चूहों की सभा हुई और उन्होंने तय किया कि बोनी बिल्ली पर एकसाथ हमला किया जाए, ताकि बोनी या तो मर जाए या फिर बस्ती छोड़ कर चली जाए. इस के बाद वह बस्ती के किसी चूहे को खा नहीं सकेगी.
यह तय कर के सभी बोनी के घर की ओर चल दिए. चूहों का नेतृत्व चूंचूं चूहा कर रहा था.
बोनी के घर के पास चींचीं चूहा रहता था. उसे देख कर चूंचूं ने पूछा, "यहां बोनी रहती है न?”
“हां,” चींचीं ने कहा.
“फिर वह कहां चली गई?” चूंचूं ने पूछा.
बरामदे में बैठा टौमी कुत्ता हंसते हुए बोला, "उसे मार कर भगा दिया है."
यह सुन कर सभी चूहे खुश हो गए, "चलो, दुष्ट बोनी से छुटकारा मिल गया, लेकिन उन्हें समझ नहीं आया कि वह यहां से भागी कैसे?”
चूंचूं ने पूछा, “यह चमत्कार कैसे हुआ?”
“इस बारे में आप को चींचीं चूहा ही बता सकता है,” टौमी कुत्ते ने जम्हाई लेते हुए कहा, क्योंकि उसे रात को वापस जाग कर घर की रखवाली करनी थी.
"हां, तो चींचीं, तुम्हीं बताओ, बोनी कैसे भागी?” चूंचूं ने पूछा.
चींचीं ने कहा, “एक दिन मैं अपने बरामदे में टहल रहा था, तभी बोनी की निगाहें मुझ पर पड़ गईं.”
“अच्छा.”
“हां,” चींचीं बोला, “उस ने मुझ जैसे हट्टेकट्टे चूहे को देखा तो उस के मुंह में पानी आ गया. इस कारण के वह मुझ पर झपट पड़ी."
Diese Geschichte stammt aus der December First 2022-Ausgabe von Champak - Hindi.
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रिटर्न गिफ्ट
\"डिंगो, बहुत दिन से हम ने कोई अच्छी पार्टी नहीं की है. कुछ करो दोस्त,\" गोल्डी लकड़बग्घा बोला.
चांद पर जाना
होशियारपुर के जंगल में डब्बू नाम का एक शरारती भालू रहता था. वह कभीकभी शहर आता था, जहां वह चाय की दुकान पर टीवी पर समाचार या रेस्तरां में देशदुनिया के बारे में बातचीत सुनता था. इस तरह वह अधिक जान कर और होशियार हो गया. वह स्वादिष्ठ भोजन का स्वाद भी लेता था, क्योंकि बच्चे उसे देख कर खुश होते थे और अपनी थाली से उसे खाना देते थे. डब्बू उन के बीच बैठता और उन के मासूम, क 'चतुर विचारों को अपना लेता.
चाय और छिपकली
पार्थ के पापा को चाय बहुत पसंद थी और वे दिन भर कई कप चाय पीने का मजा लेते थे. पार्थ की मां चाय नहीं पीती थीं. जब भी उस के पापा चाय पीते थे, उन के चेहरे पर अलग खुशी दिखाई देती थी.
शेरा ने बुरी आदत छोड़ी
दिसंबर का महीना था और चंदनवन में ठंड का मौसम था. प्रधानमंत्री शेरा ने देखा कि उन की आलीशान मखमली रजाई गीले तहखाने में रखे जाने के कारण उस पर फफूंद जम गई है. उन्होंने अपने सहायक बेनी भालू को बुलाया और कहा, \"इस रजाई को धूप में डाल दो. उस के बाद, तुम में उसके इसे अपने पास रख सकते हो. मैं ने जंबू जिराफ को अपने लिए एक नई रजाई डिजाइन करने के लिए बुलाया है. उस की रजाइयों की बहुत डिमांड है.\"
मानस और बिल्ली का बच्चा
अर्धवार्षिक परीक्षाएं समाप्त होने के बाद मानस को घर पर बोरियत होने लगी. उस ने जिद की कि उसे अपने साथ रहने के लिए कोई पालतू जानवर चाहिए, जो उस का साथ दे.
पहाड़ी पर भूत
चंपकवन में उस साल बहुत बारिश हुई थी. चीकू खरगोश और जंपी बंदर का घर भी बाढ़ के कारण बह गया था.
जो ढूंढ़े वही पाए
अपनी ठंडी, फूस वाली झोंपड़ी से राजी बाहर आई. उस के छोटे, नन्हे पैरों को खुरदरी, धूप से तपती जमीन झुलसा रही थी. उस ने सूरज की ओर देखा, वह अभी आसमान में बहुत ऊपर नहीं था. उस की स्थिति को देखते हुए राजी अनुमान लगाया कि लगभग 10 बज रहे होंगे.
एक कुत्ता जिस का नाम डौट था
डौट की तरह दिखने वाले कुत्ते चैन्नई की सड़कों पर बहुत अधिक पाए जाते हैं. दीया कभी नहीं समझ पाई कि आखिर क्यों उस जैसे एक खास कुत्ते ने जो किसी भी अन्य सफेद और भूरे कुत्ते की तरह हीथा, उस के दिल के तारों को छू लिया था.
स्कूल का संविधान
10 वर्षीय मयंक ने खाने के लिए अपना टिफिन खोला ही था कि उस के खाने की खुशबू पूरी क्लास में फैल गई.
तरुण की कहानी
\"कहानियां ताजी हवा के झोंके की तरह होनी चाहिए, ताकि वे हमारी आत्मा को शक्ति दें,” तरुण की दादी ने उस से कहा.