इस्लामी जिहादियों से पीड़ित पाकिस्तानी हिंदू लगातार भारत आ रहे हैं। दिल्ली में इनकी संख्या बढ़ती जा रही है। इनका कहना है कि हिंदुओं के लिए पाकिस्तान नरक बन चुका है। वहां एक हिंदू का हिंदू के नाते रहना दूभर हो गया है। इसलिए वे लोग किसी न किसी बहाने भारत आ रहे हैं और यहां से लौटना नहीं चाहते। उनका यह भी कहना कि पाकिस्तानी हिंदू परिवार धर्म और जान बचाने के लिए भारत आ रहे हैं।
दिल्ली में यमुना नदी के किनारे सिग्नेचर ब्रिज के पास ऐसे ही पाकिस्तानी हिंदू परिवारों की एक बस्ती है। तीन ब्लॉक में बंटी इस बस्ती में 60 झुग्गियां हैं, जिनमें 300 लोग रहते हैं। इनमें बच्चे और महिलाओं की संख्या सबसे अधिक है।
केवल कुछ कपड़ों के साथ पाकिस्तान से आ रहे इन हिंदुओं के पास खाने के लिए कुछ नहीं होता। ऐसे में इनकी मदद विश्व हिंदू परिषद, सेवा भारती, भगिनी निवेदिता सेवा न्यास, मानव मंदिर मिशन जैसे संगठन कर रहे हैं। भगिनी निवेदिता सेवा न्यास के न्यासी महामंत्री बलबीर सिंह ने बताया कि जो भी हिंदू परिवार यहां आते हैं, उन्हें सबसे पहले लगभग दो महीने का राशन उपलब्ध कराया जाता है। इसके बाद उन्हें कहीं कोई काम दिलाया जाता है, ताकि ये अपने परिवार का पालन-पोषण कर सकें।
अब ऐसे लोगों को स्वावलंबी बनाने के लिए 'समर्थ भारत' की ओर से मोबाइल, एसी, गीजर, आरओ आदि की मरम्मत करने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके साथ ही इन लोगों को स्वरोजगार से भी जोड़ा जा रहा है।
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शिक्षा, स्वावलंबन और संस्कार की सरिता
रुद्रपुर स्थित दूधिया बाबा कन्या छात्रावास में छात्राओं को निःशुल्क शिक्षा के साथ-साथ संस्कार और स्वावलंबन का पाठ पढ़ाया जा रहा। इस अनूठे छात्रावास के कार्यों से अनेक लोग प्रेरणा प्राप्त कर रहे
शिवाजी पर वामंपथी श्रद्धा!!
वामपंथियों ने छत्रपति शिवाजी की जयंती पर भाग्यनगर में उनका पोस्टर लगाया, तो दिल्ली के जेएनयू में इन लोगों ने शिवाजी के चित्र को फाड़कर फेंका दिया। इस दोहरे चरित्र के संकेत क्या हैं !
कांग्रेस के फैसले, मर्जी परिवार की
कांग्रेस में मनोनीत लोगों द्वारा 'मनोनीत' फैसले लिये जा रहे हैं। किसी उल्लेखनीय चुनावी जीत के बिना कांग्रेस स्वयं को विपक्षी एकता की धुरी मानने की जिद पर अड़ी है जो अन्य को स्वीकार्य नहीं हैं। अधिवेशन में पारित प्रस्ताव बताते हैं कि पार्टी के पास नए विचार के नाम पर विफलताओं का जिम्मा लेने के लिए खड़गे
फूट ही गया 'ईमानदारी' का गुब्बारा
अरविंद केजरीवाल सरकार की 'कट्टर ईमानदारी' का ढोल फट चुका है। उनकी कैबिनेट के 6 में से दो मंत्री सलाखों के पीछे। शराब घोटाले में सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय की जांच की आंच कभी भी केजरीवाल तक पहुंच सकती है
होली का रंग तो बनारस में जमता था
होली के मौके पर होली गायन की बात न चले यह मुमकिन नहीं। जब भी आपको होली, कजरी, चैती याद आएंगी, पहली आवाज जो दिमाग में उभरती है उसका नाम है- गिरिजा देवी। वे भारतीय संगीत के उन नक्षत्रों में से हैं जिनसे हिन्दुस्थान की सुबहें आबाद और रातें गुलजार रही हैं। उनका ठेठ बनारसी अंदाज। सीधी, खरी और सधुक्कड़ी बातें, लेकिन आवाज में लोच और मिठास। आज वे हमारे बीच नहीं हैं। अब उनके शिष्यों की कतार हिन्दुस्थानी संगीत की मशाल संभाल रही है। गिरिजा देवी से 2015 में पाञ्चजन्य ने होली के अवसर पर लंबी वार्ता की थी। इस होली पर प्रस्तुत है उस वार्ता के खास अंश
आनंद का उत्कर्ष फाल्गुन
भक्त और भगवान का एक रंग हो जाना चरम परिणति माना जाता है और इसी चरम परिणति की याद दिलाने प्रतिवर्ष आता है धरती का प्रिय पाहुन फाल्गुन। इसीलिए वसंत माधव है। राधा तत्व वह मृदु सलिला है जो चिरंतन है, प्रवाहमान है
नागालैंड की जीत और एक मजबूत भाजपा
नेफ्यू रियो 5वीं बार नागालैंड के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं।
सूर्योदय की धरती पर फिर खिला कमल
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जीवनशैली ठीक तो सब ठीक
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