गीता में हैं आधुनिक प्रबंधन के सूत्र
Panchjanya|December 04, 2022
प्रबंधन के क्षेत्र में गीता का हर अध्याय, हर श्लोक अत्यंत सटीक और महत्वपूर्ण मार्गदर्शन करता है। इन सूत्रों से न केवल करियर में वांछित सफलता प्राप्त हो सकती है बल्कि सामाजिक एवं व्यक्तिगत जीवन में भी उन्नति हो सकती है।
प्रो. भगवती प्रकाश
गीता में हैं आधुनिक प्रबंधन के सूत्र

र्जुन को मोह, भ्रम व अनिश्चय से मुक्त कर युद्ध के कर्तव्य पथ पर बढ़ने की प्रेरणा देने वाली श्रीमद्भगवद्गीता में आधुनिक प्रबंधन के अनेक सिद्धांत सूत्रबद्ध हैं। डेढ़ गुनी से भी अधिक कौरव सेना तथा भीष्म, द्रोण व कर्ण जैसे अजेय योद्धाओं पर विजय पाने के एकनिष्ठ लक्ष्य के प्रति सन्नद्ध कर देने वाले गीता के उपदेश आज के चुनौतीपूर्ण व्यावसायिक प्रबंध में भी कारगर हैं। आज दुनिया के वही देश समृद्धि के शिखर पर हैं, जो अपने व्यावसायिक उपक्रमों का कुशलता से प्रबंध कर रहे हैं।

विश्व के 200 से अधिक देशों के सकल औद्योगिक उत्पादन में से 60 प्रतिशत पर उन 4 देशों का ही नियंत्रण है, जो अपनी अर्थव्यवस्था, उद्योग, व्यापार व वाणिज्य का कुशल प्रबंधन कर रहे हैं। कुल वैश्विक महानुमाप उत्पादन के 80 प्रतिशत पर भी • मात्र 10 देशों का नियंत्रण है। आज कुल वैश्विक उत्पादन में चीन का 28.7 प्रतिशत, अमेरिका 17 प्रतिशत, जापान 8 प्रतिशत और जर्मनी का नियंत्रण 5.5 प्रतिशत है, जबकि विश्व जनसंख्या में इनकी भागीदारी क्रमशः 17.7 प्रतिशत, 4.07 प्रतिशत, 1.58 प्रतिशत व 1.05 प्रतिशत ही है। वहीं, कुल वैश्विक उत्पादन के आधार पर 5वें से 8वें स्थान पर क्रमशः भारत ( 3.1 प्रतिशत) द. कोरिया (3 प्रतिशत), इटली (2 प्रतिशत) व फ्रांस (1.9 प्रतिशत) हैं। ऐसे में भारत में सामान्य जनता व संस्थागत स्तरों पर उच्च लक्ष्य तय कर अपने को कर्तव्य पथ पर समर्पित करने की प्रेरणा देने हेतु श्रीमद्भगवद्गीता का सर्वोच्च महत्व है।

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