बिजली मंत्रालय ने 8 मई को लिखे एक पत्र में केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग (सीईआरसी) को एक असामान्य वैधानिक निर्देश दिया। पत्र में कहा गया है कि ‘नियमन तैयार करते समय सीईआरसी के लिए सभी संबंधित पक्षों के साथ सलाह-मशविरा करना आवश्यक है। सरकार इन पक्षों में सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण है। इसे ध्यान में रखते हुए नियमन तैयार करने के चरण में सीईआरसी को बिजली मंत्रालय से अवश्य विचार-विमर्श करना चाहिए। इसका लाभ यह होगा कि सीईआरसी द्वारा तैयार नियमन सरकार द्वारा तैयार प्रावधान एवं सुधार के कदमों के साथ सरलता से तालमेल बैठा पाएंगे। इससे सरकार को धारा 107 के अंतर्गत बात में अलग से किसी तरह के निर्देश देने की आवश्यकता भी नहीं रहेगी।’
सरकार की तरफ से सीईआरसी को लिखा पत्र कहीं न कहीं एक टकराव का संकेत दे रहा है। यह टकराव बिजली मंत्रालय और सीईआरसी के बीच पेचीदा संबंधों को भी दर्शाता है। भारत में नियमन को लेकर अब तक का जो अनुभव रहा है उस आधार पर कहा जा सकता है कि नियामकों ने कई बार असामान्य व्यवहार किए हैं और सरकार ने भी उनके खिलाफ सामान्य एवं सूझ-बूझ भरे कदम नहीं उठाए हैं। सरकार और इससे सीधे जुड़े लोगों को यह समझने की आवश्यकता है कि नियामक एक प्रतिष्ठित संस्था है और उनके लिए यह भी समझना आवश्यक है कि यह किसी मंत्रालय के अधीन काम नहीं करता है। मगर जिन नीतियों एवं प्रावधानों को आधार बना कर नियामकों की स्थापना की गई है उनसे नियामकों एवं मंत्रालयों के बीच टकराव को टाला नहीं जा सकता है। टकराव टालने की बात तो दूर, इसके लिए एक पूरी पृष्ठभूमि तैयार हो जाती है।
هذه القصة مأخوذة من طبعة May 31, 2023 من Business Standard - Hindi.
ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 9,000 مجلة وصحيفة.
بالفعل مشترك ? تسجيل الدخول
هذه القصة مأخوذة من طبعة May 31, 2023 من Business Standard - Hindi.
ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 9,000 مجلة وصحيفة.
بالفعل مشترك? تسجيل الدخول
केपी सिंह ने डीएलएफ को चुना
डीएलएफ अध्यक्ष केपी सिंह ने अपनी पुस्तक विमोचन पर बयां किए आम और कारोबारी जीवन से जुड़े किस्से
'स्वतंत्रता आंदोलन में आदिवासियों के योगदान की अनदेखी'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि देश में कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकारों ने स्वतंत्रता आंदोलन में आदिवासी नेताओं के योगदान को कमतर आंकने का प्रयास किया, ताकि 'केवल एक पार्टी और एक परिवार को श्रेय मिल सके।'
दिल्ली में कार्यालयों का समय बदला
दिल्ली वालों को प्रदूषण से थोड़ी राहत मिली है। राष्ट्रीय राजधानी में सूचकांक वायु गुणवत्ता (एक्यूआई) में शुक्रवार को कमी आई और अब यह गंभीर श्रेणी से निकलकर बेहद खराब श्रेणी में आ गया है।
मोदी की यात्रा के एजेंडे में तेल कारोबार
कुछ साल से नाइजीरियाई क्रूड का सबसे बड़ा खरीदार रहा है भारत, ओवीएल की नजर गुयाना के अपतटीय ब्लॉकों पर
कम करें स्मॉलकैप, मिडकैप और सेक्टर फंड में निवेश
कोविड के बाद बाजार में उतरने वाले नए निवेशकों को सावधानी बरतने और जल्दबाजी में फैसले लेने से बचने की जरूरत है
ऋण निपटान की आसानी बढ़ाएगी आपके क्रेडिट स्कोर की परेशानी
जो लोग ऋण भुगतान में चूक गए हैं अथवा चूक सकते हैं वे घबराने की बजाय यह समझें कि स्थिति से कैसे निपटें सकते हैं
देश की अर्थव्यवस्था के उत्पादन में कृषि की घटती हिस्सेदारी
गरीबी खत्म करने और लोगों की आय बढ़ाने का रास्ता लाभकारी रोजगार के जरिये ही है। मगर प्रौद्योगिकी में आए नवाचार ने उद्योग और सेवा क्षेत्रों में मानव श्रम की तैनाती को नुकसान पहुंचाया है
खरीफ में कैसी रहेगी महंगाई
आने वाले महीनों में महंगाई कैसी रहेगी इसके लिए अब सभी की नजरें खरीफ फसल पर हैं
जलाशशगयों में पर्याप्त जल
जैसे ही आगामी हफ्तों में गेहूं, चना और सरसों जैसी रबी फसलों की बोआई में तेजी आएगी इन सबके बीच सबसे बड़ी चिंता जलाशयों में जलस्तर होगा। खासकर जिनके पास सिंचाई क्षमता होती है।
ग्रामीण क्षेत्रों को ऋण चक्र के जाल से मिले मुक्ति
भारत के एफएमसीजी क्षेत्र में जुलाई-सितंबर तिमाही में मूल्य के हिसाब से 5.7 प्रतिशत और कारोबार के हिसाब से 4.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जो ग्रामीण क्षेत्रों की मांग की बदौलत संभव हुआ है।