छोटे बच्चों का शरीर बहुत नाजुक होता है। उनका पाचन तंत्र पूरी तरह विकसित नहीं हुआ होता है, इसलिए उन्हें अकसर पेट दर्द, कब्ज और लूज मोशन जैसी समस्याएं होती रहती हैं। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार, नवजात शिशुओं और छोटे बच्चों में कब्ज की समस्या बहुत सामान्य है। जब मल टाइट हो जाता है और बड़ी आंत से बाहर निकलने में सामान्य से अधिक समय लेता है तो इसे कब्ज कहते हैं। इस स्थिति में मल को शरीर के बाहर निकालने में परेशानी आती है। जन्म के बाद पहले सप्ताह में शिशु एक दिन में 4-6 बार मल करते हैं। इस दौरान मल मुलायम या लगभग पतला होता है। फिर अगले तीन महीनों तक बच्चे एक दिन में तीन बार मल पास करते हैं। जब बच्चे 2 साल के होते हैं, तब तक वो दिन में 1-2 बार मल करते हैं। सामान्य रूप से मल पास न कर पाना, मल के शरीर से बाहर निकलने में दर्द होना या कई दिनों तक मल पास न करना, कब्ज माना जाता है। ठोस आहार की शुरुआत के बाद यह परेशानी होना बेहद आम है। कब्ज होने पर बच्चे को मल करते वक्त बहुत ज्यादा जोर लगाना पड़ता है और उसका चेहरा लाल हो जाता है। अगर आपका बच्चा भी इस समस्या से जूझ रहा है तो कुछ घरेलू नुस्खे आपके तनाव को कम करने और बच्चे की पीड़ा को खत्म करने में काफी ज्यादा मददगार और उपयोगी साबित हो सकते हैं:
Diese Geschichte stammt aus der September 09, 2023-Ausgabe von Anokhi.
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डॉक्टरी निगरानी में रहना है जरूरी
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नीबू का छिलका भी है करामाती
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घर की थाली में कितना है पोषण?
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जैसे जींस के बिना वॉर्डरोब अधूरा है, ठीक वैसे ही हाई वेस्ट जींस के बिना फैशन अधूरा है। कैसे इस जींस की करें सही स्टाइलिंग, बता रही हैं