जौब करना जितना जरूरी लड़कों के लिए है उतना ही जरूरी लड़कियों के लिए भी है. ऐसे में सवाल यह उठता के है कि क्या कम पैसे वाली जौब भी लड़कियों को कर लेनी चाहिए? इस का जवाब होगा हां. जो भी जौब आप को अपनी योग्यता से कम की भी मिले तो उसे भी आप को तुरंत ले लेना चाहिए. बहुत सी लड़कियां सोचती हैं कि कम पैसे वाली नौकरियां उन की सामाजिक प्रतिष्ठा यानी स्पैशल स्टेटस के खिलाफ होती हैं. वे कम वेतन वाली जौब छोड़ कर घर बैठी रहती हैं. यह बिलकुल गलत है.
ऐसी जौब करने का फायदा यह होता है कि लड़कियां कम से कम अपना जेबखर्चा तो निकाल ही लेती हैं लड़कियों को यह समझना चाहिए कि जौब ही उन का एक मात्र सहारा है जो उन्हें बाहरी दुनिया से जोड़ सकती है. इस के अलावा इस का एक फायदा यह भी है कि वे जौब के माध्यम से जिंदगी के नएनए अनुभव सीखेंगी.
अगर कोई कहे कि उस नौकरी का क्या फायदा है जिस में जितना पैसा मिले उस में आप का गुजारा न हो. इतना पैसा तो आप के दफ्तर जानेआने में ही खर्च हो जाएगा. तो इस बात को अनसुना करें और निरंतर अपनी कम वेतन वाली जौब करते हुए ज्यादा वेतन की जौब के लिए प्रयास करती रहें. समाज के ऐसे लोग लड़कियों को कभी आगे बढ़ते नहीं देखना चाहते.
सोच पर चोट
असल में ये लोग चाहते हैं कि लड़कियां हमेशा लड़कों से पीछे रहें. ये उन्हें रोकना चाहते हैं इन से यह सहन नहीं होगा कि लड़कियां भी लड़कों के साथ कंधे से कंधा मिला कर चलें. इस के पीछे उन की रूढ़िवादी सोच है और लड़कियों को उन की इसी सोच पर चोट करनी है. उन्हें दिखा देना है कि लड़कियां किसी भी मामले में लड़कों से कम नहीं हैं. इस के लिए यह जरूरी है कि जो भी जौब मिले लड़कियां उसे कर लें.
समाज में ऐसे कई लोग होंगे जो धर्म के जरीए लड़कियों को रोकने की कोशिश करेंगे. ऐसे में लड़कियों को उन लोगों की बातों को नहीं सुनना है. उन्हें यह बात समझनी है कि धर्म लड़कियों को घर की चारदीवारी के भीतर रखने के लिए ही बना है और धर्म के ठेकेदारों को यह जरा भी मंजूर नहीं होगा कि घर की लड़कियां दहलीज से बाहर पैर रखें क्योंकि ऐसा करने से वे अपने हक जान जाएंगी और उन्हें यह बात समझ आ जाएगी कि धर्म उन्हें रोकने के लिए ही बना है.
هذه القصة مأخوذة من طبعة April First 2023 من Grihshobha - Hindi.
ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 9,000 مجلة وصحيفة.
بالفعل مشترك ? تسجيل الدخول
هذه القصة مأخوذة من طبعة April First 2023 من Grihshobha - Hindi.
ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 9,000 مجلة وصحيفة.
بالفعل مشترك? تسجيل الدخول
स्ट्रैंथ ट्रेनिंग क्यों जरूरी
इस ढकोसलेबाजी को क्यों बंद किया जाए कि जिम जाना या वजन उठाना महिलाओं का काम नहीं.....
लड़कियों को लुभा रहा फोटोग्राफी कैरियर
फोटोग्राफी के क्षेत्र में पहले केवल पुरुषों का अधिकार था, लेकिन अब इस क्षेत्र में लड़कियां भी बाजी मारने लगी हैं....
समय की मांग है डिजिटल डिटौक्स
शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ और खुशहाल रहने के लिए बौडी डिटोक्स के साथ डिजिटल डिटौक्स भी जरूरी है....
पीरियडस क्या खाएं क्यो नहीं
मासिकधर्म के दौरान क्या खाना सही रहता है और क्या गलत, यहां जानिए...
पतिपत्नी रिश्ते में जरूरी है स्पेस
जरूरत से ज्यादा रोकटोक रिश्ते की मजबूती को बिगाड़ सकती है. ऐसे में क्या करें कि ताउम्र खुशहाल रहें....
औफिस के पहले दिन ऐसे करें तैयारी
औफिस में पहला दिन है, जानें कुछ जरूरी बातें....
क्या है अटेंशन डेफिसिट हाइपर ऐक्टिविटी डिसऑर्डर
क्या आप का बच्चा जिद्दी है, बातबात पर तोड़फोड़ करता है और खुद को नुकसान पहुंचा लेता है, तो जानिए वजह और निदान....
जब मन हो मंचिंग का
फ़ूड रेसिपीज
सेल सस्ती शौपिंग न पड़ जाए महंगी
अगर आप भी सस्ते के चक्कर में खरीदारी करने का शौक रखते हैं, तो यह जानकारी आप के लिए ही है....
डाइट के लिए बैस्ट है पिस्ता
पिस्ता सिर्फ एक गार्निश नहीं, एक न्यूट्रिशन पावरहाउस है....