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मकड़ी का जाला
मकड़ी की बुनाई पर तितली को बड़ा फख था। “किसका होगा ऐसा घर! इतना महीन! पारदर्शी! उस पार पूरी दुनिया देखी जा सके। न ज़मीन, न आसमान। हवा के बीचोंबीच झूलता।”
तकिए में सुरक्षित ड्रेस
तालाबन्दी में बचपन
प्रवासी पक्षियों के फ्लाइवे
एशियाई प्रवासी पक्षी फ्लाइवे
इन्स्टलेशन कला
कला के आयाम
टाइम पास
तालाबन्दी में बचपन
चिट्ठिये पंख लगा के उड़ जा
कुछ पन्द्रह-सोलह साल की उम्र में मेरा लता मंगेशकर से उम्र भर का रिश्ता बना।
हँसी की खुशी
"जब तुम्हारी क्लास खतम हो चुकी है तो इतनी देर से फोन क्यों चला रही हो?" मम्मी की डाँट से वह परेशान हो गई और मम्मी पर भड़क उठी, “क्या है आपको। मुझे अच्छा लगता है और कभी आपने अपने से दिया है फोन मुझे! अब देखने दो!"
गलियाँ, आँगन और भूत
बात उन दिनों की है जब शाम होते ही गलियाँ आँगन में बदल जाती थीं।
नन्हा राजकुमार
अब तक तुमने पढ़ा... लेखक को बचपन में बड़ों ने चित्र बनाने से हतोत्साहित किया तो वह पायलट बन बैठा। अपनी एक यात्रा के दौरान उसे रेगिस्तान में जहाज़ उतारना पड़ा। वहाँ उसकी भेंट एक नन्हे राजकुमार से हुई, जो किसी दूसरे ग्रह का निवासी है। राजकुमार ने लेखक को अपने ग्रह के बारे में बहुत-सी विचित्र बातें बताई। उसने लेखक को अपने प्रिय फूल के बारे में विस्तार से बताया। अब आगे...
नन्हा राजकुमार
भाग -8
मेरी डायरी का एक पन्ना
कल एक बहुत अच्छा दिन था। मेरे घर के छोटे बगीचे में दो छोटे कबूतर के चूज़ों का जनम हुआ!
कीटन की रहस्यमयी बीमारी
उस वक्त तक कीटन के दिल की धड़कन भी तेज़ होने लगी थी और उसके चेहरे पर गिरगिट समान रंग आने-जाने लगे थे। पर क्योंकि उसे ज़्यादा नखरा करने की आदत नहीं थी, वह किसी तरह रात 11 बजे घर लोट बिस्तर पर लेट गया। लेकिन नींद बिलकुल गायब थी।
'सुनो छोटी-सी गुड़िया की लम्बी कहानी'
लता जी के बचपन और संघर्ष की दास्तान
बातचीत - हमारे रोज़मर्रा के जीवन के कुछ मददगार लोगों से
रोज़मर्रा के जीवन में हमारी अलग-अलग तरह से विविध लोग मदद करते हैं। हमने सोचा कि क्यों ना हम इनके बारे में थोड़ा और जान लें। सो इस अंक के लिए हमने बच्चों को ऐसे कुछ लोगों का इंटरव्यू करने के लिए कहा था। हमें भेजे गए इंटरव्यू में से कुछ तुम यहाँ पढ़ सकते हो।
आज दलिए को क्या हो गया
हम सभी को मूंग दाल और सब्जियों से बना दलिया बहुत पसन्द है। इसलिए यह एक ठीकठाक ही विकल्प लग रहा था। पर आज कुछ अजब-सा हुआ हमारे यहाँ...
जब हमारे अपने ही हमें डराएँ...
बचपन में हम सब को बड़ों ने कभी ना कभी डराया है। डराने के तरीके और कारण अलग-अलग हो सकते हैं लेकिन मोटे तौर पर हमें डराने का कारण होता है कि हम बस उनका कहा मान लें। इस अंक के लिए हमने तुमसे ऐसी ही कुछ बातें लिख भेजने को कहा था। बड़ी संख्या में बच्चों से इसके लिए जवाब मिले। कुछ जवाब तुम इन पन्नों में पढ़ सकते हो...
अलविदा कमला भसीन
ऐसे बहुत कम लोग होते हैं जो ज़िन्दगी में इतनी अधिक व्यक्तिगत गर्दिशें झेलने के बाद भी हर पल जश्न मनाते हैं और फिर भी समाज को इतना कुछ देकर जाते हैं। कमला इसकी एक जीती-जागती मिसाल थीं। वो लाखों-करोड़ों लोगों के लिए प्रेरणा थीं।
मीरा की चिट्ठी
कुछ साल पहले की ही बात है। मीरा और मैं एक ही कक्षा में पढ़ते थे। वह मेरी सबसे अच्छी दोस्त थी। हम साथ खेलते थे, साथ-साथ खाते थे। हमारी शायद ही किसी बात पर टोकाटोकी हुई हो। हमारी दोस्ती की सुनहरी कहानी तो कहने लायक है।
मुझे खाने को चूहा कब मिलेगा!!
छोटा कहानी
वक्त-वक्त की बात है
हम सबमें हम सबका वक्त रहता है। मैंने सोचा, “चलो आज एक दोस्त से मिलके आता हूँ।”
दिल का रास्ता
मुझे टिफिन लव स्टोरी काफी प्यारी और मासूम लगती हैं। कितना ख्याल होता है उसमें। टिफिन किसी चिट्ठी की तरह एक-दूसरे तक पहुँचता है। खुशबुओं के साथ खुलता और जादू की तरह ज़बान पर घुलता...
ड्रेस जो छोटी पड़ गई
तालाबन्दी में बचपन
जूं बाली बूजी
नैंसी की बुआ को दो ही काम पसन्द हैं।
क्यो क्यो
(जनवरी 2022) मेरा जवाब
कपड़ों का रंग फीका क्यों पड़ जाता है?
यह सवाल शायद ही तुम्हें तंग करता हो। क्योंकि पहन-पहनकर जी भरने से पहले तुम्हारे सबसे पसन्दीदा कपड़े तो छोटे हो जाते होंगे।
విరామ సమయం
కరోనా మహమ్మారి ప్రమాదం తగ్గినందున, చాలా పాఠశాలలు తక్కువ పని గంటలతో తిరిగి తెరిచారు. విద్యార్థులకు కఠినమైన సూచనలు చేసారు. ఇన్ ఫెక్షన్ సోకే ప్రమాదం ఉన్నందున ఎవరూ తమ టిఫిన్ బాక్సులను తీసుకురాలేదు.గుంపు తగ్గించడానికి 'మార్నింగ్ అసెంబ్లీ'ని రద్దు చేసారు. అందరికీ ఇబ్బందిగా ఉండేది.
పాఠశాల మొదటి రోజు
వ్యా క్సినేషన్లో కరోనా వైరస్ మహమ్మారి ప్రమాదం తగ్గిన తర్వాత పాఠశాలలను తిరిగి తెరవాలని ప్రభుత్వం నిర్ణయించింది. మళ్లీ ఆన్లైన్లో చదువుకోవాలని, స్నేహితులను కలవాలని ఓపెన్ గ్రౌండ్స్ లో ఆడుకోవాలని పిల్లలందరూ సంతోషించారు. వారిలో ఉత్సాహం కలిగింది.
మహిళా దినోత్సవంలో ప్రియాంక్
పదేళ్ల ప్రియాంక్ పొద్దున్నే లేచాడు. పళ్లు తోముకున్న తర్వాత అతడు నేరుగా వంట గదిలోకి వెళ్లాడు. వాళ్లమ్మ ఆవు పాలు తీసుకురావడానికి బయటికి వెళ్లింది. ప్రియాంక్ ఆమె రాక కోసం ఎదురుచూస్తున్నాడు.
బుక్ మార్క్
మార్చి 3న ప్రపంచ వన్యప్రాణుల దినోత్సవం. ఏదైనా జంతువుపై బుక్మార్క్ చేసి పులిలాంటి అంతరించిపోతున్న జాతులపై అవగాహన కల్పించండి.
డమరూ - కేక్స్
డమరూ బన్నీ నక్క పేస్ట్రీ షాపులో పని చేస్తున్నాడు.