एआई मूलतः सहयोगात्मक, समावेशी, गतिशील एवं लगातार बदलने वाली तकनीक पर आधारित है। इसलिए इसके नियम भी ऐसे ही होने चाहिए। केवल एक नियामक के नियंत्रित परीक्षण इस तकनीक को कम से कम जोखिम के साथ सभी को फायदा पहुंचाने वाली नहीं बना सकते। इसके लिए सभी का सहयोग जरूरी है।
1.4 अरब आबादी वाला देश भारत तेजी से डिजिटल तकनीक अपना रहा है और वह एआई से जुड़ी इस बहस में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। एआई के लाभ आर्थिक, सामाजिक, स्वास्थ्य, परिवहन (लॉजिस्टिक्स), शिक्षा, सुरक्षा एवं पर्यावरण समेत सभी क्षेत्रों में देखे जा सकते हैं। रोजमर्रा के कार्यों में इसे तेज रफ्तार से अपनाया जा रहा है, जो चौंकाने वाली बात है। मगर एआई के बढ़ते इस्तेमाल की राह में ठोस नियम-कायदों का अभाव बाधा उत्पन्न कर रही है। इसके कारण एआई का दुरुपयोग हो रहा है और लोगों का इसमें भरोसा नहीं बन पा रहा है। एआई की अनियंत्रित प्रगति और उपलब्धता से मानवीय, राष्ट्रीय, आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा के लिए खतरा पैदा हो रहा है तथा सभी पक्षों पर इसका असर पड़ रहा है।
एआई क्षेत्र में काम करने वाली इकाइयाँ (हितधारक) डेटा तैयार करती हैं, जो एआई की रीढ़ माना जाता है। डेटा भंडार जितना बड़ा और विविधता भरा होगा, अनजाने में पक्षपात होने की आशंका उतनी ही कम होगी तथा उतना ही अधिक सटीक आकलन एवं परिणाम होगा। इस वजह से स्वाभाविक रूप से एआई का आकलन सहयोगात्मक, समावेशी और अलग-अलग अधिकार क्षेत्र में काम करने वाला होता है, जिसकी प्रगति के लिए उपयोगकर्ताओं का भरोसा बहुत जरूरी है। साथ ही इससे जुड़े खतरे भी हर जगह दिखने लगते हैं। इसलिए सहयोग भरा नियमन जरूरी है ताकि जोखिम कम हो और इनका इस्तेमाल एवं विकास गति पकड़े।
मौजूदा वैश्विक परिदृश्य में हर देश अपने हिसाब से एआई के कायदे तय कर रहा है, जो नाकाफी साबित हो रहे हैं। नियमन की लगाम अपने हाथ में लेने की कोशिश अवांछित परिणाम दे सकती है। कारगर नियमन के लिए जब अलग-अलग अधिकार क्षेत्र यानी देशों का साथ आना और सहयोग करना जरूरी है तो पहले कदम उठाने वाले को ज्यादा फायदा मिलने का सवाल ही नहीं है।
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दिसंबर में एसआईपी के रिकॉर्ड खाते हुए बंद
शेयर बाजार में उतारचढ़ाव के बीच निवेशक तीव्र गति से एसआईपी खाते बंद करा रहे हैं। दिसंबर में निवेशकों ने 45 लाख एसआईपी खाते बंद करा दिए, जो एक रिकॉर्ड है। पिछला रिकॉर्ड मई 2024 का है जब 44 लाख खाते बंद कराए गए थे।
'रीट्स, इनविट्स, म्युनिसिपल बॉन्डों में अच्छी संभावनाएं'
सेबी प्रमुख ने यह भी कहा है कि 250 रुपये के एसआईपी जल्द शुरू होंगे
अगर फिल्म चल जाए तो उसकी कोई थाह नहीं रहती
1,745 स्क्रीन वाली पीवीआर आईनॉक्स भारत की सबसे बड़ी मल्टीप्लेक्स श्रृंखला है। लेकिन 6,200 करोड़ रुपये राजस्व कमाने वाली इस फर्म का शेयर बुरी तरह गिरा हुआ है। कहा जा रहा है कि सिनेमा कारोबार संकट में है। कंपनी के प्रबंध निदेशक अजय बिजली ने वनिता कोहली खांडेकर संग बातचीत में इस साल फिल्म कारोबार पर अपनी राय दी। मुख्य अंशः
लगातार छठे साल स्प्लेंडर की चमक बरकरार
टॉप-10 बाइक ब्रांड सूची में शीर्ष पर रहा स्प्लेंडर, हीरो की अन्य बाइक में ग्राहकों की दिलचस्पी घटी
स्टार्टअप एक्सीलेरेटर की अंतिम सूची जारी की गई
गेमिंग यूनिकॉर्न गेम्स 24x7 ने अपने स्टार्टअप एक्सीलेरेटर प्रोग्राम टेक एक्सपेडाइट प्रोग्राम के तहत 17 फर्मों की सूची जारी की है।
बैंकिंग तंत्र में नकदी बढ़ाने की लगाई गुहार
बैंकिंग तंत्र में नकदी की तंग स्थिति को देखते हुए बैंकरों ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से मुलाकात कर विभिन्न उपायों के जरिये लंबे समय के लिए तरलता सुनिश्चित करने का आग्रह किया है।
न्यूबर्ग डायग्नोस्टिक्स ने कोटक ऑल्ट से जुटाए 940 करोड़ रु.
सुपर स्पेशियलिटी डायग्नोस्टिक्स श्रृंखला न्यूबर्ग डायग्नोस्टिक्स ने कोटक फंड से 940 करोड़ रुपये जुटाए हैं। कंपनी इस रकम का इस्तेमाल देश भर में अपने कारोबार के विस्तार में करेगी। यह देश के डायग्नोस्टिक्स क्षेत्र में जुटाई गई अब तक की सबसे बड़ी प्राथमिक रकम है।
2024 अब तक का सर्वाधिक गर्म साल
यूरोपीय जलवायु एजेंसी कॉपरनिकस ने शुक्रवार को पुष्टि की कि वर्ष 2024 अब तक का सर्वाधिक गर्म वर्ष रहा और ऐसा पहली बार है जब पिछले साल का वैश्विक औसत तापमान पूर्वऔद्योगिक स्तर से 1.5 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा।
मेटा की नीति का भारत के फैक्ट चेकर पर भी पड़ेगा असर!
मेटा ने अमेरिका में तथ्यों की जांच करने के कार्यक्रम (फैक्ट चेकर्स प्रोग्राम) को बंद का फैसला किया है जिसके चलते भारत में इसके साझेदारों के बीच चिंता बढ़ गई है। इनमें से कई फैक्ट चेकर्स अपनी रणनीति का दोबारा मूल्यांकन कर रहे हैं और विशेषज्ञों का कहना है कि इस कदम का भारत के सोशल मीडिया उप-योकर्ताओं पर बड़ा असर पड़ेगा।
'राजनीति में मिशन लेकर आएं, एंबिशन नहीं'
'जीरोधा' के सह-संस्थापक निखिल कामत के पॉडकास्ट में प्रधानमंत्री मोदी ने कई अनछुए पहलुओं पर की खुलकर बात