भारतीय रुपया सितंबर 2024 के अंतिम सप्ताह में उस समय दबाव में आ गया जब विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने भारतीय पूंजी बाजार में विशुद्ध बिकवाली आरंभ कर दी। इसके परिणामस्वरूप पूंजी बाहर जाने लगी। बहरहाल, व्यवस्था बनाए रखने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने विदेशी मुद्रा बाजार में दखल दिया जिससे कुछ हलकों में यह चिंता भी उत्पन्न हुई कि क्या यह सही रणनीति है?
एफआईआई ने 25 सितंबर से भारतीय बाजार से पूंजी निकालनी शुरू की। इससे एक दिन पहले ही पीपल्स बैंक ऑफ चाइना ने मौद्रिक प्रोत्साहन घोषित किया था। इसके तुरंत बाद चीन में राजकोषीय प्रोत्साहन दिया गया। चूंकि चीन में शेयरों का मूल्यांकन सस्ता था और प्रोत्साहन ने शेयर कीमतों में इजाफे की संभावना पैदा कर दी थी इसलिए एफआईआई ने भारत से पैसा निकालकर चीन में निवेश करना आरंभ कर दिया।
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2017 से पहले के निवेश पर एफपीआई को राहत
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आगरा से अधिक अयोध्या पहुंचे लोग
पिछले साल 22 जनवरी को ही अयोध्या में श्रीराम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम का आयोजन किया गया था।
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स्टारगेटः भारत के लिए बड़ा मौका
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एस्सार रिन्यूएबल्स महाराष्ट्र में करेगी 8,000 करोड़ रुपये निवेश
एस्सार रिन्यूएबल्स लिमिटेड (ईआरएल) ने नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में बड़ा कदम उठाते हुए महाराष्ट्र सरकार के साथ 8,000 करोड़ रुपये निवेश करने के लिए समझौता किया है।