ब्रिटेन की स्त्रीवादी लेखिका और समाज सेविका रूथ एडलर कहती थीं, 'हम ऐसे समाज में रहते हैं, जहां स्त्रियों के सपनों पर बात ही नहीं की जाती। जिस दिन स्त्री अपने लिए सपने देखेगी और उस सपने को पूरा करने के लिए जीने लगेगी, उस दिन हमें महिला दिवस मनाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।' स्त्री के सपनों से जुड़ी जिंदगी अमूमन मामूली-सी होती है, कुछ ऐसी कि दूर से सहज, सरल और प्राप्य लगे। पर, पास जाने पर आप पाएंगी कि वहां तक हाथ बढ़ाना भी कभी-कभी बेहद मुश्किल हो जाता है। यह बात इसलिए कह रही हूं कि साल 2021 में हमारे देश में कामकाजी महिलाओं का प्रतिशत 36 था, जो साल 2022 में घट कर 33 प्रतिशत रह गया है। एक तरफ हम यह कहते हैं कि बिना आत्मनिर्भर हुए स्त्रियों के सपने पूरे नहीं हो सकते, दूसरी तरफ कामकाजी महिलाओं के घटते आंकड़े, अपने आप में एक विरोधाभास है।
क्या हैं आपके सपने?
आप अपने आप से पूछिए और जानिए, आप कैसे सपने देखती हैं? उन सपनों में आप कहां होती हैं और क्या कर रही होती हैं? खुली आंखों से देखे ये सपने जिजीविषा के बल पर ही पूरे होते हैं। आपने सपना देखा, आप ऐसे घर में रह रही हैं, जहां की हर दीवार आपकी अपनी है, आपको साल दर साल नए घर की तलाश में अपना बना बनाया घर समेटना नहीं पड़ता। ये सपना देखना कितना सुखद है। सोच कर देखिए कि यह जब पूरा होगा तब कैसा लगेगा। आप कहेंगी, सपने भी कभी सच होते हैं? हां, बिलकुल होते हैं। सपनों को सच करना आपके हाथ में है और इसके लिए चाहिए ठोस प्लानिंग और खूब सारी मेहनत।
बनाएं जिंदगी का रोडमैप
आपका सपना कुछ भी हो सकता है। अपनी बेटी को उच्च शिक्षा दिलवाना, अपने मांबाप के लिए एक घर खरीदना, अपनी एक छोटी सी दुकान खोलना, विदेश घूमना, उपन्यास छप कर आना जैसे और भी कई। अगर आपने कोई इच्छा पाली है, अपने आपको कुछ करते देखना चाहती हैं तो सिर्फ सोचने से कुछ नहीं होगा। वहां तक पहुंचने का रास्ता बनाना होगा। इस रास्ते में कई अड़चनें भी आएंगी। आपको तकलीफ भी उठानी पड़ेगी और मेहनत भी करनी होगा। लेकिन यकीन मानिए, अगर आप योजनाबद्ध तरीके से चलेंगी, तो अपने सपनों को आराम से तय समय सीमा में पूरा कर पाएंगी।
अपने आपको कम ना समझें
Diese Geschichte stammt aus der March 04, 2023-Ausgabe von Anokhi.
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अच्छी आदतों से करें समस्या पर वार
डाइटिंग और व्यायाम वजन घटाने की आपकी मशक्कत में तो काम आएंगे ही, पर सुबह-सुबह की कुछ अच्छी आदतें भी इस कोशिश में काफी प्रभावी साबित हो सकती हैं। कौन-कौन सी हैं ये आदतें बता रही हैं
मेनोपॉज नहीं करेगा वजन से छेड़छाड़
महिलाओं के शरीर के कई बड़े परिवर्तन उनके पीरियड से जुड़े होते हैं। एक बड़ा बदलाव तब भी आता है, जब पीरियड बंद हो जाते हैं यानी मेनोपॉज शुरू हो जाता है । इस दौरान तेजी से वजन बढ़ना आम है, कैसे करें इसे नियंत्रित बता रही हैं स्वाति शर्मा
सोना साबित होगा सबसे खरा
भारत में महिलाएं आभूषणों में सजती भी हैं और सोने में उनकी बचत भी छिपी होती है। पर, इस तेजी से बदलते आर्थिक दौर में बचत के इस पारंपरिक तरीके में थोड़े से बदलाव की आवश्यकता है ताकि उनकी बचत और बढ़ सके, बता रही हैं दिव्यानी त्रिपाठी
प्रोटीन से होगा चमत्कार
विभिन्न शोधों से यह बात साबित हो चुकी है कि प्रोटीन युक्त आहार वजन कम करने की कोशिशों में सबसे ज्यादा प्रभावी साबित होता है। अगर आप भी अपने वजन को काबू में लाने की कोशिश कर रही हैं तो इन प्रोटीन युक्त व्यंजनों को नियमित रूप से अपने आहार का हिस्सा बनाएं, रेसिपीज बता रही हैं विधि रस्तोगी
बढ़ा वजन खुशियों पर लगा सकता है ग्रहण
गर्भावस्था के दौरान मोटापा न सिर्फ गर्भवती महिला बल्कि गर्भ में पल रहे बच्चे की सेहत पर भी दूरगामी प्रभाव डाल सकता है। क्यों जरूरी है गर्भधारण से पहले वजन को नियंत्रित करना, बता रही हैं शमीम खान
वजन ज्यादा है या हैं मोटापे की शिकार ?
वजन ज्यादा होना और मोटापे की शिकार होने में एक बारीक सा अंतर है। इस अंतर की समझ वजन घटाने की आपकी कोशिशों में प्रभावी साबित हो सकती है, बता रही हैं स्वाति गौड़
आपकी जिद से हारेगा मोटापा
विभिन्न अध्ययन बार-बार यह इशारा कर रहे हैं कि महिलाएं तेजी से मोटापे की जद में आ रही हैं । यह तथ्य हमें अपने आसपास भी नजर आ जाता है। महिलाएं मोटापे की क्यों हो रही हैं आसान शिकार और कैसे इस महामारी का करें सामना, बता रही हैं शाश्वती
पीरियड के दर्द पर क्यों नहीं होती हैं बातें?
हमारी टुनिया में हम से जुडी क्या खबरें हैं हमारे लिए उपयोगी कौन-सी खबर है किसने अपनी उपलब्धि थे हमारा लिए गर्वश्ञे ऊंचा उठा दिया? ऐशी तमाम जानकाश्यां हर रप्ताह आपसे यहां थाझा करेंगी, जयंती एंगनाथन
सर्दी का फैशनेबल साथी
सर्दी के फैशन की बातें टर्टलनेक स्वेटर के बिना अधूरी हैं। यह न सिर्फ ठंड से बचाता है बल्कि फैशनेबल भी दिखाता है। कैसे करें इस स्वेटर की स्टाइलिंग ताकि हर मौके पर आप दिखें शानदार, बता रही हैं भावना सिंघल
सिर्फ पांच मिनट में एंग्जाइटी को मात
एंग्जाइटी और तनाव जब हमला करते हैं, तो कुछ और सोचने की हिम्मत ही नहीं बचती। पर, कुछ प्रभावी तकनीक की मदद से आप सिर्फ पांच मिनट में एंग्जाइटी अटैक से उबर पाएंगी, बता रही हैं आयुषी गुप्ता