कहते हैं यह सम्पूर्ण संसार ईश्वर द्वारा रचित है और बिना उसकी इच्छा के इस सम्पूर्ण जगत में एक पत्ता तक नहीं हिलता है तथा हम विज्ञान में चाहे कितनी भी तरक्की कर ले लेकिन वह आध्यात्म के बिना अधूरा है व इस जगत में बहुत से रहस्य ऐसे हैं जिसके छोर तक विज्ञान आज इतनी तरक्की करने के बाद भी नहीं पहुंच पाया है। आज भी हमारे आसपास बहुत सी जगहें व मंदिर ऐसे हैं जो अपने अंदर बहुत से रहस्यों को समेटे हुए हैं, जिनको समझ पाना सामान्य मनुष्य या फिर विज्ञान के लिए सम्भव नहीं है। आइए आज बताते हैं आपको कुछ ऐसे ही अनोखे रहस्यों से परिपूर्ण मंदिरों व धार्मिक स्थलों के बार में।
म्यांमार का सुनहरा पत्थर
म्यांमार में लगभग 25 फीट की ऊंचाई पर एक छोटे से पत्थर तीखे ढाल पर एक बड़ा ही भारी-भरकम सा पत्थर अटका हुआ जिसे देखने से तो ऐसा प्रतीत होता है कि बस गिरने ही वाला हो, लेकिन यह पत्थर सदियों से उस जगह पर ज्यों का त्यों टिका है। यह स्थल म्यांमार के बुद्धिस्ट लोगों का प्रमुख तीर्थ स्थल भी है। वहां के लोग इसे 'गोल्डन रॉक' व 'क्यकटियों पगोडा' के नाम से पुकारते हैं। नवंबर से मार्च के मध्य इस स्थान पर हजारों की संख्या में लोग पूजा करने आते हैं तथा लोगों में यह मान्यता है कि जो व्यक्ति साल में तीन बार इस पवित्र स्थल पर आता है उसके धन व शोहरत में वृद्धि होती है।
पाताल भूवनेश्वर गुफा
Diese Geschichte stammt aus der November 2022-Ausgabe von Sadhana Path.
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पहली सर्दी में नवजात शिशु का रखें खास ध्यान
वैसे तो सर्दियों का मौसम सभी के लिए कुछ अलग ही एहसास लेकर आता है, लेकिन नवजात और उसकी मां के लिए ये मौसम बेहद ख़ास होता है। नवजात शिशु की मां हर पल इसी चिंता में डूबी रहती है कि कहीं बच्चे को ठंड और वो बीमार न पड़ जाए।
वास्तु उपायों से बनाएं नववर्ष को मंगलमय
नया साल अपने साथ खुशियां और सौहार्द लेकर आता है। ऐसे में पूरे वर्ष को और भी ज्यादा वास बनाने के लिए वास्तु संबंधित कुछ उपाय अपनाए जा सकते हैं। इससे घर की परेशानियां दूर होने के साथ आर्थिक तंगी से भी छुटकारा मिलेगा।
ज्योतिर्लिंग, रावणेश्वर महादेव
शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है पूर्वी भारत में देवधर के 'रावणेश्वर महादेव'। उनके देवधर में आवास की कथा बेहद रोचक और अद्भुत है। लंकापति रावण की मां शिवभक्त थी।
ओशो और विवेकः एक प्रेम कथा
सू एपलटन अपने पूर्व जन्म से ही ओशो की प्रेमिका रही है। अप्रैल 1971 में ओशो द्वारा संन्यास दीक्षा ग्रहण की। ओशो उसे नया नाम मा योग विवेक दिया। मा विवेक दिसंबर 09, 1989 को अपने भौतिक जीवन से पृथक हो गई।
मुझे कभी मृत मृत समझना मैं सदा वर्तमान हूं
ओशो ने मृत्यु को उसी सहजता और हर्ष से वरण किया था जिस प्रकार से एक आम व्यक्ति जीवन को करता है। उन्होंने जगत को यही संदेश दिया कि मृत्यु के प्रति सदा जागरूक रहो, उसे वरण करो। आज ओशो भले ही अपना शरीर छोड़ चुके हों लेकिन अपने विचारों के माध्यम से वो आज विश्व में कहीं ज्यादा विस्तृत, विशाल रूप से मौजूद हैं।
सर्दी बीतेगी मजेदार, जब अपनाएंगी ये 7 घरेलू नुस्खे
हम आपको ऐसे 7 टिप्स देने जा रहे हैं, जो आपको जाड़े की असल खुश महसूस करने में पूरी मदद करेंगे। इन 7 टिप्स के सहारे आप सर्दी खुशी-खुशी महसूस कर पाएंगी।
सर्दियों में कैसे रखें बच्चों का ख्याल
गर्मियों की तपिश के बाद ठंडी हवाओं के चलते ही मन राहत महसूस करने लगता है, मगर यही सर्द हवाएं अपने साथ रूखापन, खांसी और जुकाम जैसी सौगात लेकर आती हैं, जो बड़े बुजुर्गों के साथ-साथ बच्चों के लिए भी परेशानी का सबब बन जाती हैं। अगर आप भी सर्दियों में अपने बच्चों को रखना चाहती हैं स्वस्थ, तो बरतें ये खास सावधानियां -
डायबिटीज के कारण यूटीआई का खतरा
यूं तो यूटीआई महिलाओं में होने वाली एक आम समस्या है, पर मधुमेह के कारण यूटीआई के संक्रमण का खतरा काफी हद तक बढ़ जाता है।
माहवारी में रखें स्वास्थ्य का ध्यान
पीरियड्स के दौरान हाइजीन रखना बहुत जरूरी है, जिससे किसी तरह का इंफेक्शन न हो सके। आज भी बहुत सी महिलाएं हैं, जो सैनेटरी पैड्स की जगह कपड़ा इस्तेमाल करती हैं। ऐसा करने से महिलाओं में कई तरह की बिमारियों का खतरा बढ़ जाता है। सैनेटरी पैड्स के इस्तेमाल के लिए महिलाओं को जागरूक करना बहुत आवश्यक है।
वजन कम करने के लिए 5 प्रचलित आहार
आजकल लोग वजन कम करने के लिए कई तरह के तरीके अपनाते हैं, जिसमें एक निश्चित डाइट फॉलो करना सबसे अहम तरीका है। आइए जानते हैं विभिन्न तरह के डाइट के प्रकारों के बारे में -