स्वाद का खजाना आम कलाकंद
Farm and Food|June First 2024
आम को यों ही फलों का राजा नहीं कहा जाता है, बल्कि इस की खूबियां और अलगअलग तरह के रंग, रूप और लाजवाब जायका इसे फलों के राजा का खिताब दिलाता है.
भानु प्रकाश राणा
स्वाद का खजाना आम कलाकंद

वैसे तो पका हुआ आम आमतौर पर मार्च महीने से मिलना शुरू हो जाता है, लेकिन मार्च से ले कर अप्रैल महीने तक बाजार में बिकने वाले पके आम में वह स्वाद नहीं होता है, जो मिलना चाहिए. इस की वजह यह होती है कि इस दौरान आम पूरी तरह से पका नहीं होता है. इसीलिए इस दौर में बिकने वाला आम रसायनों से पकाया जाता है. यही वजह है कि यह आम स्वाद और सेहत के लिहाज से ठीक नहीं होता है.

पके आम का मजा तभी आता है, जब वह डाल पर ही पके या पकने की अवधि पूरी होने के बाद तोड़ कर बिना रसायनों के प्रयोग किए ही पकाया गया हो.

आज के दौर में अगर देखा जाए, तो देश में देशीविदेशी किस्मों की सैकड़ों आम की किस्मों का व्यावसायिक उत्पादन किया जा रहा है, जो अपने स्वाद और रंग, रूप के चलते लोगों की पहली पसंद भी होता है.

Diese Geschichte stammt aus der June First 2024-Ausgabe von Farm and Food.

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