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कविता बलूनी वर्किंग प्रोफेशनल हैं। पर, साथ ही वो वेदा की मां भी हैं। कुछ दिनों पहले तीन-चार घंटे बाद अपनी मां से मिलने पर वेदा ने अपनी मां को जोर से गले लगाया। मां का हाथ पकड़े रखा और खूब दुलार किया। वेदा बार-बार कहती रही कि मां, मुझे आपकी बहुत याद आई। वेदा और कविता की इस कहानी की खास बात यह है कि वेदा को डाउन सिंड्रोम है। वह अपनी भावनाओं, बातों और जरूरतों को अभी शब्दों के माध्यम से खुलकर जाहिर नहीं कर पाती। कविता कहती हैं, 'जब बच्चा अपनी भावनाओं, प्यार और गुस्से को शब्दों से जाहिर नहीं कर पाता है, तो ऐसे में एक अभिभावक के लिए यह जरूरी हो जाता है कि वे अपने बच्चे के लव लैंग्वेज को समझें। शुरुआत में यह सब समझ पाना मेरे लिए भी आसान नहीं था। वेदा के साथ से मुझे यह समझ आया कि जब आप अपने बच्चे के लव लैंग्वेज को समझने लगते हैं तो शब्दों का कोई मतलब नहीं रह जाता। वो कई दफा बेमानी हो जाते हैं। वेदा मेरे हाथों को पकड़कर, मेरे चेहरे को छूकर यही जता रही थी कि मुझे आपकी बहुत याद आई।'
1992 में लिखी गई अपनी किताब द फाइव लव लैंग्वेज में मैरिज कांउसलर और लेखकर डॉ. ग्रे चैंपमैन ने बच्चों के लव लैंग्वेज और अभिभावकों द्वारा उन्हें समझे जाने की जरूरत के बारे में विस्तार से लिखा था। डॉ. ग्रे के मुताबिक बच्चे अपना प्यार पांच तरह से जताने की कोशिश करते हैं: प्यार भरी बातें, साथ वक्त बिताना, उपहार देना, स्पर्श और सामने वाले के लिए अपनी तरफ से मदद की कोशिश करना।
क्यों जरूरी है इसे जानना
Diese Geschichte stammt aus der September 23, 2023-Ausgabe von Anokhi.
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हम सबके पास ढेरों सवाल होते हैं, बस नहीं होता जवाब पाने का विश्वसनीय स्रोत। इस कॉलम के जरिये हम एक्सपर्ट की मदद से आपके ऐसे ही सवालों के जवाब तलाशने की कोशिश करेंगे। इस बार गाइनेकोलॉजिस्ट देंगी आपके सवालों के जवाब हमारी एक्सपर्ट हैं, डॉ. अर्चना धवन बजाज
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हुस्न पर तनाव की काली छाया
मानसिक तनाव आम समस्या बात बनती जा रही है। और इसका असर सेहत के साथ आपकी त्वचा और खूबसूरती पर भी पड़ता है। इसलिए न सिर्फ बेहतर दिखने के वास्ते बल्कि बेहतर जीवन जीने के लिए भी तनाव से बचने या उसके कम करने की तरीके पता होना जरूरी है। तनाव मुक्त होकर कैसे खूबसूरत नजर आएं, बता रही हैं स्वाति शर्मा