जब ऑनलाइन ऑर्डर देकर खान पान की वस्तुएं मंगाई जाती है तो उस पर डिफरेंशियल प्राइसिंग की होती है। डिफरेंशियल शर्त लागू प्राइसिंग एक तरह से नियम का उल्लंघन माना जा सकता है। ऑनलाइन ऑर्डर लेकर खान-पान पहुंचाने वाले ऑनलाइन ऐप ज्यादातर मामलों में अधिक कीमतें वसूलते हैं। उदाहरण के लिए जब आप दिल्ली-एनसीआर, मुंबई, बेंगलूरु या किसी अन्य शहर में किसी रेस्टोरेंट में जाकर खाना खाते हैं तो वहां आपको एक मसालेदार चिली पोटैटो के लिए 499 रुपये देने पड़ते हैं। मगर जब आप वही खाना स्विगी या जोमैटो जैसी ऑनलाइन एप से मांगते हैं तो इसके लिए आपको 549 रुपये भुगतान करने पड़ेंगे। इसी तरह एक सुशी प्लेट 999 रुपये में मिलेगा लेकिन यही अगर आप ऑनलाइन एप से मांगते हैं तो आपको जेब अधिक ढीली करनी पड़ सकती है यानी लगभग 1,100 रुपये तक का भुगतान करना पड़ सकता है।
هذه القصة مأخوذة من طبعة September 16, 2024 من Business Standard - Hindi.
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बैलट से वोट: अभियान चलाएगी कांग्रेस
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सिनेमा उद्योग में पूंजी जुटाने के लिए नए कदम
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भारतीयों को चपत - वास्तविक समय भुगतान प्रणाली के इस्तेमाल करने वालों की संख्या और लेनदेन बढ़ने के साथ-साथ यूपीआई संबंधित धोखाधड़ी बढ़ी, वित्त वर्ष 22 की तुलना में वित्त वर्ष 24 में बैंक धोखाधड़ी तीन गुना से अधिक रही