सितंबर तक हुए 10 करोड़ से ज्यादा टीके बरबाद
Business Standard - Hindi|October 07, 2022
कोविड टीके बनाने वाली कंपनियों के पास इसे लंबे समय तक सुरक्षित रखने के उपाय नहीं
सोहिनी दास
सितंबर तक हुए 10 करोड़ से ज्यादा टीके बरबाद

सितंबर माह के अंत तक भारत में 10 करोड़ से ज्यादा टीके बरबाद होने का अनुमान है। ऐसा इसलिए हो रहा है कि टीके अपनी मियादी तारीख को पार कर चुके हैं। अगर कोविशील्ड और कोवैक्सीन के प्रति टीके का औसतन मूल्य 225 रुपये माना जाए तो इस हिसाब से लगभग 2,250 करोड़ रुपये के टीके अब तक बरबाद हो चुके हैं। एक सूत्र ने बताया कि कंपनियों के पास कोविड-19 टीके को ज्यादा समय तक सुरक्षित रखने के लिए कोई योजना नहीं है। एक टीका फर्म के वरिष्ठ कार्याधिकारी ने बताया कि पहले इन टीकों को इस प्रकार बनाया गया था कि इन्हें 9 से 12 महीनों तक सुरक्षित रखा जा सके। इसलिए, पहले फर्मे कुछ समय तक इनकी स्थिरता डेटा को जमा कर रही थी, लेकिन अब ऐसी कोई योजना नहीं है। आम तौर पर कोविड-19 के अलावा अन्य टीकों की औसत आयु तीन साल की होती है। कार्याधिकारी ने कहा कि इंट्रानेजल या ओमिक्रोन आधारित जो भी टीके आ रहे हैं, उनकी मांग भी बाजार में बढ़ेगी और वे शायद लंबी अवधि तक चलने वाले टीके भी रहें।

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