पहली सितंबर, 2022 को सुबह के लगभग साढ़े 10 बजे का वक्त रहा होगा. शीबा अपनी कार गैरेज में खड़ी कर पैदल ही अपने घर की ओर जा रही थी. उसी समय पीछे से एक युवक आया और शीबा को रोक कर कुछ बात करने लगा. फिर थोड़ी ही देर में दोनों में झगड़ा हो गया.
दोनों के बीच झगड़ा होने की आवाज सुन कर कई लोग अपने अपने घरों से बाहर आ कर देखने लगे थे. वहां पर मौजूद लोगों ने युवक को समझाने की कोशिश की, लेकिन युवक ने साफ शब्दों में कहा कि अगर कोई भी हम दोनों के बीच आया तो उस का बुरा हाल होगा.
इतना कहते ही युवक ने अपनी स्कूटी से एक चाकू निकाला. फिर वह युवती को धमकाने लगा, "मैं तुम्हें भूल जाऊं, ये हो नहीं सकता और मेरे होते किसी और की होना चाहो तो मैं होने नहीं दूंगा. अब अपनी जिंदगी का फैसला स्वयं तुम ही करोगी. मेरे साथ निकाह करोगी या फिर किसी और के साथ..?"
"तुम ने तो मेरी जिंदगी पहले ही नर्क बना डाली. अब बचा ही क्या है मेरी जिंदगी में? लेकिन अब तुम यह समझ लो कि मैं तुम से पूरी तरह से नफरत करती हूं. मैं तुम्हारे साथ जीते जी निकाह नहीं कर सकती. यह मेरा आखिरी फैसला है." युवक की बात सुन कर शीबा भी आपे से बाहर हो गई थी.
शीबा की बात सुनते ही युवक आपे से बाहर हो गया था. फिर वह गुस्से में आकर शीबा पर चाकू से वार करने लगा. अपने शरीर पर चाकू के वार होते ही शीबा चीखनेचिल्लाने लगी.
कई लोग शीबा को बचाने के लिए आगे बढ़े तो युवक ने सभी को चाकू दिखा डराधमका कर पीछे हटने पर मजबूर कर दिया था. शीबा की जान खतरे में देख कर वहां पर मौजूद कई लोगों ने 112 नंबर पर काल कर पुलिस को इस वारदात की सूचना भी दी.
Diese Geschichte stammt aus der October 2022-Ausgabe von Satyakatha.
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