ठीक इसी जगह पर 29 जुलाई, 2021 को भी बादल फटा था, लेकिन तब न कोई मरा था, न कोई भगदड़ मची थी और न ही न्यूज चैनल वालों ने मजमा लगाया था. लेकिन बीती 8 जुलाई को जो कहर इसी जगह पर बादल ने बरपाया तो नजारा बेहद बदला हुआ और दहला देने वाला था. मीडिया वाले वहां टूटे पड़ रहे थे. चारों तरफ दहशत थी, मौतें थीं, रुदनक्रंदन था और भुखमरी के से हालात बन रहे थे. सेना के हजारों जवान अपनी जान जोखिम में डाल कर अमरनाथ तीर्थ यात्रियों की जिंदगी बचाने में जुटे थे और देशभर के आम लोग जीवन की क्षणभंगुरता की चर्चा करते आदत के मुताबिक टिप्स दे रहे थे कि इतनी भीड़ वहां नहीं लगने देनी चाहिए थी.
इस हादसे जिस में 20 के लगभग लोग मरे 50 से ज्यादा घायल हुए और 40 से भी ज्यादा लापता हुए का जिम्मेदार भगवान को मानने में धार्मिक आस्था और पूर्वाग्रह आड़े आ रहे थे, इसलिए ठीकरा बड़ी बेशर्मी से श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के सिर फोड़ दिया गया कि उस की लापरवाही से यह हादसा हुआ.
मगर किसी ने यह नहीं कहा कि असल गलती तो लोगों की थी जो दुर्गम पहाड़ पर इकट्ठा हुए. क्या इन्होंने मौसम विभाग की बारबार दी गई चेतावनी नहीं सुनी थी कि इस वक्त वहां जाना एक तरह से आत्महत्या करने जैसा काम है ? अगर बोर्ड यात्रा रोकता तो यकीन माने देशभर के हिंदू हल्ला मचाते कि देखो हमारी पवित्र यात्रा मौसम का बहाना ले कर रोकने की साजिश रची जा रही है.
30 जून से अमरनाथ यात्रा शुरू हुई थी तो हर साल की तरह 2 आशंकाएं खासतौर से जताई जा रही थीं. पहली - आतंकी हमले की और दूसरी खराब मौसम की पहली आशंका से आश्वस्त करने के लिए तो सरकार ने सुरक्षा के लिए 1 लाख से भी ज्यादा जवान तैनात कर दिए थे, लेकिन खराब मौसम की बाबत वह कुछ करने में असमर्थ थी, इसलिए भक्तों को भगवान भरोसे छोड़ दिया गया था. कोरोना के कहर के 2 साल बाद हो रही इस यात्रा को ले कर लोगों में जबरजस्त जोश था, जिस के चलते लाखों लोगों ने रजिस्ट्रेशन करा लिया था.
भीड़ और हादसा
هذه القصة مأخوذة من طبعة July Second 2022 من Grihshobha - Hindi.
ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 9,000 مجلة وصحيفة.
بالفعل مشترك ? تسجيل الدخول
هذه القصة مأخوذة من طبعة July Second 2022 من Grihshobha - Hindi.
ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 9,000 مجلة وصحيفة.
بالفعل مشترك? تسجيل الدخول
स्ट्रैंथ ट्रेनिंग क्यों जरूरी
इस ढकोसलेबाजी को क्यों बंद किया जाए कि जिम जाना या वजन उठाना महिलाओं का काम नहीं.....
लड़कियों को लुभा रहा फोटोग्राफी कैरियर
फोटोग्राफी के क्षेत्र में पहले केवल पुरुषों का अधिकार था, लेकिन अब इस क्षेत्र में लड़कियां भी बाजी मारने लगी हैं....
समय की मांग है डिजिटल डिटौक्स
शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ और खुशहाल रहने के लिए बौडी डिटोक्स के साथ डिजिटल डिटौक्स भी जरूरी है....
पीरियडस क्या खाएं क्यो नहीं
मासिकधर्म के दौरान क्या खाना सही रहता है और क्या गलत, यहां जानिए...
पतिपत्नी रिश्ते में जरूरी है स्पेस
जरूरत से ज्यादा रोकटोक रिश्ते की मजबूती को बिगाड़ सकती है. ऐसे में क्या करें कि ताउम्र खुशहाल रहें....
औफिस के पहले दिन ऐसे करें तैयारी
औफिस में पहला दिन है, जानें कुछ जरूरी बातें....
क्या है अटेंशन डेफिसिट हाइपर ऐक्टिविटी डिसऑर्डर
क्या आप का बच्चा जिद्दी है, बातबात पर तोड़फोड़ करता है और खुद को नुकसान पहुंचा लेता है, तो जानिए वजह और निदान....
जब मन हो मंचिंग का
फ़ूड रेसिपीज
सेल सस्ती शौपिंग न पड़ जाए महंगी
अगर आप भी सस्ते के चक्कर में खरीदारी करने का शौक रखते हैं, तो यह जानकारी आप के लिए ही है....
डाइट के लिए बैस्ट है पिस्ता
पिस्ता सिर्फ एक गार्निश नहीं, एक न्यूट्रिशन पावरहाउस है....