विफलता को सराहना कब आरंभ करेगा भारत?
Business Standard - Hindi|October 31, 2024
कार्यपालिका और विधायिका एक दूसरे के साथ कदमताल करते हुए महत्त्वपूर्ण सामाजिक-आर्थिक मुद्दों के समाधान के लिए कानून बनाती हैं।
एम एस साहू और आशिष मखीजा
विफलता को सराहना कब आरंभ करेगा भारत?

पहले कानूनों में एक अनुच्छेद होता था, जो बताता था कि वे कार्यपालिका द्वारा तय अमुक तारीख को प्रभाव में आएंगे। किंतु हाल के कुछ कानूनों में इस अनुच्छेद के साथ एक शर्त है, जिसके अनुसार एक ही कानून के विभिन्न प्रावधान अलग-अलग तारीखों पर लागू होंगे। यह लचीलापन कार्यपालिका को जरूरी व्यवस्था तैयार होने के बाद ही कानूनों का क्रियान्वयन सुनिश्चित करने का मौका देता है, लेकिन इससे क्रियान्वयन को अनिश्चितकाल तक टालने का बहाना भी मिल जाता है। विलंब तब भी होता है, जब इसके क्रियान्वयन पर न तो राजनीतिक विरोध हो रहा होता है और न ही जनता विरोध कर रही होती है। यह स्थिति विधायिका की मंशा और कार्यपालिका की कार्रवाई के बीच तालमेल की कमी दर्शाती है, जिसके कारण तयशुदा लक्ष्य प्राप्त नहीं हो पाता है।

ऋण शोधन अक्षमता एवं दिवालिया संहिता, 2016 इसका सटीक उदाहरण है, जो कंपनियों, प्रोपराइटरशिप और पार्टनरशिप वाली फर्मों तथा लोगों के कर्ज समाधान के लिए प्रभाव में आई थी। एक मोटे अनुमान के अनुसार भारत में 17 लाख कंपनियां, 17 करोड़ प्रोपराइटरशिप एवं पार्टनरशिप (10 करोड़ कृषि और 7 करोड़ गैर-कृषि) और 140 करोड़ लोग हैं। हालांकि आईबीसी फिलहाल कॉरपोरेट इकाइयों के लिए ही काम कर रहा है, चूंकि मात्र 0.1 प्रतिशत संभावित लाभार्थी ही फिलहाल इसकी जद में हैं। संहिता के क्रियान्वयन के लगभग एक दशक बाद भी प्रोपराइटरशिप, पार्टनरशिप और व्यक्ति इस संहिता का लाभ उठाने से वंचित हैं, जबकि कर्ज लेने वालों में 99.99 प्रतिशत ये ही हैं। कार्यपालिका ने संहिता जरूरत मंद लोगों में कुछ मुट्ठी भर लोगों के लिए ही सीमित रखी है। इससे उद्यमशीलता को बढ़ावा देने का एक बड़ा लाभ खत्म हो गया है।

هذه القصة مأخوذة من طبعة October 31, 2024 من Business Standard - Hindi.

ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 9,000 مجلة وصحيفة.

هذه القصة مأخوذة من طبعة October 31, 2024 من Business Standard - Hindi.

ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 9,000 مجلة وصحيفة.

المزيد من القصص من BUSINESS STANDARD - HINDI مشاهدة الكل
फ्रंट-रनिंग: केतन पारेख की भूमिका?
Business Standard - Hindi

फ्रंट-रनिंग: केतन पारेख की भूमिका?

फ्रंट-रनिंग एक धोखाधड़ी वाली प्रणाली है, जिसमें कारोबारी निजी लाभ के लिए बड़े ग्राहकों के ऑर्डरों की अग्रिम जानकारी का इस्तेमाल करते हैं, जैसा कि केतन पारेख के मामले में देखा गया

time-read
2 mins  |
January 04, 2025
व्यय बढ़ाने को राज्यों को ज्यादा पैसा दे रही सरकार
Business Standard - Hindi

व्यय बढ़ाने को राज्यों को ज्यादा पैसा दे रही सरकार

केंद्र सरकार पूरे वित्त वर्ष के लिए तय किए गए पूंजीगत खर्च के लक्ष्य हासिल करने के लिए राज्यों को धन दे रही है

time-read
2 mins  |
January 04, 2025
मिनिमलिस्ट को खरीदेगी एचयूएल
Business Standard - Hindi

मिनिमलिस्ट को खरीदेगी एचयूएल

स्किनकेयर ब्रांड मिनिमलिस्ट को 3,000 करोड़ रुपये में खरीदने की तैयारी

time-read
2 mins  |
January 04, 2025
मोदी ने दिल्ली के लिए खोला दिल
Business Standard - Hindi

मोदी ने दिल्ली के लिए खोला दिल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को दिल्ली के अशोक विहार स्थित स्वाभिमान अपार्टमेंट में इन-सीटू स्लम पुनर्वास परियोजना के अंतर्गत झुग्गी झोपड़ी (जेजे) समूहों के निवासियों को 1,675 नवनिर्मित फ्लैटों की चाबियां सौंपीं और इन्हें आत्मसम्मान, गरिमा और नई आकांक्षाओं व सपनों का प्रतीक बताया।

time-read
1 min  |
January 04, 2025
कोहरे से 500 उड़ानें, 24 ट्रेनें प्रभावित
Business Standard - Hindi

कोहरे से 500 उड़ानें, 24 ट्रेनें प्रभावित

कोहरा और धुंध एक बार फिर परेशान करने लगी है। राजधानी दिल्ली में घने कोहरे के कारण शुक्रवार को आईजीआई एयरपोर्ट पर आने और जाने वाली लगभग 500 उड़ानों में देर हुई जबकि 24 रेलगाड़ियां भी अपने गंतव्य पर देर से पहुंची।

time-read
2 mins  |
January 04, 2025
कुशल पेशेवर दोनों देशों के लिए मददगार
Business Standard - Hindi

कुशल पेशेवर दोनों देशों के लिए मददगार

अमेरिका में एच1बी वीजा पर छिड़ी बहस पर विदेश मंत्रालय ने दिया जवाब

time-read
4 mins  |
January 04, 2025
आगामी बजट में रक्षा क्षेत्र पर हो विशेष ध्यान
Business Standard - Hindi

आगामी बजट में रक्षा क्षेत्र पर हो विशेष ध्यान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पास इस बार पहले जैसा या एक ही लीक पर चलने वाला बजट पेश करने का विकल्प नहीं है। वृद्धि, रोजगार, बुनियादी ढांचे और राजकोषीय संतुलन पर जोर तो हमेशा ही बना रहेगा मगर 2025-26 के बजट में उस पर ध्यान देने की जरूरत है, जिसे बहुत पहले तवज्जो मिल जानी चाहिए थीः बाह्य और आंतरिक सुरक्षा।

time-read
5 mins  |
January 04, 2025
Business Standard - Hindi

महिला मतदाताओं की बढ़ती अहमियत

पहली नजर में तो यह चुनाव जीतने का नया और शानदार सियासी नुस्खा नजर आता है। महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए नकद बांटो, परिवहन मुफ्त कर दो और सार्वजनिक स्थानों तथा परिवारों के भीतर सुरक्षा पक्की कर दो। बस, वोटों की झड़ी लग जाएगी। यहां बुनियादी सोच यह है कि महिला मतदाता अब परिवार के पुरुषों के कहने पर वोट नहीं देतीं। अब वे अपनी समझ से काम करती हैं और रोजगार, आर्थिक आजादी, परिवार के कल्याण तथा अपने अरमानों को ध्यान में रखकर ही वोट देती हैं।

time-read
3 mins  |
January 04, 2025
श्रम मंत्रालय तैयार कर रहा है रूपरेखा
Business Standard - Hindi

श्रम मंत्रालय तैयार कर रहा है रूपरेखा

गिग वर्कर की सामाजिक सुरक्षा

time-read
1 min  |
January 04, 2025
भारत के गांवों में गरीबी घटी
Business Standard - Hindi

भारत के गांवों में गरीबी घटी

वित्त वर्ष 2024 में पहली बार गरीबी अनुपात 5 प्रतिशत से नीचे गिरकर 4.86 प्रतिशत पर आ गया, जो वित्त वर्ष 2023 में 7.2 प्रतिशत था

time-read
3 mins  |
January 04, 2025