क्यों कहा जाता है सुन्दरकाण्ड को 'सुन्दरकाण्ड'
Jyotish Sagar|April 2024
महाभारत का विराट् पर्व सर्वश्रेष्ठ है, उसी प्रकार रामायण में सुन्दरकाण्ड सर्वश्रेष्ठ काण्ड है। सुन्दरकाण्ड में राम सुन्दर हैं, कथाएँ सुन्दर हैं, सीता सुन्दर हैं, सुन्दर में क्या सुन्दर नहीं है?
क्यों कहा जाता है सुन्दरकाण्ड को 'सुन्दरकाण्ड'

तुलसीकृत रामचरितमानस में हनूमान् भक्ति को समर्पित यदि किसी काण्ड की चर्चा की जाए, तो उसमें सर्वोपरि सुन्दरकाण्ड है। हनूमान् भक्तों को मंगलवार एवं शनिवार सुन्दरकाण्ड का नियमित पाठ करते देखा जा सकता है। वर्तमान समय में हनूमान् जी की उपासना के लिए विशिष्ट उपायों में सुन्दरकाण्ड को ही सर्वोपरि माना जाता है।

किष्किन्धाकाण्ड के अन्तर्गत 'कहई रीछपति सुनु हनुमाना...' से आरम्भ करते से आरम्भ करते हुए सम्पूर्ण सुन्दरकाण्ड में भक्तशिरोमणि हनूमान् जी की अद्भुत लीला प्रसंग का ही बखान हुआ है।

मानस प्रेमियों के मन में यह प्रश्न आरम्भ से ही उठता रहा है कि सम्पूर्ण रामचरितमानस में इस काण्ड को ही सुन्दरकाण्ड क्यों कहा गया है? भगवान् राम का जन्म जिस काण्ड में हुआ है और जिसमें उनकी बाल लीलाओं का सुन्दर वर्णन हुआ है, उसे छोड़कर इस काण्ड को 'सुन्दरकाण्ड' क्यों कहा गया है? प्रथम दृष्ट्या यह आश्चर्यजनक ही प्रतीत होता है। 

इस सम्बन्ध में विद्वानों ने अनेक मत दिए हैं, जिनका समुचित वर्णन ही इस रहस्यमय ग्रन्थि को कुछ हद तक खोल पाने में समर्थ होगा।

मानस तत्त्वसुधारणावी व्याख्या में कहा गया है। कि आदिकवि वाल्मीकि ने रामायण में इस काण्ड में सबसे विलक्षण काव्य शैली अर्थात् जोड़, यमक, छन्द आदि वक्तव्य भावों को सुन्दर रूप से दर्शाया है। इसी कारण वह ‘सुन्दरकाण्ड' कहलाया। उसी प्राचीन शैली को कालान्तर में सभी आचार्यों ने ग्रहण किया और यह सुन्दरकाण्ड बना रहा। 

श्री रामदयाल मजूमदार का मत कि सुन्दरकाण्ड नामकरण में कुछ विशिष्टता है। यद्यपि रामायण को 'जनमनोहर' कहा गया है, परन्तु उसके अन्दर सुन्दरकाण्ड तो अत्यन्त मनोहर है। जिस प्रकार महाभारत का विराट् पर्व सर्वश्रेष्ठ है, उसी प्रकार रामायण में सुन्दरकाण्ड सर्वश्रेष्ठ काण्ड है। सुन्दरकाण्ड में राम सुन्दर हैं, कथाएँ सुन्दर हैं, सीता सुन्दर हैं, सुन्दर में क्या सुन्दर नहीं है?

هذه القصة مأخوذة من طبعة April 2024 من Jyotish Sagar.

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