
सेहत की दुनिया में एक वाक्य प्रचलित है - नाश्ता राजा की तरह करो, दोपहर का की तरह और रात का खाना राजकुमार खाना भिखारी की तरह। लेकिन हममें से अधिकतर लोग इसका उलट करते हैं। दो-तीन दशक पहले तक तो अधिकांश लोगों का सबसे गरिष्ठ खाना डिनर ही हुआ करता था। लेकिन धीरे-धीरे डिनर की टाइमिंग और उसमें खाए जाने वाले खाद्य पदार्थों के प्रति जागरूकता बढ़ रही है। खाने-पीने का ठीक समय न होना कई बीमारियों का कारण बनता है, खासकर उनके लिए जो रात में देर से खाना खाते हैं।
क्यों है जल्दी डिनर करना फायदेमंद?
Diese Geschichte stammt aus der July 01, 2023-Ausgabe von Anokhi.
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हेयर स्ट्रेटनर का नियमित इस्तेमाल करेगा नुकसान
हम सबके पास ढेरों सवाल होते हैं, बस नहीं होता जवाब पाने का विश्वसनीय स्रोत। इस कॉलम के जरिये हम एक्सपर्ट की मदद से आपके ऐसे ही सवालों के जवाब तलाशने की कोशिश करेंगे। इस बार सौंदर्य विशेषज्ञ देंगी आपके सवालों के जवाब। हमारी एक्सपर्ट हैं,

मिलिए, पर्यावरण की इस अनूठी प्रहरी से
कुछ उपलब्धियां बेमिसाल बन जाती हैं। ऐसी ही एक उपलब्धि है, वन्यजीव विज्ञानी पूर्णिमा देवी रमन की। उन्हें हाल ही में टाइम्स वुमेन ऑफ द ईयर का सम्मान मिला। इस साल यह खिताब पाने वाली वह भारत की इकलौती महिला हैं। पूर्णिमा की सफलता के इस सफर को साझा कर रही हैं

गर्भनिरोधक गोलियां क्या वाकई हैं नुकसानदेह?
हमारी दुनिया में हम से जुड़ी क्या खबरें हैं? हमारे लिए उपयोगी कौन-सी खबर है? किसने अपनी उपलब्धि से हमारा सिर गर्व से ऊंचा उठा दिया? ऐसी तमाम जानकारियां हर सप्ताह आपसे यहां साझा करेंगी

कपड़ों से झलकेगी आपकी ताकत
अगर आप भी इस बात से परेशान हो चुकी हैं कि ऑफिस में कोई आपको गंभीरता से नहीं लेता तो अपने कामकाज के तरीके को बेहतर बनाने के साथ-साथ पहनावे का सलीका भी बदलें। क्या है पावर ड्रेसिंग और कैसे इसे अपनाएं, बता रही हैं

संघर्ष-सफलता का जश्न
महिला अधिकारों की बातों को हम सिर्फ एक दिन में सीमित करके नहीं रख सकते। पर, हां इस एक दिन यानी 08 मार्च को हम महिलाओं के संघर्ष और उनकी सफलता जश्न थोड़ा और ज्यादा जरूर मना सकते हैं। 1909 में पहली दफा महिला दिवस मनाया गया था। पिछले 116 सालों में हमने एक लंबा सफर तय किया है। पर, इस बात में कोई दोराय नहीं कि बराबरी और बेहतरी की राह अभी काफी लंबी है। दुनिया भर की प्रसिद्ध महिलाओं द्वारा महिला अधिकार और बराबरी के बारे में कही गई ये बातें अपने अधिकार और भविष्य को लेकर आपको जोश से भर देगीः

एक दिन नहीं सवाल पूरी जिंदगी का है
महिला दिवस के बारे में जितनी बातें होती हैं, संकल्प लिए जाते हैं, वो सिर्फ खानापूर्ति नहीं होनी चाहिए। इस दिन को हम सबको हल्के में लेने से बचना चाहिए, क्योंकि यह हम सबकी जिंदगी का सवाल है। क्यों हमें महिला दिवस को गंभीरता से लेना चाहिए, बता रही हैं

आप भी करती हैं हर फरमाईश पूरी?
बाल मन चंचल होता है, जो हर वक्त कुछ नया मांगता रहता है। कम मिले तो वह लालसा में रहता है और ज्यादा मिले तो जिद और क्रोध से भर सकता है। ऐसे में अभिभावकों की जिम्मेदारी होती है कि बच्चों की मांग और उसकी पूर्ति के बीच सटीक तालमेल बैठाकर रखा जाए। कैसे साधें यह संतुलन, बता रही हैं

बस, ये चावल काफी हैं
हर दिन तीन दफा पूरे परिवार के लिए खाना बनाना आसान काम नहीं। ऐसे में अगर कभी कम मेहनत में कुछ स्वादिष्ट खाने का मन है, तो झटपट बना लीजिए ये तरह-तरह के चावल, रेसिपीज बता रही हैं

पैसों की कमान अब लें अपने हाथ
आप घर-बाहर, ऑफिस... हर जगह अपनी जिम्मेदारियां बखूबी निभाती हैं, फिर आर्थिक मामलों में निर्णय लेते वक्त हाथ पीछे क्यों खींच लेती हैं? कैसे घर के आर्थिक मामलों की कमान महिलाएं अपने हाथों में ले सकती हैं, बता रही हैं

घर दिखेगा महल जैसा
घर के इंटीरियर में छोटे-मोटे बदलावों से आप अपने साधारण घर को भी आलीशान लुक दे सकती हैं। अपने घर को आलीशान लुक देने के लिए लाइटिंग से लेकर घर की सजावट तक में कैसा बदलाव करें, बता रही हैं