धान की कटाई से ले कर भंडारण तक
Farm and Food|October First 2023
भारत दुनिया में धान उत्पादन की दृष्टि से सब से बड़े देशों में गिना जाता है. देश में आधे से अधिक खेती योग्य जमीनों पर धान की खेती की जाती है. धान उत्पादन को खेती में बीते वर्षों में बड़े शोध व तकनीकी का उपयोग होने से उत्पादन बड़ी तेजी से बढ़ा है, लेकिन धान की फसल के तैयार होने के बाद किसानों को कटाई, मड़ाई, सुखाई व भंडारण की सही जानकारी न होने की वजह से कुल उत्पादन का 10 फीसदी तक का नुकसान उठाना पड़ता है.
बृहस्पति कुमार पांडेय
धान की कटाई से ले कर भंडारण तक

धान की कटाई के बाद होने वाले नुकसान को कम करने के लिए किसानों को उस की तकनीकी जानकारी होना बेहद जरूरी हो जाता है, जिस से कटाई के बाद होने वाले नुकसान को कम किया जा सके.

अगर किसान खेती से ले कर भंडारण तक की उन्नत तकनीकी का इस्तेमाल करें, तो वह धान से न केवल अच्छा उत्पादन प्राप्त करेगा, बल्कि उसे अच्छी आय भी होगी.

फसल तैयार होने पर कैसे करें धान की कटाई

देश के अलगअलग राज्यों में धान की कटाई के लिए अलगअलग विधियों का इस्तेमाल किया जाता है. छोटे और मझोले किसान अकसर धान की कटाई हंसिए के द्वारा कटाई करते हैं, जबकि बड़े किसानों द्वारा रीपर या कंबाइन हार्वेस्टर का उपयोग किया जाता है.

धान की कटाई के लिए उपयोग में लाए जाने वाले हंसिया विधि से न केवल धान की क्षति कम होती है, बल्कि पुआल की मात्रा भी अधिक मिलती है. इस पुआल का उपयोग पशुओं के लिए चारे, खुंब उत्पादन, कंपोस्ट खाद इत्यादि के लिए किया जा सकता है.

किसानों को फसल के साथसाथ अन्य कई तरह के लाभ हंसिया द्वारा धान की फसल कटाई से मिल जाता है, पर बड़े भाग में हंसिया द्वारा धान कटाई में न केवल अधिक समय लगता है, बल्कि अधिक मजदूरों की जरूरत भी पड़ती है, इसलिए बड़े क्षेत्रफल में धान की फसल की कटाई के लिए ट्रैक्टर रीपर या कंबाइन का उपयोग किया जाना ज्यादा उचित होता है.

रीपर विधि से काटी गई धान की फसल को रीपर खेत में एक तरफ लगाती हुई जाती है, बाद में काटी गई फसल को किसानों द्वारा इकट्ठा कर इस की मड़ाई कर ली जाती है, जबकि अगर धान की फसल को कंबाइन से काटा जाए, तो उसी दौरान किसान के फसल की कटाईमड़ाई व ओसाई एकसाथ हो जाती है. लेकिन कंबाइन से धान काटने की दशा में चावल के टूटने का डर बना रहता है. कंबाइन से कटाई की दशा में पुआल की बहुत कम मात्रा किसान को मिल पाती है.

Diese Geschichte stammt aus der October First 2023-Ausgabe von Farm and Food.

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