क्यों की जाती है चार धाम यात्रा?
Sadhana Path|December 2024
हिन्दू धर्म में चार धाम यात्रा का विशेष महत्त्व है, चार धाम यात्रा पर जाने वाले भक्त अपने आप को धन्यभागी समझते हैं।
अनुज श्रीवास्तव
क्यों की जाती है चार धाम यात्रा?

सभी भक्तों की यह मनोकामना होती है कि जीवन में एक बार उन्हें चार धाम की यात्रा करने का अवसर जरूर मिले। चारों धाम देश की चारों दिशाओं में स्थित है, उत्तर में बद्रीनाथ, दक्षिण में रामेश्वरम, पूर्व में पुरी और पश्चिम में द्वारकाधीश स्थित है।

कैसे शुरू हुई यात्रा?

ऐसा माना जाता है कि आदि शंकराचार्य ने देश को एकता के सूत्र में बांधने के लिए चार धाम तथा 12 ज्योतिर्लिंगों को सुचीबद्ध कर इन तीर्थ स्थलों की यात्रा का आरंभ किया था। इसके पीछे उनका उद्देश्य था कि देश के विभिन्न हिस्सों में रहने वाले लोग पूरे भारत की विविधता तथा अनेकता में एकता के भाव लिए भारतीय संस्कृति से परिचित हो सके। सदियों से लोग आस्था से भरकर इन धामों के दर्शन के लिए जाते रहे हैं। आज भी चार धाम की यात्रा करना मनुष्य अपना सौभाग्य समझता है। अब तो आवागमन के साधनों और सुविधाधाओं ने चारधाम यात्रा को बहु ही सुगम बना दिया है।

क्यों की जाती है चार धाम यात्रा?

Diese Geschichte stammt aus der December 2024-Ausgabe von Sadhana Path.

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