जिला कानपुर में स्थित अलियापुर गांव के प्रधान ठाकुर अमर सिंह जिस समय थाना मंगलपुर पहुंचे, उस समय सुबह के करीब 10 बज रहे थे. थानाप्रभारी शैलेंद्र कुमार मिश्र थाने में मौजूद थे और वह चौकी इंचार्ज दिनेश चंद्र से किसी गंभीर मसले पर बात कर रहे थे.
अमर सिंह उन के कक्ष में दाखिल हुए तो उन्होंने प्रधान को सामने पड़ी कुरसी पर बैठने का इशारा किया, फिर पूछा, “प्रधानजी, कैसे आना हुआ? आप के गांव में सब कुशलमंगल तो है?"
"नहीं साहब, कुछ भी ठीक नहीं है. सुबह से गांव में सनसनी फैली है."
“कैसी सनसनी प्रधानजी? सब कुछ खुल कर बताओ."
"साहब, किराना दुकानदार सुनील के घर से तेज बदबू आ रही है. उस के घर के बाहर ताला लटक रहा है और सुनील दिखाई नहीं दे रहा है. घर के अंदर किसी अनहोनी की आशंका है. आप को वहां चलना होगा. " प्रधान ने कहा. यह बात 24 अप्रैल, 2022 की है.
मामले की गंभीरता को समझते हुए थानाप्रभारी एस.के. मिश्र ने चौकी इंचार्ज दिनेश चंद्र व कुछ अन्य पुलिसकर्मियों को साथ लिया और प्रधान के साथ अलियापुर गांव की ओर रवाना हो लिए. लगभग 12 बजे पुलिस जीप अलियापुर गांव के सुनील के घर के बाहर आ कर रुकी. उस समय उस के घर के बाहर ग्रामीणों की भीड़ जुटी थी. ग्रामीण आपस में कानाफूसी कर रहे थे.
थानाप्रभारी शैलेंद्र कुमार मिश्रा ने घर के बाहर लगा ताला तुड़वाया और घर के अंदर प्रवेश किया. वह कमरे में पहुंचे तो उन के आश्चर्य का ठिकाना न रहा. कमरे के अंदर चारपाई के नीचे एक लाश पड़ी थी. लाश को कपड़े व पौलीथिन से लपेटा गया था. लाश से कपड़ा व पौलीथिन हटाई गई तो सभी चौंक पड़े.
Diese Geschichte stammt aus der September 2022-Ausgabe von Satyakatha.
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