भारत ही विश्व का एकमात्र ऐसा देश है जहां चार प्रकार के मौसम होते हैं। बाकी देशों में कहीं सालभर गर्मी रहती है तो कहीं सालभर सर्दी ही सर्दी । इसलिए भारत के मौसम की तुलना किसी अन्य देश से नहीं की जा सकती। यहां हर मौसम का अपना अलग अंदाज और मजा है। परंतु, सर्दियों के मौसम का अपना निराला ही अंदाज है। इसलिए इसे सबसे सुहावने मौसम का दर्जा प्राप्त है। मगर इस मौसम में मौज-मस्ती के साथ-साथ अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखना भी बेहद जरूरी होता है। नहीं तो स्वास्थ्य की थोड़ी सी लापरवाही भी हमारी मौज- मस्ती में ग्रहण लगा सकती है। इसलिए हमें सर्दियों के मौसम में अपने स्वास्थ्य का विशेष ख्याल रखना होता है, जिससे हम सर्दियों में भी रहें टनाटन। यहां सर्दियों में होने वाली स्वास्थ्य संबंधी बिमारियों के बारे में जानकारी दी जा रही है, जिससे हम अपने आप को स्वस्थ बनाए रख सकते हैं।
वृद्धों के लिए सलाह
ढलती उम्र के साथ शरीर में रोगों से लड़ने वाली रोग प्रतिरोधक क्षमता घटने लगती है। जिसकी वजह से सर्दियों के मौसम में बुजुर्गों को थोड़ी बहुत समस्याओं से जूझना होता है। इसलिए इस मौसम में वृद्धों को कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। जहां तक संभव हो ठंड से बचें। एंटी ऑक्सीडेंट तत्त्व वाले खाद्य पदार्थ संतरा, सेब, पपीता आदि का खूब सेवन करें। इससे आपके शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। सूप को अपने दैनिक भोजन में जरूर शामिल करें। धूप का भी सेवन रोजाना करें। सर्दियों में वृद्ध लोगों में जोड़ों में दर्द, खांसी-जुकाम और हाई ब्लडप्रेशर जैसी बीमारी बढ़ जाती है। इसलिए इन्हें नियमित रूप से डॉक्टर के सम्पर्क में रहना चाहिए।
बच्चों के लिए सलाह
सर्दियों के मौसम में बच्चों का विशेष ख्याल रखना चाहिए। इस मौसम में वायरस और बैक्टीरिया बहुत तेजी से सक्रिय होते हैं। ये । से बैक्टीरिया और वायरस बच्चों पर बहुत तेजी से हमला करते हैं, क्योंकि बच्चों में रोग से लड़ने वाली प्रतिरोधक क्षमता का विकास पूरी तरह नहीं होता। इसकी प्रतिक्रिया स्वरूप सर्दी-जुकाम, बंद नाक, सांस लेने में तकलीफ, बुखार, गले और कान में इंफेक्शन जैसी समस्याएं देखने को मिलती हैं। इन समस्याओं से बच्चों को आप निम्न तरीके से बचा सकते हैं
Diese Geschichte stammt aus der January 2024-Ausgabe von Sadhana Path.
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हिन्दू धर्म में तुलसी का पौधा हर घर-आंगन की शोभा है। तुलसी सिर्फ हमारे घर की शोभा ही नहीं बल्कि शुभ फलदायी भी है। कैसे, जानें इस लेख से।
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सिरवों के प्रथम गुरु थे नानक | अंधविश्वास एवं आडंबरों के विरोधी गुरुनानक का प्रकाश उत्सव अर्थात् उनका जन्मदिन कार्तिक पूर्णिमा को मनाया जाता है। गुरु नानक का मानना था कि ईश्वर कण-कण में व्याप्त है। संपूर्ण विश्व उन्हें सांप्रदायिक एकता, शांति एवं सद्भाव के लिए स्मरण करता है।
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