एक मशीन को बिना ब्रेक दिए लगातार चलाने से उसके कल-पुर्जे घिसने लगते हैं और कार्यक्षमता भी प्रभावित होने लगती है। ऐसा ही हाल खुद पर ध्यान ना देने से भी होता है। दरअसल, आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में यूं तो अपने लिए समय किसी के पास नहीं है, पर महिलाएं समय की किल्लत से ज्यादा जूझती हैं। परिवार की देखभाल, बच्चों की पढ़ाई-लिखाई और घर जिम्मेदारियां निभाने में वे इतनी मसरूफ हो जाती हैं कि ठीक से आईना देखने का समय भी शायद बहुत को नहीं मिल पाता। ऐसे में यदि दफ्तर के काम का दबाव भी हो तो स्थिति और भी जटिल हो जाती है। आमतौर पर महिलाएं अपने लिए समय निकालने को त खराब करना समझती हैं। पर, यदि लंबे समय तक अपने ऊपर ध्यान न दिया जाए तो मानसिक सेहत पर इसका बहुत प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इसलिए चाहे रोजाना न सही, लेकिन सप्ताह में किसी एक दिन कुछ घंटे अपने आप को देना बहुत जरूरी हैं। आधुनिक भाषा में इसे 'मी टाइम' के नाम से जाना जाता है।
मी टाइम यानी आपका अपना समय
क्या आपके साथ कभी ऐसा हुआ है कि पूरे घर में आप सिर्फ अकेली हैं और आपने वह समय चाय की चुस्कियां लेते हुए, कुछ गुनगुनाते हुए अपने आप में मगन होकर बिताया है? याद कीजिए, उस समय आपने कैसा महसूस किया। यकीनन आप बोर तो नहीं हुई होंगी! अपने साथ अकेले में बिताए उस समय को ही दरअसल मी टाइम कहते हैं। यानी आपके डेली रुटीन में से कुछ समय अपने लिए खास बचाकर रख लेना और फिर उसे अपने ही अंदाज से बिताना। ऐसा नहीं है कि मी टाइम सिर्फ अकेले ही बिताया जा सकता है। इसके असल मायने हैं कि वो किया जाए, जिससे सिर्फ आपको खुशी मिलती है। जी हां, मी टाइम की परिभाषा कुछ-कुछ सेल्फ लव से भी मेल खाती है क्योंकि सेल्फ लव का मतलब भी अपना खयाल रखना है।
आप हैं सबसे खास
Diese Geschichte stammt aus der August 27, 2022-Ausgabe von Anokhi.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent ? Anmelden
Diese Geschichte stammt aus der August 27, 2022-Ausgabe von Anokhi.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent? Anmelden
सदाबहार है बालियों का ट्रेंड
बाली यानी हूप्स कभी भी ट्रेंड से बाहर नहीं होते, फिर भी कुछ लोगों को लगता है कि हूप्स उनके चेहरे पर कम फबते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि उन्हें अपने चेहरे के अनुरूप हूप्स चुनने की समझ नहीं होती। हूप्स चुनते समय किन बातों का रखें ख्याल, बता रही हैं स्वाति शर्मा
घर से होगा गर्माहट का अहसास
ठंड के मौसम में घर को गर्माहट से भरने के लिए सिर्फ रूम हीटर से ही बात नहीं बनने वाली। इसके लिए आपको घर की साज-सजावट में भी बदलाव लाना होगा। किस तरह के हैं ये बदलाव, बता रही हैं माधुरी सिंह राजपूत
फोन स्मार्ट है और आप?
फोन में आपकी जान बसती है, पर क्या उस मुताबिक आप अपने फोन की देखभाल करती हैं? फोन चार्जिंग से जुड़ी किन बातों का रखें ध्यान ताकि फोन दे लंबा साथ, बता रही हैं राधिका राजपूत
क्रीम वाले मेकअप प्रोडक्ट का करें प्रयोग
हम सबके पास ढेरों सवाल होते हैं, बस नहीं होता जवाब पाने का विश्वसनीय स्रोत। इस कॉलम के जरिये हम एक्सपर्ट की मदद से आपके ऐसे ही सवालों के जवाब तलाशने की कोशिश करेंगे। इस बार ब्यूटी एक्सपर्ट देंगी आपके सवालों के जवाब। हमारी एक्सपर्ट हैं, गुंजन तनेजा
आओ चखें पालक के नए स्वाद
हरे-हरे पालक देखकर अगर आपका मन भी खुश हो जाता है, तो हर साल की तरह सिर्फ पालक साग बनाकर संतोष करने की जरूरत नहीं। इस साल पालक से बनाइए कुछ नई तरीके के व्यंजन, रेसिपी बता रही हैं प्रज्ञा गर्ग
शीट मास्क आपने आजमाया क्या?
पंद्रह से बीस मिनट के भीतर नमी से भरपूर चमकदार त्वचा पाने की चाहत अगर आपको भी है, तो शीट मास्क आपके लिए ही है। क्या है शीट मास्क की बढ़ती लोकप्रियता की वजह और कैसे करें इसका चुनाव, बता रही हैं स्वाति गौड़
जरूरी है इनकी भावनाओं को समझना
अपने बच्चे को बेहतर तरीके से समझना चाहती हैं? मुश्किल बातचीत के लिए सुरक्षित और भरोसे से भरा माहौल बनाना चाहती हैं? इसके लिए बच्चे से भावनात्मक जुड़ाव विकसित करना जरूरी है। कैसे भावनाओं के स्तर पर अपने बच्चे से जुड़ें, बता रही हैं दिव्यानी त्रिपाठी
जेस्टेशनल डायबिटीज संभव है इससे बचना
जेस्टेशनल डायबिटीज यानी गर्भावस्था के दौरान डायबिटीज होने के मामले पिछले कुछ सालों में तेजी से बढ़े हैं। गर्भवती महिला और शिशु दोनों के लिए यह क्यों है खतरनाक और कैसे इससे बचें, बता रही हैं शमीम खान
पुरुष प्रधान क्षेत्र में सविता दर्ज कर रही है इतिहास
हमारी दुनिया में हम से जुड़ी क्या खबरें हैं? हमारे लिए उपयोगी कौन-सी खबर है? किसने अपनी उपलब्धि से हमारा सिर गर्व से ऊंचा उठा दिया? ऐसी तमाम जानकारियां हर सप्ताह आपसे यहां साझा करेंगी, जयंती रंगनाथन
ये हैं मेहंदी के नए ट्रेंड
शादी की और सारी तैयारियां तो कर ली, पर क्या मेहंदी का डिजाइन तय किया? आइए आपकी इस मुश्किल को हम हल कर दें, इन दिनों मेहंदी के किस तरह के डिजाइन ट्रेंड में हैं, बता रही हैं शालिनी जैन