कितनी जायज है श्रवण कुमार से अपने बच्चों की तुलना
Sarita|July First 2022
हर मातापिता चाहते हैं कि उन का बेटा उन की सेवा श्रवण कुमार की तरह ही करे, जिस के चलते वे बारबार अपने बच्चों की श्रवण कुमार से तुलना करने लगते हैं. बदलते दौर में यह कहां तक संभव है? क्या बच्चों पर श्रवण कुमार बनने का दबाव डालना सही है?
शैलेंद्र सिंह
कितनी जायज है श्रवण कुमार से अपने बच्चों की तुलना

Diese Geschichte stammt aus der July First 2022-Ausgabe von Sarita.

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'एफआईआर', 'भाभीजी घर पर हैं', 'हप्पू की उलटन पलटन' जैसे टौप कौमेडी फैमिली शोज की निर्माता बिनायफर कोहली अपने शोज के माध्यम से महिला सशक्तीकरण का संदेश देने में यकीन रखती हैं. वह अपने शोज की महिला किरदारों को गृहणी की जगह वर्किंग और तेजतर्रार दिखाती हैं, ताकि आज की जनरेशन कनैक्ट हो सके.

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