रतन टाटा ने वर्ष 1991 में जेआरडी टाटा से टाटा समूह की कमान अपने हाथ में ली थी। उस समय समूह का कारोबार भारत में ही सीमित था मगर अर्थव्यवस्था के लगभग हरेक क्षेत्र में इसकी मौजूदगी थी। इस्पात, वाहन, रसायन, सीमेंट, बिजली, पेंट, साबुन, कॉस्मेटिक, चाय एवं कॉफी, कीटनाशक, दवा, सॉफ्टवेयर, इलेक्ट्रॉनिक हार्डवेयर, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, प्रिंटिंग, प्रकाशन और आतिथ्य आदि कारोबार खंडों में टाटा समूह कारोबार कर रहा था।
बेशक रतन टाटा को विरासत में लाभ कमाने वाला एवं वित्तीय रूप से मजबूत कारोबारी समूह मिला था मगर इसकी विभिन्न कंपनियों के बीच तालमेल अधिक नहीं था और दूरदर्शी सोच का भी अभाव था। समूह की 34 सूचीबद्ध कंपनियों की शुद्ध बिक्री 1990-91 में 8,992.8 करोड़ रुपये थी और शुद्ध मुनाफा मार्जिन 5.83 फीसदी था। मार्च 1991 के अंत में समूह का कुल बाजार पूंजीकरण 8,688.6 करोड़ रुपये था और कुल 10,871 करोड़ रुपये मूल्य की परिसंपत्तियां थीं। इनकी बदौलत पूंजी पर प्रतिफल (रिटर्न ऑन इक्विटी) 16.1 फीसदी और ऋण-शेयर अनुपात 1.16 गुना था।
टाटा मोटर्स राजस्व के लिहाज से समूह की सबसे बड़ी कंपनी थी, जिसने वित्त वर्ष 1991 में 2,072 करोड़ रुपये राजस्व अर्जित किया था। इसके बाद टाटा स्टील दूसरी सबसे अधिक राजस्व अर्जित करने वाली कंपनी थी, जिसने 1,991.5 करोड़ रुपये राजस्व हासिल किया था। मगर समूह के मुनाफे में टाटा स्टील का योगदान (160.1 करोड़ रुपये) सबसे अधिक था और इसके बाद टाटा मोटर्स (142.1 करोड़ रुपये) की बारी आती थी। मार्च 1991 तक टाटा स्टील का बाजार पूंजीकरण 3,663.5 करोड़ रुपये था जबकि टाटा मोटर्स 1,788.3 करोड़ रुपये के साथ दूसरे स्थान पर थी।
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महाराष्ट्र में नई सरकार के लिए और बढ़ा इंतजार
चुनाव परिणाम आने के एक सप्ताह बाद भी महाराष्ट्र में सरकार का गठन नहीं हो पाया है। महायुति गठबंधन में शामिल दलों के बीच मुख्यमंत्री पद और विभाग बंटवारे को लेकर उसी दिन से रस्साकशी चल रही है और कई दौर की वार्ताओं के बावजूद मामला हल नहीं हुआ है।
संभल मस्जिद में सर्वेक्षण पर रोक
'उच्च न्यायालय का रुख स्पष्ट होने तक कार्यवाही न बढ़े'
यूपीआई खाते में रखें कम पैसा, घटेगा जालसाजी का अंदेशा
नकद के बगैर खरीदारी और भुगतान की सुविधा देने वाले यूनाइटेड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) ने आम लोगों की जिंदगी जितनी सरल की है, धोखाधड़ी की गुंजाइश भी उतनी ही बढ़ गई है। वित्त मंत्रालय से मिले आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में यानी सितंबर तक धोखाधड़ी की 6.32 लाख घटनाएं दर्ज की गई थीं, जिनमें लोगों को 485 करोड़ रुपये का चूना लग गया था।
जैव विविधता संकट पर आंख खोलने की जरूरत
भारत ने हाल ही में कोलंबिया के कैली में जैव विविधता से जुड़े अंतरराष्ट्रीय शिखर सम्मेलन (सीबीडी) के 16वें कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज (कॉप-16) में भाग लिया है।
यूपीआई धोखाधड़ी का मुकाबला
बीते कुछ वर्षों में डिजिटल भुगतान लेनदेन में उल्लेखनीय इजाफा देखने को मिला है। बहरहाल, देश के डिजिटल भुगतान परिदृश्य में इस असाधारण वृद्धि के साथ ही धोखाधड़ी के मामलों में भी इजाफा हुआ है।
ट्रंप का दूसरा कार्यकाल आसियान की दुविधा
अमेरिकी व्यापार नीति आसियान अर्थव्यवस्थाओं को चीन के साथ गहन रिश्ते बनाने की ओर धकेल सकती है। दोनों के बीच की मुश्किलों के बीच भी यह संभव है। बता रही हैं अमिता बत्रा
हिंदुजा लीलैंड फाइनैंस की नजर डॉलर बॉन्ड पर
हिंदुजा लीलैंड फाइनैंस की नजर इस वित्त वर्ष के अंत में डॉलर बॉन्ड जारी करके 30 से 50 करोड़ डॉलर जुटाने पर है।
जीएसटी दरें बढ़ाकर राजस्व बढ़ाएं
पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन ने शुक्रवार को सुझाव दिया कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद को कर की दरें बढ़ाने पर गंभीरता से सोचना चाहिए। उन्होंने तर्क दिया कि इससे न केवल कर राजस्व बेहतर होगा बल्कि मुआवजा उपकर की एक बार समाप्ति होने की स्थिति में नया शुल्क लगाने की आवश्यकता भी खत्म हो जाएगी।
देश के बुनियादी उद्योगों का उत्पादन 3.1 फीसदी बढा
देश के आठ प्रमुख बुनियादी उद्योगों की उत्पादन वृद्धि अक्टूबर में सालाना आधार पर सुधर कर 3.1 प्रतिशत हो गई। सितंबर में यह आंकड़ा सुधरकर 2.4 प्रतिशत हुआ था।
दूसरी तिमाही में कृषि जीवीए हुआ बेहतर
अच्छे मॉनसून का असर ■ विशेषज्ञों की राय के मुताबिक इसने आने वाली तिमाहियों के बेहतर प्रदर्शन की नींव रखी