इन राज्यों में कल्याणकारी योजनाओं की घोषणाएं
- राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में राज्य सरकारों ने लोगों को महंगाई से बचाने के लिए कुछ सामाजिक सुरक्षा भत्तों की घोषणा की है या उनके खाते में पैसे हस्तांतरित किए हैं
- तेलंगाना में पेश की गई कल्याणकारी योजना के अनुसार, 1.5 लाख रुपये सालाना से कम आमदनी वाले ग्रामीण परिवारों और 2 लाख रुपये से कम आमदनी पाने वाले शहरी परिवारों को एक लाख रुपये मिलेंगे
- मध्यप्रदेश में लाडली बहन योजना के तहत 21 से 60 वर्ष तक की 1.24 करोड़ महिला लाभार्थियों के खाते में एक हजार रुपये डाले गए
- राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले आखिरी मॉनसून सत्र के दौरान राजस्थान न्यूनतम आय गारंटी विधेयक को पारित कराने की कोशिश की गई
तेलंगाना सरकार ने रविवार को राज्य में धार्मिक अल्पसंख्यकों के प्रत्येक परिवार के लिए एक लाख रुपये की वित्तीय सहायता की अधिसूचना जारी की। राज्य सरकार ने पहले पिछड़ी जातियों के लिए इस योजना की घोषणा की थी। लेकिन अब इसका दायरा इसने अल्पसंख्यकों के लिए बढ़ा दिया है।
चुनाव आयोग द्वारा आदर्श आचार संहिता लागू किए जाने में अब महज 75 दिन बचे हैं और जिन पांच राज्यों में चुनाव होने वाले हैं उनमें से चार राज्यों की सरकारों ने पिछले कुछ हफ्ते के दौरान कई कल्याणकारी योजनाओं की घोषणा की है।
राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में राज्य सरकारों ने लोगों को महंगाई से बचाने के लिए कुछ सामाजिक सुरक्षा भत्तों की घोषणा की है या उनके खाते में पैसे हस्तांतरित किए हैं। इसके साथ-साथ इन राज्य सरकारों ने वादा भी किया है कि अगर मतदाताओं ने सत्तासीन पार्टी को वोट दिए तब और भी लाभ दिए जाएंगे।
هذه القصة مأخوذة من طبعة July 24, 2023 من Business Standard - Hindi.
ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 9,000 مجلة وصحيفة.
بالفعل مشترك ? تسجيل الدخول
هذه القصة مأخوذة من طبعة July 24, 2023 من Business Standard - Hindi.
ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 9,000 مجلة وصحيفة.
بالفعل مشترك? تسجيل الدخول
'स्वतंत्रता आंदोलन में आदिवासियों के योगदान की अनदेखी'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि देश में कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकारों ने स्वतंत्रता आंदोलन में आदिवासी नेताओं के योगदान को कमतर आंकने का प्रयास किया, ताकि 'केवल एक पार्टी और एक परिवार को श्रेय मिल सके।'
दिल्ली में कार्यालयों का समय बदला
दिल्ली वालों को प्रदूषण से थोड़ी राहत मिली है। राष्ट्रीय राजधानी में सूचकांक वायु गुणवत्ता (एक्यूआई) में शुक्रवार को कमी आई और अब यह गंभीर श्रेणी से निकलकर बेहद खराब श्रेणी में आ गया है।
मोदी की यात्रा के एजेंडे में तेल कारोबार
कुछ साल से नाइजीरियाई क्रूड का सबसे बड़ा खरीदार रहा है भारत, ओवीएल की नजर गुयाना के अपतटीय ब्लॉकों पर
कम करें स्मॉलकैप, मिडकैप और सेक्टर फंड में निवेश
कोविड के बाद बाजार में उतरने वाले नए निवेशकों को सावधानी बरतने और जल्दबाजी में फैसले लेने से बचने की जरूरत है
ऋण निपटान की आसानी बढ़ाएगी आपके क्रेडिट स्कोर की परेशानी
जो लोग ऋण भुगतान में चूक गए हैं अथवा चूक सकते हैं वे घबराने की बजाय यह समझें कि स्थिति से कैसे निपटें सकते हैं
देश की अर्थव्यवस्था के उत्पादन में कृषि की घटती हिस्सेदारी
गरीबी खत्म करने और लोगों की आय बढ़ाने का रास्ता लाभकारी रोजगार के जरिये ही है। मगर प्रौद्योगिकी में आए नवाचार ने उद्योग और सेवा क्षेत्रों में मानव श्रम की तैनाती को नुकसान पहुंचाया है
खरीफ में कैसी रहेगी महंगाई
आने वाले महीनों में महंगाई कैसी रहेगी इसके लिए अब सभी की नजरें खरीफ फसल पर हैं
जलाशशगयों में पर्याप्त जल
जैसे ही आगामी हफ्तों में गेहूं, चना और सरसों जैसी रबी फसलों की बोआई में तेजी आएगी इन सबके बीच सबसे बड़ी चिंता जलाशयों में जलस्तर होगा। खासकर जिनके पास सिंचाई क्षमता होती है।
ग्रामीण क्षेत्रों को ऋण चक्र के जाल से मिले मुक्ति
भारत के एफएमसीजी क्षेत्र में जुलाई-सितंबर तिमाही में मूल्य के हिसाब से 5.7 प्रतिशत और कारोबार के हिसाब से 4.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जो ग्रामीण क्षेत्रों की मांग की बदौलत संभव हुआ है।
सहकारी संघवाद की भ्रामक अवधारणा
भारत सहकारी संघवाद की कामना तो करता है लेकिन इस दिशा में प्रयास करने पर अक्सर प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ता है। बता रहे हैं एम गोविंद राव