इच्छा जताएं कि अनुशासन बनाएं?
Aha Zindagi|August 2024
इच्छाशक्ति सीमित है, इस्तेमाल करने पर कम हो जाती है। आत्म-अनुशासन एक आदत है, व्यवस्था है- एक बार बन जाए, फिर प्रयास करने की आवश्यकता नहीं रह जाती। फ़ैसला आपका है!
डेमन ज़हरियाड्स
इच्छा जताएं कि अनुशासन बनाएं?

कई लोग यह सोचते हैं कि आत्म-अनुशासन और इच्छाशक्ति एक ही चीज़ है। वास्तव में, इच्छाशक्ति एक सीमित संसाधन है जो जल्दी ही समाप्त हो जाती है। वाहन में ईंधन की तरह हम इसका जितना अधिक प्रयोग करते हैं, यह उतनी ही जल्दी समाप्त हो जाती है। निश्चित रूप से इच्छाशक्ति उपयोगी है। ऊर्जा का अस्थायी भंडार हमें हमारी तात्कालिक इच्छाओं के लिए एक उद्देश्यपूर्ण क़दम उठाने के लिए प्रेरित करता है। लेकिन एक संरचित तरीके से बार-बार ऐसा करना ? इसके लिए आत्म-अनुशासन की ज़रूरत होती है। इच्छाशक्ति आपको कल सुबह पांच बजे बिस्तर से बाहर निकलने में मदद करेगी, आत्म-अनुशासन आपको ऐसा रोज़ सुबह करने में मदद करेगा। इच्छा-शक्ति आपको आत्म-नियंत्रण प्रदान करेगी जो इस दोपहर बाद जंक फूड खाने की आपकी इच्छा को दबाएगा। आत्म-अनुशासन आपको अधिक स्थायी आत्म-नियंत्रण प्रदान करेगा, जिसकी आपको निकट भविष्य में जंक फूड से बचने के लिए आवश्यकता पड़ेगी। इच्छाशक्ति ऐसे जान-पहचान वाले की तरह है जो कभी-कभी आपके साथ होता है, लेकिन अधिकांश समय में नहीं होता है। उस पर भरोसा नहीं किया जा सकता है। आत्म-अनुशासन ऐसे दोस्त की तरह है जो हमेशा आपके साथ होता है, चाहे कोई भी परिस्थिति हो। जब आप इस 'दोस्ती' को विकसित कर लेते हैं तो आप पूरे आत्मविश्वास के साथ इस पर भरोसा कर सकते हैं। आइए, इस बात पर चर्चा करते हैं कि इसे कैसे विकसित करना है।

कैसे आएगा आत्म-अनुशासन?

इसे विकसित करने के लिए समय और प्रयास की ज़रूरत पड़ती है, जैसे आदत बनाने के लिए।

1. एक मोह-मुक्त माहौल बनाएं

Diese Geschichte stammt aus der August 2024-Ausgabe von Aha Zindagi.

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