भारत की अर्थव्यवस्था यदा-कदा ही मंदी के दलदल में पूरी तरह फंसती है मगर यह भी सच है कि लगातार तेज रफ्तार दौड़ने में इसकी सांस फूलने लगती है। कुछ ही दिनों बाद यह दिख भी गया, जब वित्त वर्ष 2024 में 8.2 प्रतिशत पर पहुंचने वाली भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में फिसल कर 6.6 प्रतिशत रह गई। चालू वित्त वर्ष की ही दूसरी तिमाही में यह 5.4 प्रतिशत तक लुढ़क गई। जीडीपी निकट भविष्य में दोबारा 8 प्रतिशत वृद्धि हासिल करता तो नहीं दिखता मगर यह 5 प्रतिशत से नीचे भी नहीं जाएगा। अगर पुरानी 'हिंदू वृद्धि दर' 3.5 प्रतिशत (1950 से 1980 तक सालाना औसत वृद्धि दर) थी तो अब नई हिंदू वृद्धि दर 5.5 प्रतिशत हो गई है।
पिछली तिमाही में आर्थिक सुस्ती के कई कारण सरकार ने बताए हैं। पहला कारण भारतीय रिजर्व बैंक की सख्त मौद्रिक नीति है तो दूसरा कारण आम चुनाव एवं विधानसभा चुनावों के कारण केंद्र एवं राज्य सरकारों द्वारा कम पूंजीगत व्यय बताया गया है। तीसरा कारण देश के भीतर राजनीतिक कारणों, वैश्विक अनिश्चितता, अत्यधिक क्षमता और भारत में विदेशी माल पाटे जाने के डर से सुस्त निजी पूंजीगत व्यय।
هذه القصة مأخوذة من طبعة January 07, 2025 من Business Standard - Hindi.
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2017 से पहले के निवेश पर एफपीआई को राहत
सीबीडीटी ने कहा है कि यह पिछली तारीख से लागू होगा, पिछले निवेश पर ग्रैंडफादरिंग की इजाजत मिलेगी
आगरा से अधिक अयोध्या पहुंचे लोग
पिछले साल 22 जनवरी को ही अयोध्या में श्रीराम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम का आयोजन किया गया था।
आर्थिक संबंध बढ़ाना चाहता है अमेरिका
अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ द्विपक्षीय बैठक की और कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का प्रशासन भारत के साथ आर्थिक संबंधों को आगे बढ़ाना चाहता है।
कारोबारी सुगमता का बने अंतरराष्ट्रीय संस्थान
कारोबार को धन सृजन और आर्थिक वृद्धि का इंजन माना जाता है। सरकार ने कारोबार एवं व्यवसायों के लिए अनुकूल माहौल तैयार करने के लगातार प्रयास किए हैं।
इक्विटी बाजार का परिदृश्य साफ नहीं
बीएनपी पारिबा ने बुधवार को कहा कि इस साल के लिए शेयर बाजार का परिदृश्य धुंधला बना हुआ है क्योंकि वृद्धि की रफ्तार धीमी है और हाई-फ्रीक्वेंसी इंडिकेटर नरमी दिखा रहे हैं।
स्टारगेटः भारत के लिए बड़ा मौका
विशेषज्ञों और उद्योग जगत ने देश के लिए बताया बड़ा मौका
एआई चिपों पर नई पाबंदियां और भारत
अमेरिका से आर्टिफिशल इंटेलिजेंस चिपों के निर्यात पर लगी नई बंदिशें भारत की प्रगति में बाधा बनती नहीं दिख रही हैं। विस्तार से बता रहे हैं अजय शाह
तीन सबसे कम पसंदीदा एशियाई शेयर बाजारों में शामिल है भारत
फंड प्रबंधकों का सर्वे में 10 फीसदी 12 महीने के नजरिये से भारतीय इक्विटी पर 'अंडरवेट' बने हुए है
प्रतिबंधों के बावजूद 2024 में चावल निर्यात स्थिर
प्रतिबंधों के बावजूद 2024 में भारत का चावल निर्यात स्थिर रहा है।
एस्सार रिन्यूएबल्स महाराष्ट्र में करेगी 8,000 करोड़ रुपये निवेश
एस्सार रिन्यूएबल्स लिमिटेड (ईआरएल) ने नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में बड़ा कदम उठाते हुए महाराष्ट्र सरकार के साथ 8,000 करोड़ रुपये निवेश करने के लिए समझौता किया है।