च स्तर 2.36 प्रतिशत पर पहुँच गई जबकि यह सितंबर में 1.84 प्रतिशत थी। सीपीआई के आंकड़े में खुदरा महंगाई 14 माह के उच्च स्तर 6.2 प्रतिशत पर। खाद्य पदार्थों की थोक महंगाई बढ़कर 13.54 प्रतिशत पर पहुँच गई जबकि यह सितंबर में 11.53 प्रतिशत थी।
अमेरिका में तेल उत्पादन बढ़ने से घटेंगे दाम
वित्त वर्ष 2024-25 के पहले 5 महीनों के दौरान अमेरिका, भारत के कच्चे तेल का पांचवां बड़ा स्रोत रहा। अब उत्पादन बढ़ने की स्थिति में अमेरिकी तेल के एशियाई खरीदारों को आकर्षक कीमत पर खरीद का ज्यादा अवसर मिलने जा रहा है। वैश्विक बाजार में ज्यादा कच्चा तेल आने से उत्पादन में कटौती करने वाले अन्य उत्पादकों को एक बार फिर उत्पादन बढ़ाना पड़ेगा।