सामाजिक बदलाव का माध्यम हैं कहानियाँ
Shaikshanik Sandarbh|November - December 2021
कहानी हानी सुनने-सुनाने का अपना एक अलग ही मज़ा है। गम्भीरता, धैर्य, लगन, मानवीकरण, विश्लेषण और समानुभूति जैसे पहलुओं को विकसित करने और फलने-फूलने के जिन मौलिक गुणों की बच्चों या वयस्कों से अपेक्षा की जाती है, कहानी सुनने-सुनाने की प्रक्रिया में वे स्वतः ही फलने-फूलने और विकसित होने लगते हैं।
महेश झरबड़े
सामाजिक बदलाव का माध्यम हैं कहानियाँ

कहानी का एक पहलू यह भी है कि कहानी सुनाने के बाद उसकी घटनाओं पर ठहरकर बातचीत की जाए और उस पर श्रोताओं की राय जानी जाए। इस दौरान श्रोताओं की तरफ से आई राय या तो उनके निजी अनुभव होते हैं, या कहानी का विश्लेषण, या फिर कहानी के किसी नए पहलू को खोलता एक सवाल।

कहानी से मुद्दा आधारित चर्चा

Diese Geschichte stammt aus der November - December 2021-Ausgabe von Shaikshanik Sandarbh.

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