साल भर में यह क्लस्टर पूरी तरह चालू होने की उम्मीद है। इस क्लस्टर के साथ ही इंदौर में अब बड़े उद्यमियों के लिए नमकीन फूड पार्क बनाने की योजना भी बनाई जा रही है। नमकीन कारोबारियों का कहना है कि नमकीन क्लस्टर और नमकीन फूड पार्क बनने से इंदौर का नमकीन उद्योग तेजी से बढ़ने की संभावना है। मगर उनका यह भी कहना है कि प्रदेश का नमकीन उद्योग बढ़ी हुई लागत का बोझ भी झेल रहा है।
2017 से कारखाने बनने शुरू हुए
इंदौर के नमकीन उद्यमी और मध्य प्रदेश नमकीन एसोसिएशन के अध्यक्ष अनुराग बोथरा ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि छोटे उद्यमियों को एक जगह बसाने के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने साल 2012 में नमकीन क्लस्टर बनाने की घोषणा की थी। यह बात सही है कि शुरू में नमकीन क्लस्टर बनने में काफी देरी हुई, लेकिन वैश्विक महामारी कोविड-19 के बाद से इस क्लस्टर में कारखानों के निर्माण में तेजी आई है। अब आधे से ज्यादा कारखाने चालू हो गए हैं और शेष कारखाने साल भर के भीतर बनकर चालू होने की उम्मीद है। नमकीन क्लस्टर में 33 प्लॉट नमकीन उद्यमियों को आवंटित हुए वाले पंकज जैन कहते हैं कि सबसे पहले मैंने ही प्लॉट लिया था। अब यहां प्लॉट नहीं बचे है मगर हर कोई यहां प्लॉट लेना चाह रहा है। उस समय रजिस्ट्री खर्च के साथ कुल 40 लाख रुपये में प्लॉट मिल गया था। आज खरीदार एक करोड़ रुपये देने के लिए तैयार हैं। इस क्लस्टर में प्लॉट के साथ दो बिल्डिंग भी बनी हैं। जिनमें एक बिल्डिंग में 3,000 वर्ग फुट के तीन और दूसरी में 500 से 800 वर्ग फुट के 25 फ्लैट हैं। इनको पहले किराये पर उद्यमियों को देने की योजना थी मगर इसमें कम लोगों के दिलचस्पी दिखान से अब सरकार इनको पट्टे पर देने जा रही है।
800 से 1000 करोड़ रुपये का उद्योग
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पहली नजर में तो यह चुनाव जीतने का नया और शानदार सियासी नुस्खा नजर आता है। महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए नकद बांटो, परिवहन मुफ्त कर दो और सार्वजनिक स्थानों तथा परिवारों के भीतर सुरक्षा पक्की कर दो। बस, वोटों की झड़ी लग जाएगी। यहां बुनियादी सोच यह है कि महिला मतदाता अब परिवार के पुरुषों के कहने पर वोट नहीं देतीं। अब वे अपनी समझ से काम करती हैं और रोजगार, आर्थिक आजादी, परिवार के कल्याण तथा अपने अरमानों को ध्यान में रखकर ही वोट देती हैं।
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