![न चोला बदलेगा न शातिर मोहरे न चोला बदलेगा न शातिर मोहरे](https://cdn.magzter.com/1622547313/1673243624/articles/PBJdzO_Px1673438178595/1673438424545.jpg)
अभी कुछ दिन पहले ही केरल में मजहबी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के एक गुर्गे को गिरफ्तार किया गया। उसका नाम है मोहम्मद मुबारक, जो केरल उच्च न्यायालय में वकील है। आरोप के अनुसार वह 'मार्शल आर्ट' और 'टारगेट किलिंग' का प्रशिक्षण देता था।
पीएफआई से जुड़े लोगों के विरुद्ध लगातार कार्रवाई की जा रही है, छापे मारे जा रहे हैं। संगठन को भले ही प्रतिबंधित किया जा चुका हो, लेकिन अभी पर्दे के पीछे से इसे सक्रिय रखने के भरसक प्रयास किए जा रहे हैं। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने हैदराबाद की एक विशेष अदालत में पीएफआई के 11 गुर्गों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया है। इन सभी पर योग कक्षा की आड़ में आतंकियों को प्रशिक्षित करने के आरोप हैं। एनआईए ने अपने आरोपपत्र में कहा है कि पीएफआई में भर्ती होने के बाद मुस्लिम युवाओं को योग कक्षाओं और शारीरिक शिक्षा की आड़ में प्रशिक्षण शिविरों में चाकू, दरांती और लोहे की छड़ें चलाने के लिए प्रशिक्षित किया गया था। इनको सिखाया जाता था कि कैसे किसी के शरीर के मर्म अंगों, जैसे कि गले, पेट और सिर पर हमला करना है।
इसके अलावा एनआईए ने पीएफआई पर प्रतिबंध के बाद गिरफ्तार किए गए इसके नेताओं के बारे में कोच्चि में विशेष एनआईए अदालत को जानकारी दी है। इसके अनुसार पीएफआई के नेता इस्लामिक स्टेट (आईएस) और अल-कायदा के कुछ आतंकवादियों के संपर्क में थे। एनआईए ने बताया कि आईएस और अल-कायदा जैसे आतंकवादी संगठन जिहादियों का इस्तेमाल उन देशों में विध्वंसक गतिविधियों के लिए करते हैं, जहां उनका सीधा संचालन संभव नहीं है। यही नहीं, इन संगठनों की अगुआई कर रहे कई आतंकवादी केरल में पीएफआई के नेताओं के संपर्क में थे। एनआईए को पीएफआई की देशद्रोही हरकतों के संबंध में डिजिटल साक्ष्य भी मिले हैं। एनआईए ने अपने आरोपपत्र में सोशल मीडिया समूहों के माध्यम से युवाओं को आतंकवादी गतिविधियों में शामिल करने जैसी जानकारी भी दी है।
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![शिक्षा, स्वावलंबन और संस्कार की सरिता शिक्षा, स्वावलंबन और संस्कार की सरिता](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/25116/1240732/SIWr3MUpD1678350404814/1678350536289.jpg)
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रुद्रपुर स्थित दूधिया बाबा कन्या छात्रावास में छात्राओं को निःशुल्क शिक्षा के साथ-साथ संस्कार और स्वावलंबन का पाठ पढ़ाया जा रहा। इस अनूठे छात्रावास के कार्यों से अनेक लोग प्रेरणा प्राप्त कर रहे
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शिवाजी पर वामंपथी श्रद्धा!!
वामपंथियों ने छत्रपति शिवाजी की जयंती पर भाग्यनगर में उनका पोस्टर लगाया, तो दिल्ली के जेएनयू में इन लोगों ने शिवाजी के चित्र को फाड़कर फेंका दिया। इस दोहरे चरित्र के संकेत क्या हैं !
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कांग्रेस के फैसले, मर्जी परिवार की
कांग्रेस में मनोनीत लोगों द्वारा 'मनोनीत' फैसले लिये जा रहे हैं। किसी उल्लेखनीय चुनावी जीत के बिना कांग्रेस स्वयं को विपक्षी एकता की धुरी मानने की जिद पर अड़ी है जो अन्य को स्वीकार्य नहीं हैं। अधिवेशन में पारित प्रस्ताव बताते हैं कि पार्टी के पास नए विचार के नाम पर विफलताओं का जिम्मा लेने के लिए खड़गे
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फूट ही गया 'ईमानदारी' का गुब्बारा
अरविंद केजरीवाल सरकार की 'कट्टर ईमानदारी' का ढोल फट चुका है। उनकी कैबिनेट के 6 में से दो मंत्री सलाखों के पीछे। शराब घोटाले में सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय की जांच की आंच कभी भी केजरीवाल तक पहुंच सकती है
![होली का रंग तो बनारस में जमता था होली का रंग तो बनारस में जमता था](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/25116/1240732/ceArmQ9AA1678349494255/1678349814918.jpg)
होली का रंग तो बनारस में जमता था
होली के मौके पर होली गायन की बात न चले यह मुमकिन नहीं। जब भी आपको होली, कजरी, चैती याद आएंगी, पहली आवाज जो दिमाग में उभरती है उसका नाम है- गिरिजा देवी। वे भारतीय संगीत के उन नक्षत्रों में से हैं जिनसे हिन्दुस्थान की सुबहें आबाद और रातें गुलजार रही हैं। उनका ठेठ बनारसी अंदाज। सीधी, खरी और सधुक्कड़ी बातें, लेकिन आवाज में लोच और मिठास। आज वे हमारे बीच नहीं हैं। अब उनके शिष्यों की कतार हिन्दुस्थानी संगीत की मशाल संभाल रही है। गिरिजा देवी से 2015 में पाञ्चजन्य ने होली के अवसर पर लंबी वार्ता की थी। इस होली पर प्रस्तुत है उस वार्ता के खास अंश
![आनंद का उत्कर्ष फाल्गुन आनंद का उत्कर्ष फाल्गुन](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/25116/1240732/ahHRByWJi1678349190064/1678349476136.jpg)
आनंद का उत्कर्ष फाल्गुन
भक्त और भगवान का एक रंग हो जाना चरम परिणति माना जाता है और इसी चरम परिणति की याद दिलाने प्रतिवर्ष आता है धरती का प्रिय पाहुन फाल्गुन। इसीलिए वसंत माधव है। राधा तत्व वह मृदु सलिला है जो चिरंतन है, प्रवाहमान है
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नागालैंड की जीत और एक मजबूत भाजपा
नेफ्यू रियो 5वीं बार नागालैंड के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं।
![सूर्योदय की धरती पर फिर खिला कमल सूर्योदय की धरती पर फिर खिला कमल](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/25116/1240732/svMZWaTU-1678348852071/1678349040026.jpg)
सूर्योदय की धरती पर फिर खिला कमल
त्रिपुरा और नागालैंड की जनता ने शांति, विकास और सुशासन के भाजपा के तरीके पर अपनी स्वीकृति की मुहर लगाई है। मेघालय में भी भाजपा समर्थित सरकार बनने के पूरे आसार। कांग्रेस और वामदल मिलकर लड़े, लेकिन बुरी तरह परास्त हुए और त्रिपुरा में पैर पसारने की कोशिश करने वाली तृणमूल कांग्रेस को शून्य से संतुष्ट होना पड़ा
![जीवनशैली ठीक तो सब ठीक जीवनशैली ठीक तो सब ठीक](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/25116/1240732/Pb70x5v5I1678348590382/1678348848075.jpg)
जीवनशैली ठीक तो सब ठीक
कोल्हापुर स्थित श्रीक्षेत्र सिद्धगिरि मठ में आयोजित पंचमहाभूत लोकोत्सव का समापन 26 फरवरी को हुआ। इस सात दिवसीय लोकोत्सव में लगभग 35,00,000 लोग शामिल हुए। इन लोगों को पर्यावरण को बचाने का संकल्प दिलाया गया
![नाकाम किए मिशनरी नाकाम किए मिशनरी](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/25116/1240732/pXR7Tz7zM1678348291074/1678348583361.jpg)
नाकाम किए मिशनरी
भारत के इतिहास में पहली बार बंजारा समाज का महाकुंभ महाराष्ट्र के जलगांव जिले के गोद्री ग्राम में संपन्न हुआ। इससे पहली बार भारत और विश्व को बंजारा समाज, संस्कृति एवं इतिहास के दर्शन हुए। एक हजार से भी ज्यादा संतों और 15 लाख श्रद्धालुओं ने इसमें भाग लिया। इससे बंजारा समाज को हिन्दुओं से अलग करने और कन्वर्ट करने की मिशनरियों की साजिश नाकाम हो गई