Saras Salil - Hindi - April Second 2022Add to Favorites

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Saras Salil is a very strong Delhi Press brand that is published in 5 languages namely Hindi, Marathi, Gujarati, Tamil and Telegu, Saras Salil provides news, information and entertainment in a language that is simple to understand for the young educated masses. The magazine raises issues that are pertinent to the socio-cultural milieu of the urban and rural masses, including issues of class based discrimination, caste politics, identity, employment, economy, and societal framework from the perspective of working class households in urban and rural areas. Over the last 2 decades, the magazine has toed an extremely bold and progressive line in raising these issues with the aim of aiding the societal and economic upliftment of the masses. At the same time, the magazine has an entertaining side to it with a mix of racy imagery, satire, and buoyant stories. In the respect, Saras Salil is a complete read for the progressive working younger generation, with a strong emphasis on politics and social issues as matter to him, balanced with entertainment. Most importantly, the presentation of the magazine is such that the reader identifies himself with the context of the magazine, and which blends in with his socio-cultural environment.

सितारों की मची धूम जनता उठी झूम

भोजपुरी सिनेमा में सब से चर्चित और नामचीन अवार्ड के तौर पर पहचान बना चुके 'सरस सलिल भोजपुरी सिने अवार्ड' शो का जब ऐंकर और ऐक्टर शुभम तिवारी और हीरोइन माही खान की स्टेज पर ऐंट्री के साथ रंगारंग आगाज हुआ, तब दर्शकों की तालियां थमने का नाम ही नहीं ले रही थीं. दर्शक जिन हीरो और हीरोइनों को अभी तक रुपहले परदे पर देखते आ रहे थे, उन्हें सामने पा कर उन के स्वागत में खड़े हो कर सम्मान दे रहे थे.

सितारों की मची धूम जनता उठी झूम

1 min

यह दौर कंपीटिशन का नहीं टैलेंट का है - विवेक पांडेय गायक व कलाकार

भोजपुरी पहला सिनेमा की लोकप्रियता दिनोंदिन इतनी ज्यादा बढ़ती जा रही है कि अब भोजपुरिया बैल्ट के अलावा हिंदी पट्टी में भी भोजपुरी सिनेमा देखने वाले अच्छेखासे दर्शक हैं. भोजपुरी फिल्मों और गानों की बढ़ती लोकप्रियता के चलते बहुत से कलाकारों का रुझान तेजी से भोजपुरी इंडस्ट्री की तरफ हुआ है. अवधी बोली के मशहूर गायक विवेक पांडेय भी उन्हीं में से एक हैं.

यह दौर कंपीटिशन का नहीं टैलेंट का है - विवेक पांडेय गायक व कलाकार

1 min

फुटपाथ: बिखरते सपने गलीज जिंदगी

पौलीथिनों को जोड़जोड़ कर बनाई गई झोंपड़ियों के पास पहुंचते ही नथुने में तेज बदबू का अहसास होता है. बगल में बह रही संकरी नाली में बजबजाती गंदगी. कचरा भरा होने की वजह से गंदा पानी गली की सतह पर आने को मचलता दिखता है.

फुटपाथ: बिखरते सपने गलीज जिंदगी

1 min

कैंसर का कहर

26 साल की नाइजीरिया की एक औरत जौन काल्जी को जब यह पता चला कि उसे ब्रैस्ट कैंसर है और उसे ठीक करने के लिए बच्चा गिराना पड़ेगा, तो वह सहम उठी, क्योंकि वह 6 महीने के पेट से थी और यह उस का पहला बच्चा था.

कैंसर का कहर

1 min

रिवाजों की जकड़न में गांवकसबे की पढ़ीलिरवी लड़कियां

यह माना जाता था कि अगर गांवकसबे की लड़कियां पढ़लिख जाएंगी, तो वे रीतिरिवाजों की जकड़न से छुटकारा पा जाएंगी. लेकिन सच तो यह है कि पढ़नेलिखने और राजनीतिक रूप से मजबूत होने के बाद भी गांवकसबे की लड़कियां रिवाजों में जकड़ी हुई हैं. वे अभी भी धर्म की जकड़न में हैं. फैशन और संजनेसंवरने व फैस्टिवल के नाम पर रिवाजों में फंसी हुई हैं.

रिवाजों की जकड़न में गांवकसबे की पढ़ीलिरवी लड़कियां

1 min

बिना डिगरी वाला फर्जी आईजी

लालच का भूत जब किसी आदमी पर सवार हो आता है, तो वह रातोंरात अमीर बनने का सपना पूरा करने के लिए बिना नतीजे की चिंता किए किसी भी हद तक चला जाता है, लेकिन कानून के शिकंजे में जब वह फंसता है, तो उस की सारी चालाकी धरी की धरी रह जाती है व उस के काले कारनामे सामने आ जाते हैं.

बिना डिगरी वाला फर्जी आईजी

1 min

पछतावा

कहानी - पछतावा

पछतावा

1 min

आज का सुदामा

कहानी - आज का सुदामा

आज का सुदामा

1 min

ऐक्ट्रैस का होटलुक होना जरूरी है - सोना पांडेय

भोजपुरी सिनेमा में जहां एक तरफ नायक से गायक बनने की परंपरा रही है, वहीं आजकल भोजपुरी गानों के वीडियो में बतौर ऐक्ट्रैस काम कर फिल्मों में ऐंट्री करने वाली कई हीरोइनें हिट चेहरों में शुमार हो चुकी हैं. उन्हीं में से एक नाम है बिहार के पटना की रहने वाली सोना पांडेय का, जिन का मूल नाम तो जया पांडेय है, लेकिन फिल्म इंडस्ट्री में उन की पहचान सोना पांडेय के नाम से ही है.

ऐक्ट्रैस का होटलुक होना जरूरी है - सोना पांडेय

1 min

स्टेज पर गर्दा उड़ा देती हैं अदिति

सरस सलिल भोजपुरी सिने अवार्ड

स्टेज पर गर्दा उड़ा देती हैं अदिति

1 min

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Saras Salil - Hindi Magazine Description:

VerlagDelhi Press

KategorieEntertainment

SpracheHindi

HäufigkeitFortnightly

Saras Salil is a very strong Delhi Press brand that is published in 5 languages namely Hindi, Marathi, Gujarati, Tamil and Telegu, Saras Salil provides news, information and entertainment in a language that is simple to understand for the young educated masses. The magazine raises issues that are pertinent to the socio-cultural milieu of the urban and rural masses, including issues of class based discrimination, caste politics, identity, employment, economy, and societal framework from the perspective of working class households in urban and rural areas. Over the last 2 decades, the magazine has toed an extremely bold and progressive line in raising these issues with the aim of aiding the societal and economic upliftment of the masses. At the same time, the magazine has an entertaining side to it with a mix of racy imagery, satire, and buoyant stories. In the respect, Saras Salil is a complete read for the progressive working younger generation, with a strong emphasis on politics and social issues as matter to him, balanced with entertainment. Most importantly, the presentation of the magazine is such that the reader identifies himself with the context of the magazine, and which blends in with his socio-cultural environment.

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