आपका चेहरा ही आपके स्वास्थ्य का आईना होता है। यहां हम सिर्फ चेहरे से नहीं बल्कि पूरे शरीर पर उभरने वाले लक्षणों की बात कर रहे हैं। हमारे विशेषज्ञ डॉक्टर हमें बता रहे हैं कि शरीर के किस हिस्से पर उभरने वाले कौन से लक्षण हमारे शरीर की किस कमी या किस बीमारी की ओर इशारा करते हैं। कम उम्र की कन्याओं को अपने चेहरे और प्रत्यक्ष दिखने वाली दाग-धब्बे, मुहांसे, रूखी-सूखी त्वचा व बाल जैसी समस्याओं की ज्यादा चिंता होती है जबकि वयस्क महिलाओं को व्यवहार संबंधित समस्याओं जैसे ऑस्टियोपोरोसिस, जननांग संबंधी समस्याएं, स्तन कैंसर, यौन संचारित रोग की चिंता और आशंका अधिक होती है।
सिर
अपने सिर पर अंगुलियां फिराकर बालों की मात्रा को टटोलें। यदि आपको लगता है कि आपके बाल बहुत ज्यादा पतले होते जा रहे हैं तो यह थायरॉयड की गड़बड़ी, विटामिन बी 12 का अभाव, आयरन की कमी की वजह से हो सकता है। थायरॉयड के दूसरे लक्षणों में सूखी त्वचा, सूजी आंखें, अनियमित मासिक और बालों का झड़ना भी शामिल है। बालों को हल्का होने से बचाने के लिए इन तीनों कारकों की जांच करवाएं और डॉक्टर से मिलें। अगर बालों के बीच में रूसी नज़र आए तो यह तनाव के कारण हो सकती है। रोजमर्रा की भागदौड़ में होने वाला तनाव एक हॉरमोन कोर्टिसोल पैदा करता है, जो बीमारियों से लड़ने की आपकी क्षमता को कम कर देता है। वजन का बढ़ना और सिर की त्वचा का रूखा होना इसके लक्षण होते हैं। आप कितना भी कोशिश करें, यह रूसी आसानी से नहीं जाती, जब तक कि आप इसके कारण का निवारण न करें। इसे ठीक करने के लिए आप छोटी-छोटी बातों पर तनाव लेना छोड़ दें।
Diese Geschichte stammt aus der April 2023-Ausgabe von Sadhana Path.
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पहली सर्दी में नवजात शिशु का रखें खास ध्यान
वैसे तो सर्दियों का मौसम सभी के लिए कुछ अलग ही एहसास लेकर आता है, लेकिन नवजात और उसकी मां के लिए ये मौसम बेहद ख़ास होता है। नवजात शिशु की मां हर पल इसी चिंता में डूबी रहती है कि कहीं बच्चे को ठंड और वो बीमार न पड़ जाए।
वास्तु उपायों से बनाएं नववर्ष को मंगलमय
नया साल अपने साथ खुशियां और सौहार्द लेकर आता है। ऐसे में पूरे वर्ष को और भी ज्यादा वास बनाने के लिए वास्तु संबंधित कुछ उपाय अपनाए जा सकते हैं। इससे घर की परेशानियां दूर होने के साथ आर्थिक तंगी से भी छुटकारा मिलेगा।
ज्योतिर्लिंग, रावणेश्वर महादेव
शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है पूर्वी भारत में देवधर के 'रावणेश्वर महादेव'। उनके देवधर में आवास की कथा बेहद रोचक और अद्भुत है। लंकापति रावण की मां शिवभक्त थी।
ओशो और विवेकः एक प्रेम कथा
सू एपलटन अपने पूर्व जन्म से ही ओशो की प्रेमिका रही है। अप्रैल 1971 में ओशो द्वारा संन्यास दीक्षा ग्रहण की। ओशो उसे नया नाम मा योग विवेक दिया। मा विवेक दिसंबर 09, 1989 को अपने भौतिक जीवन से पृथक हो गई।
मुझे कभी मृत मृत समझना मैं सदा वर्तमान हूं
ओशो ने मृत्यु को उसी सहजता और हर्ष से वरण किया था जिस प्रकार से एक आम व्यक्ति जीवन को करता है। उन्होंने जगत को यही संदेश दिया कि मृत्यु के प्रति सदा जागरूक रहो, उसे वरण करो। आज ओशो भले ही अपना शरीर छोड़ चुके हों लेकिन अपने विचारों के माध्यम से वो आज विश्व में कहीं ज्यादा विस्तृत, विशाल रूप से मौजूद हैं।
सर्दी बीतेगी मजेदार, जब अपनाएंगी ये 7 घरेलू नुस्खे
हम आपको ऐसे 7 टिप्स देने जा रहे हैं, जो आपको जाड़े की असल खुश महसूस करने में पूरी मदद करेंगे। इन 7 टिप्स के सहारे आप सर्दी खुशी-खुशी महसूस कर पाएंगी।
सर्दियों में कैसे रखें बच्चों का ख्याल
गर्मियों की तपिश के बाद ठंडी हवाओं के चलते ही मन राहत महसूस करने लगता है, मगर यही सर्द हवाएं अपने साथ रूखापन, खांसी और जुकाम जैसी सौगात लेकर आती हैं, जो बड़े बुजुर्गों के साथ-साथ बच्चों के लिए भी परेशानी का सबब बन जाती हैं। अगर आप भी सर्दियों में अपने बच्चों को रखना चाहती हैं स्वस्थ, तो बरतें ये खास सावधानियां -
डायबिटीज के कारण यूटीआई का खतरा
यूं तो यूटीआई महिलाओं में होने वाली एक आम समस्या है, पर मधुमेह के कारण यूटीआई के संक्रमण का खतरा काफी हद तक बढ़ जाता है।
माहवारी में रखें स्वास्थ्य का ध्यान
पीरियड्स के दौरान हाइजीन रखना बहुत जरूरी है, जिससे किसी तरह का इंफेक्शन न हो सके। आज भी बहुत सी महिलाएं हैं, जो सैनेटरी पैड्स की जगह कपड़ा इस्तेमाल करती हैं। ऐसा करने से महिलाओं में कई तरह की बिमारियों का खतरा बढ़ जाता है। सैनेटरी पैड्स के इस्तेमाल के लिए महिलाओं को जागरूक करना बहुत आवश्यक है।
वजन कम करने के लिए 5 प्रचलित आहार
आजकल लोग वजन कम करने के लिए कई तरह के तरीके अपनाते हैं, जिसमें एक निश्चित डाइट फॉलो करना सबसे अहम तरीका है। आइए जानते हैं विभिन्न तरह के डाइट के प्रकारों के बारे में -